Class 10th Science Chapter 8 जीव जनन कैसे करते है

जीव जनन कैसे करते है

प्रश्न श्रृंखला-1 # पृष्ठ संख्या 142

प्रश्न 1.डी. एन. ए. प्रतिकृति का प्रजनन में क्या महत्व है?
उत्तर:- जनन की मूल घटना डी.एन.ए. की प्रतिकृति बनना है। जनन में एक कोशिका द्वारा डी.एन.ए. की प्रतिकृति का निर्माण तथा अतिरिक्त कोशिकीय संगठन का सृजन होता है।

प्रश्न 2.जीवों में विभिन्नता स्पीशीज के लिए तो लाभदायक है परन्तु व्यष्टि के लिए आवश्यक नहीं है, क्यों?
उत्तर:- अन्य जैव प्रक्रमों के विपरीत किसी जीव (व्यष्टि) के अपने अस्तित्व या अनुरक्षण के लिये जनन या डी.एन.ए. की प्रतिकृति बनाना आवश्यक नहीं परन्तु विभिन्न स्पीशीज (प्रजाति) की समष्टि के स्थायित्व के लिए लाभदायक है क्योंकि विभिन्नता के होते हुए भौतिक वातावरण में परिवर्तन होने पर उस प्रजाति के कुछ व्यष्टि नवीन परिस्थितियों के अनुकूल जीवित रह सकते हैं तथा जनन द्वारा वृद्धि कर सकते हैं।

प्रश्न श्रृंखला-2 # पृष्ठ संख्या 146

प्रश्न 1.द्विखण्डन, बहुखण्डन से किस प्रकार भिन्न है?
उत्तर:- द्विखण्डन में एक कोशा प्रायः दो समान भागों में विभक्त होकर दो जीवों को एक साथ जन्म देती है जबकि बहुविखण्डन में एक कोशा अनेक संतति कोशिकाओं में एक साथ विखण्डित होकर अनेक जीवों को एक साथ जन्म देती है।

प्रश्न 2.बीजाणु द्वारा जनन से जीव किस प्रकार लाभान्वित होता है?
उत्तर:- बीजाणुजनन की प्रक्रिया में एक बार में बहुत संख्या में बीजाणुओं का निर्माण होता है तथा ये बीजाणु वायु के द्वारा आसानी से दूर-दूर तक चले जाते हैं। इस प्रकार स्पर्धा से बचते हैं। इसके अतिरिक्त बीजाणुओं के चारों ओर एक मोटी भित्ति होती है जो प्रतिकूल परिस्थितियों में उसकी रक्षा करती है तथा अनुकूल परिस्थिति में नम सतह के सम्पर्क में आने पर बीजाणु वृद्धि करने लगते हैं। इस प्रकार बीजाणु द्वारा जनन से जीव अधिक सुरक्षित रहते हैं। इस कारण ये इस विधि से लाभान्वित होते हैं।

प्रश्न 3.क्या आप कुछ कारण सोच सकते हैं, जिससे पता चलता हो कि जटिल संरचना वाले जीव पुनरुद्भवन द्वारा नयी संतति उत्पन्न नहीं कर सकते?
उत्तर:- जटिल संरचना वाले जीवों में विभिन्न क्रियाकलापों के लिए विभिन्न ऊतक, अंग या अंगतन्त्र होते
हैं। जब इन जटिल संरचना वाले जीवों के किसी अंग के किसी भाग को काट दिया जाता है तो विभिन्न
प्रकार की कोशिकाओं एवं ऊतकों का निर्माण नहीं होता तथा इनमें पुनरुद्भवन की प्रक्रिया नहीं होती। इसलिए जटिल संरचना वाले जीव पुनरुद्भवन द्वारा नयी संतति उत्पन्न नहीं कर सकते।

प्रश्न 4.कुछ पौधों को उगाने के लिए कायिक प्रवर्धन का उपयोग क्यों किया जाता है?
उत्तर:- कुछ पौधों में ऐसी क्षमता होती है कि उनके कुछ भाग; जैसे-जड़, तना तथा पत्तियाँ उपयुक्त परिस्थितियों में विकसित होकर नया पौधा बना लेती हैं। इस प्रक्रिया में नये पौधे शीघ्र तथा आसानी से उत्पन्न हो जाते हैं तथा ऐसे पौधे भी इस विधि से उगाये जा सकते हैं जो बीज उत्पन्न करने की क्षमता खो चुके होते हैं। इसके अतिरिक्त इस प्रकार से उत्पन्न पौधे आनुवांशिक रूप से जनक पौधे के समान होते हैं। इसलिए कुछ पौधों को उगाने के लिए कायिक प्रवर्धन का उपयोग किया जाता है।

प्रश्न 5.डी. एन. ए. की प्रतिकृति बनाना जनन के लिए आवश्यक क्यों है?
उत्तर:- डी.एन.ए. के अणुओं में आनुवंशिक गुणों का संदेश होता है जो जनक से संतति पीढ़ी तक स्थानान्तरित होता है, अतः जनन की मूल घटना डी.एन.ए. की प्रतिकृति बनाना है। इसलिए जनन के लिए डी.एन.ए. की प्रतिकृति बनाना आवश्यक है।

प्रश्न श्रृंखला-3 # पृष्ठ संख्या 154

प्रश्न 1.परागण क्रिया निषेचन से किस प्रकार भिन्न है?
उत्तर:- परागण, परागकणों का पुंकेसर के परागकोश से किसी भी विधि द्वारा स्त्रीकेसर के वर्तिकाग्र तक पहुँचने की क्रिया है। जबकि निषेचन परागकणों में उपस्थित नर युग्मक का अण्डाशय में स्थित मादा युग्मक से मिलना है।

प्रश्न 2.शुक्राशय एवं प्रोस्टेट ग्रंथि की क्या भूमिका है?
उत्तर:- शुक्राशय एवं प्रोस्टेट ग्रन्थि से होने वाला स्राव शुक्राशय में जाकर शुक्राणुओं को एक तरल माध्यम प्रदान करता है। इससे इनका स्थानान्तरण सरलता से होता है तथा यह स्राव शुक्राणुओं को पोषण भी प्रदान करता है।

प्रश्न 3.यौवनारम्भ के समय लड़कियों में कौन-से परिवर्तन दिखाई देते हैं?
उत्तर:- काँख और जाँघों के मध्य जननांगी क्षेत्र में बालगुच्छ निकल आते हैं। स्तनों के आकार में वृद्धि होने लगती है। रजोधर्म प्रारम्भ हो जाता है। इस प्रकार यौवनावस्था के समय लड़कियों में उपर्युक्त परिवर्तन दिखाई देते हैं।

प्रश्न 4.माँ के शरीर में गर्भस्थ भ्रूण को पोषण किस प्रकार प्राप्त होता है?
उत्तर:- माँ के शरीर में गर्भस्थ भ्रूण को पोषण माँ के रुधिर से होता है। इसके लिए विशेष संरचना होती है
जिसे प्लेसेण्टा कहते हैं। यह माँ से भ्रूण को ग्लूकोज, ऑक्सीजन एवं अन्य पदार्थों की आपूर्ति माँ के रक्त से करता है।

प्रश्न 5.यदि कोई महिला कॉपर-टी का प्रयोग कर रही है तो क्या यह उसकी यौन-संचरित रोगों से रक्षा करेगा?
उत्तर:- नहीं।

पाठान्त अभ्यास के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.अलैंगिक जनन मुकुलन द्वारा होता है –
(a) अमीबा में।
(b) यीस्ट में।
(c) प्लाज्मोडियम में।
(d) लेस्मानिया में।
                                        उत्तर:- (b) यीस्ट में।

प्रश्न 2.निम्न में से कौन मानव में मादा जनन जन्त्र का भाग नहीं है?
(a) अण्डाशय।
(b) गर्भाशय।
(c) शुक्रवाहिनी।
(d) डिम्बवाहिनी।
                                        उत्तर:- (c) शुक्रवाहिनी।

प्रश्न 3. परागकोश में होते हैं –
(a) बाह्यदल।
(b) अण्डाशय।
(c) अण्डप।
(d) परागकण।
                                        उत्तर:- (d) परागकण।

प्रश्न 4. अलैंगिक जनन की अपेक्षा लैंगिक जनन के क्या लाभ हैं?
उत्तर:- लैंगिक जनन के लाभ (महत्व) – अलैंगिक जनन की अपेक्षा:

  1. लैंगिक जनन में सन्तति में नए गुणों के विकास की सम्भावना होती है जो अलैंगिक जनन में नहीं।
  2. नवीन संतति में विभिन्नता का विकास होता है जो अलैंगिक जनन में नहीं। लैंगिक जनन के फलस्वरूप उत्पन्न विभिन्नताएँ उस स्पीशीज के अस्तित्व को बनाए रखने में सहायक होती हैं जो अलैंगिक जनन में सम्भव नहीं। अतः अलैंगिक जनन की अपेक्षा लैंगिक जनन के अनेक लाभ हैं।

प्रश्न 5. मानव में वृषण के क्या कार्य हैं?
उत्तर:- मानव में वृषण के कार्य:- मानव वृषण में नर जनन कोशा शुक्राणुओं का निर्माण होता है। इसके अतिरिक्त टेस्टोस्टेरॉन नामक हॉर्मोन का स्राव होता है जो शुक्राणु उत्पादन के नियन्त्रण के अतिरिक्त लड़कों में यौवनावस्था के लक्षणों का भी नियन्त्रण करता है।

प्रश्न 6. ऋतु स्राव क्यों होता है?
उत्तर:- जब अण्ड निषेचन नहीं होता तो गर्भाशय की भित्ति में बनने वाली परत का कोई उपयोग नहीं रहता। अत: यह परत धीरे-धीरे टूट कर योनि मार्ग से रुधिर एवं म्यूकस के रूप में निष्कासित होती है। इसलिए ऋतु स्राव होता है।

प्रश्न 7.पुष्प की अनुदैर्घ्य काट का नामांकित चित्र बनाइए।
उत्तर: पुष्प की अनुदैर्घ्य काट का नामांकित चित्र –

पुष्प की अनुदैर्घ्य काट
प्रश्न 8. गर्भ निरोधन की विभिन्न विधियाँ कौन-सी हैं?
उत्तर:- गर्भ निरोधन की विभिन्न विधियाँ:
  1. यान्त्रिक विधियाँ: पुरुषों द्वारा कण्डोम का उपयोग तथा स्त्रियों में लूप या कॉपर टी को गर्भाशय में स्थापित करना।
  2. शल्य क्रिया विधियाँ: पुरुषों में शुक्रवाहिकाओं को अवरुद्ध करना तथा स्त्रियों में अण्डवाहिनी को अवरुद्ध करना।
  3. शल्य क्रिया द्वारा अनचाहे गर्भ का समापन लेकिन इस विधि का दुरुपयोग हो रहा है जो गैर-कानूनी है।
  4. हॉर्मोन संतुलन द्वारा: इसके लिए गोलियों का सेवन किया जाता है।
  5. प्राकृतिक विधि: आत्म संयम द्वारा ऋतु स्राव अवधि के 10वें दिन से 17वें दिन तक यौन सम्बन्ध से दूर रहना।
प्रश्न 9. एककोशिक एवं बहुकोशिक जीवों की जनन पद्धति में क्या अन्तर है?
उत्तर:- एककोशिक जीवों में प्रजनन केवल अलैंगिक विधि से होता है जबकि बहुकोशिक जीवों में अलैंगिक तथा लैंगिक दोनों प्रकार से जनन हो सकता है।
प्रश्न 10. जनन किसी स्पीशीज की समष्टि के स्थायित्व में किस प्रकार सहायक है?
उत्तर:- जनन के कारण जीवन की निरंतरता बनी रहती है। जनन में जीव लगभग अपने जैसे जीवों को जन्म देता है। इस कारण उस स्पीशीज की जनसंख्या बढ़ती जाती है। अनुकूल विभिन्नताओं का एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक संवहन जनन द्वारा ही सम्भव है। जनन का विकास में भी योगदान है। जनन किसी स्पीशीज की समष्टि का संरक्षण कर उसके स्थायित्व में सहायक है।
प्रश्न 11.गर्भ निरोधक युक्तियाँ अपनाने के क्या कारण हो सकते हैं?
उत्तर:- यौन (लैंगिक) क्रिया द्वारा गर्भ धारण की सम्भावना सदैव ही बनी रहती है। गर्भ धारण की अवस्था में स्त्री के शरीर एवं भावनाओं की मांग एवं आपूर्ति बढ़ जाती है एवं यदि वह इसके लिए तैयार नहीं है, तो इसका उसके स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। इसके अतिरिक्त स्त्री की शारीरिक अस्वस्थता एवं असमर्थता भी उसे गर्भ धारण न करने के लिए बाध्य करती है। इस कारण गर्भ निरोधक युक्तियाँ अपनानी पड़ती हैं।

परीक्षोपयोगी अतिरिक्त प्रश्नोत्तर (बहुविकल्पीय प्रश्न)

प्रश्न 1.एक विद्यार्थी से राजमा के बीज के भ्रूण का प्रेक्षण करके उसके विभिन्न भागों की पहचान करने को कहा गया। उसने भ्रूण के भागों को पहचान कर नीचे दी गयी सूची बनाई –
(i) अन्तःकवच।
(ii) बीजचोल।
(iii) बीजपत्र।
(iv) मूलांकुर।
(v) प्रांकुर।
इनमें से सही पहचाने गए भाग हैं –
(a) (i), (ii) एवं (iii)
(b) (ii), (iii) एवं (iv)
(c) (iii), (iv) एवं (v)
(d) (i), (iii) (iv) एवं (v)
                                        उत्तर:- (c) (iii), (iv) एवं (v)
प्रश्न 2.प्रयोगशाला में मटर के बीज के भ्रूण का प्रेक्षण करते समय किसी छात्र ने नीचे दिए गए अनुसार भ्रूण के विभिन्न भागों की अपनी नोट बुक में सूची बनाईबीजावरण, अन्तःकवच, मूलांकुर, प्रांकुर, बीजाण्ड द्वार, बीजपत्र। उपर्युक्त सूची में से सही तीन भाग हैं –
(a) बीजावरण, मूलांकुर, बीजपत्र।
(b) अन्त:कवच, मूलांकुर, बीजाण्डद्वार।
(c) बीजपत्र, प्रांकुर, बीजावरण।
(d) मूलांकुर, बीजपत्र, प्रांकुर।
                                        उत्तर:- (d) मूलांकुर, बीजपत्र, प्रांकुर।
प्रश्न 3.द्विबीजपत्री बीज के भ्रूण के विभिन्न भागों को पहचानने का प्रयोग करने के लिए सर्वप्रथम आपको कोई द्विबीजपत्री बीज चाहिए। निम्नलिखित समूह में से द्विबीजपत्री बीज चुनिएगेहूँ, चना, मक्का, मटर, जौ, मूंगफली।
(a) गेहूँ, चना और मटर।
(b) चना, मटर और मूंगफली।
(c) मक्का, मटर और जौ।
(d) चना, मक्का और मूंगफली।
                                        उत्तर:- (b) चना, मटर और मूंगफली
प्रश्न 4.निम्न जीवों की सूची में से अलैंगिक जनन करने वाले जीव हैं –
(i) बनाना।
(ii) कुत्ता।
(iii) यीस्ट।
(iv) अमीबा।
(a) (ii) एवं (iv)
(b) (i), (iii) एवं (iv)
(c) (i) एवं (iv)
(d) (ii), (iii) एवं (iv)
                                        उत्तर:- (d) (ii), (iii) एवं (iv)
प्रश्न 5.एक पुष्प में नर युग्मक एवं मादा युग्मक बनाने वाले भाग हैं –
(a) पुंकेसर एवं परागकोश।
(b) पुतन्तु एवं वर्तिकाग्र।
(c) परागकोश एवं अण्डाशय।
(d) पुंकेसर एवं स्त्रीकेसर।
                                        उत्तर:- (c) परागकोश एवं अण्डाशय।
प्रश्न 6. पुष्यों में लैंगिक जनन की प्रक्रिया में घटनाओं का सही क्रम क्या है?
(a) परागण, निषेचन, अंकुरण, भ्रूण।
(b) अंकुरण, भ्रूण, निषेचन, परागण।
(c) परागण, निषेचन, भ्रूण, अंकुरण।
(d) भ्रूण, अंकुरण, परागण, निषेचन।
                                        उत्तर:- (c) परागण, निषेचन, भ्रूण, अंकुरण।
प्रश्न 7. अलैंगिक जनन से उत्पन्न नवजातों में परस्पर अधिक समानताएँ होती हैं, क्योंकि –
(i) अलैंगिक जनन में केवल एक जनक होता है।
(ii) अलैंगिक जनन में युग्मकों की कोई भूमिका नहीं है।
(iii) अलैंगिक जनन लैंगिक जनन से पहले होता है।
(iv) अलैंगिक जनन लैंगिक जनन की बाद में होता है।
(a) (i) एवं (ii)
(b) (i) एवं (iii)
(c) (i) एवं (iv)
(d) (iii) एवं (iv)
                                        उत्तर:- (a) (i) एवं (ii)
प्रश्न 8.जो गुण जनकों से शिशुओं (नवजातों) में स्थानान्तरित होते हैं, वे होते हैं –
(a) साइटोप्लाज्म में।
(b) राइबोसोम्स में।
(c) गॉल्जी बॉडी में।
(d) जीन्स में।
                                        उत्तर:- (d) जीन्स में।
प्रश्न 9.जो गुण जनन के समय जनकों से नवजातों में स्थानान्तरित होते हैं, वे प्रदर्शित करते हैं –
(a) जनकों से केवल समानताएँ।
(b) जनकों से केवल असमानताएँ।
(c) जनकों से समानताएँ एवं असमानताएँ दोनों
(d) जनकों से न तो समानताएँ और नही असमानताएँ।
                                        उत्तर:- (c) जनकों से समानताएँ एवं असमानताएँ दोनों
प्रश्न 10. अमीबा, स्पाइरोगायरा एवं यीस्ट के जनन में एकसमान बात तो यह है कि –
(a) वे सभी अलैंगिक प्रजनन करते हैं।
(b) वे सभी एककोशिकीय हैं।
(c) वे सभी केवल लैंगिक जनन करते हैं।
(d) वे सभी बहुकोशिकीय हैं।
                                        उत्तर:- (a) वे सभी अलैंगिक प्रजनन करते हैं।
प्रश्न 11. स्पाइरोगायरा में अलैंगिक जनन निम्न के द्वारा होता है –
(a) फिलामेण्ट का छोटे-छोटे टुकड़ों में विखण्डन होना।
(b) एक कोशा का दो कोशिकाओं में विभाजन होना।
(c) एक कोशा का अनेक कोशिकाओं में विभाजन होना।
(d) पुरानी कोशिकाओं से युवा कोशिकाओं का बनना।
                                        उत्तर:- (a) फिलामेण्ट का छोटे-छोटे टुकड़ों में विखण्डन होना।
प्रश्न 12. प्लाज्मोडियम में जनन के समय एक कोशिका का अनेक कोशिकाओं में विखण्डित होना कहलाता है –
(a) मुकुलन (कलिकायन)।
(b) निम्नीकरण विभाजन।
(c) द्विविखण्डन।
(d) बहुविखण्डन।
                                        उत्तर:- (d) बहुविखण्डन।
प्रश्न 13. पुष्पी पादप में जनन स्तरों का सही क्रम है –
(a) युग्मक, युग्मनज, भ्रूण, अंकुरण।
(b) युग्मनज, युग्मक, भ्रूण, अंकुरण।
(c) अंकुरण, भ्रूण, युग्मनज, युग्मक।
(d) युग्मक, भ्रूण, युग्मनज, अंकुरण।
                                        उत्तर:- (a) युग्मक, युग्मनज, भ्रूण, अंकुरण।
प्रश्न 14. क्रोमोसोम्स (गुणसूत्रों) की संख्या जनकों एवं नवजातों में समान रहती है निम्न के कारण –
(a) युग्मनज बनने के बाद गुणसूत्रों की संख्या द्विगुणित हो जाती है।
(b) युग्मक बनते समय गुणसूत्रों की संख्या आधी रह जाती है।
(c) युग्मक बनने के बाद गुणसूत्रों की संख्या द्विगुणित हो जाती है।
(d) युग्मक बनने के बाद गुणसूत्रों की संख्या आधी रह जाती है।
                                        उत्तर:- (b) युग्मक बनते समय गुणसूत्रों की संख्या आधी रह जाती है।
प्रश्न 15. राइजोपस में नालिकीय धागे की तरह संरचना जिसके सिरों पर स्पोरेन्जिया होते हैं, कहलाती है –
(a) तन्तु।
(b) हाइफा।
(c) राइजोइड।
(d) जड़ें।
                                        उत्तर:- (b) हाइफा।
प्रश्न 16. नवीन पौधे तैयार करने के लिए वर्षी प्रजनन की प्रक्रिया निम्नलिखित भागों से होती है –
(a) तना, जड़ एवं फूल।
(b) तना, जड़ एवं पत्तियाँ।
(c) तना, पुष्प एवं फल।
(d) तना, पत्तियाँ एवं पुष्प।
                                        उत्तर:- (b) तना, जड़ एवं पत्तियाँ।
प्रश्न 17.  ब्रेड-स्लाइसों में ब्रेड-मोल्ड को तेजी से फैलाने वाले उत्तरदायी कारक हैं –
(i) स्पोर की बड़ी संख्या।
(ii) ब्रेड में नमी (आर्द्रता) एवं पोषकों की उपलब्धता।
(iii) नलिकामय शाखान्वित हाइफा की उपस्थिति।
(iv) गोलाकार स्पोरेंजिया का बनना।
(a) (i) एवं (iii)
(b) (ii) एवं (iv)
(c) (i) एवं (ii)
(d) (iii) एवं (iv)
                                        उत्तर:- (c) (i) एवं (ii)
प्रश्न 18. पराग नलिका की लम्बाई निम्न के बीच दूरी पर निर्भर करती है –
(a) परागकण एवं वर्तिकाग्र का ऊपरी तल।
(b) वर्तिकाग्र के ऊपरी सिरे तल पर स्थित परागकण एवं बीजाण्ड।
(c) परागकोश में परागकण एवं वर्तिकाग्र का ऊपरी तल।
                                        उत्तर:- (b) वर्तिकाग्र के ऊपरी सिरे तल पर स्थित परागकण एवं बीजाण्ड।
प्रश्न 19. पुष्यों के लिए निम्न में कौन-से कथन सत्य हैं?
(i) पुष्प सदैव द्विलिंगी होते हैं।
(ii) पुष्प लैंगिक जननांग है।
(iii) पुष्प पादपों के सभी समूहों में उत्पन्न होते हैं।
(iv) निषेचन के बाद पुष्प फलों में विकसित हो जाते हैं।
(a) (i) एवं (iv)
(b) (ii) एवं (iii)
(c) (i) एवं (iii)
(d) (ii) एवं (iv)
                                        उत्तर:- (d) (ii) एवं (iv)
प्रश्न 20. एकलिंगी पुष्यों के लिए निम्न में कौन-से कथन सत्य हैं?
(i) उनमें पुंकेसर एवं स्त्रीकेसर दोनों होते हैं।
(ii) उनमें या तो पुंकेसर होते हैं अथवा स्त्रीकेसर।
(iii) उनमें पर-परागण होता है।
(iv) वे एकलिंगी पुष्प जिनमें केवल पुंकेसर होता है, फल नहीं बना सकते।
(a) (i) एवं (iv)
(b) (ii), (iii) एवं (iv)
(c) (iii) एवं (iv)
(d) (i), (iii) एवं (iv)
                                        उत्तर:- (b) (ii), (iii) एवं (iv)
प्रश्न 21.पुष्पी पादपों में लैंगिक जनन के सन्दर्भ में कौन-से कथन निम्न में से सत्य हैं?
(i) इसके लिए दोनों प्रकार के युग्मकों की आवश्यकता है।
(ii) निषेचन एक आवश्यक घटना है।
(iii) इसका परिणाम सदैव युग्मनज बनाना है।
(iv) नवजात क्लोन होते हैं।
(a) (i) एवं (iv)
(b) (i), (ii) एवं (iv)
(c) (i), (ii) एवं (iii)
(d) (i), (ii) एवं (iv)
                                        उत्तर:- (c) (i), (ii) एवं (iii)

प्रश्न 22.संलग्न चित्र में भाग A, B एवं c हैं क्रमश:
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(a) बीजपत्र, प्रांकुर एवं मूलांकुर।
(b) प्रांकुर, मूलांकुर एवं बीजपत्र।
(c) प्रांकुर, बीजपत्र एवं मूलांकुर।
(d) मूलांकुर, बीजपत्र एवं प्रांकुर।
                                        उत्तर:- (c) प्रांकुर, बीजपत्र एवं मूलांकुर।

प्रश्न 23.लैंगिक जनन के परिणामस्वरूप उत्पन्न नवजात अधिक असमानताओं का प्रदर्शन करते हैं, क्योंकि –
(a) लैंगिक जनन एक लम्बी प्रक्रिया है।
(b) जनन सामग्री एक ही जाति के दो जनकों से प्राप्त होती है।
(c) जनन सामग्री दो विभिन्न जाति के जनकों से प्राप्त होती है।
(d) जनन सामग्री अनेक जनकों से प्राप्त होती है।
                                        उत्तर:- (b) जनन सामग्री एक ही जाति के दो जनकों से प्राप्त होती है।

प्रश्न 24. जैव जगत के लिए जनन अति आवश्यक है –
(a) जीव को जीवित रखने के लिए।
(b) उनकी ऊर्जा की आवश्यकता की पूर्ति के लिए।
(c) वृद्धि को बनाए रखने के लिए।
(d) पीढ़ी-दर-पीढ़ी अपनी जाति को बनाए रखने के लिए।
                                        उत्तर:- (d) पीढ़ी-दर-पीढ़ी अपनी जाति को बनाए रखने के लिए।

प्रश्न 25.युवावस्था के दौरान मानव शरीर में अनेक परिवर्तन होते हैं। निम्न में एक परिवर्तन जो लैंगिक परिपवक्ता से सम्बन्धित हो, चुनिए –
(a) दूध के दाँतों का टूटना।
(b) लम्बाई में वृद्धि।
(c) आवाज का भारी होना।
(d) भार में वृद्धि।
                                        उत्तर:- (c) आवाज का भारी होना।

प्रश्न 26. महिलाओं (मादा मानवों) में वह घटना जो उन्हें जनन के लिए परिपक्वता का प्रदर्शन करती है –
(a) शरीर का विकास।
(b) बालों के पेटर्न में बदलाव।
(c) आवाज में परिवर्तन।
(d) ऋतुस्राव (मासिक धर्म)।
                                        उत्तर:- (d) ऋतुस्राव (मासिक धर्म)।

प्रश्न 27. नर मानवों में वृषण, वृषणकोश में रहते हैं, क्योंकि यह सहायक है –
(a) मैथुन की प्रक्रियाएँ में।
(b) शुक्राणु के निर्माण में।
(c) युग्मकों के आसान स्थानान्तरण में।
(d) उपर्युक्त सभी में।
                                        उत्तर:- (b) शुक्राणु के निर्माण में।

प्रश्न 28. निम्नलिखित में से कौन-सा यौवनारम्भ के समय वृषण का कार्य नहीं है?
(i) शुक्राणु कोशाओं का निर्माण करना।
(ii) टेस्टोस्टेरॉन का स्रावण करना।
(iii) प्लेसेण्टा का विकास करना।
(iv) एस्ट्रोजन का स्रावण।
(a) (i) एवं (ii)
(b) (ii) एवं (iii)
(c) (iii) एवं (iv)
(d) (i) एवं (iv)
                                        उत्तर:- (c) (iii) एवं (iv)

प्रश्न 29. नर जनन तन्त्र में शुक्राणुओं के संवहन (गमन) में सहायक अंगों का सही क्रम है –
(a) वृषण – शुक्रवाहिनी – शिश्न।
(b) वृषण-मूत्रनली – शिश्न।
(c) वृषण – शिश्न – मूत्रनली।
(d) वृषण – शुक्रवाहिनी – मूत्रनली।
                                        उत्तर: -  (a) वृषण – शुक्रवाहिनी – शिश्न।

प्रश्न 30. निम्न रोगों में से कौन-सा रोग मैथुन के द्वारा फैलने वाला (यौन-जनित) रोग नहीं है?
(a) सिफलिस।
(b) हिपेटाइटिस।
(c) HIV-AIDS।
(d) गोनेरिया।
                                        उत्तर:- (b) हिपेटाइटिस।

रिक्त स्थानों की पूर्ति

  1. मनुष्य में वृषण …… में पाए जाते हैं।
  2. मनुष्य में ………….. जनन होता है।
  3. अपुष्पी पादपों में ………….. जनन होता है।
  4. मादा और गर्भस्थ शिशु के बीच जैविक सम्बन्ध स्थापित करने वाला ऊतक ………….. कहलाता है।
  5. नर युग्मक एवं मादा युग्मक के संलयन की क्रिया ………… कहलाती है।

उत्तर:

  1. वृषणकोश।
  2. लैंगिक।
  3. अलैंगिक।
  4. प्लेसेण्टा।
  5. निषेचन।

 जोड़ी बनाइए :-

            स्तम्भ अ                         स्तम्भ ब

  1. नर युग्मक                         (a) कलिकायन
  2. मादा युग्मक                       (b) द्विलिंगी पुष्पों में
  3. पादप का लैंगिक भाग             (c) शुक्राणु
  4. अलैंगिक जनन                    (d) अण्डाणु 
  5. स्वपरागण                         (e) पुष्प

उत्तर:
1.    → (c)
2.    → (d)
3.    → (e)
4.    → (a)
5.    → (b)

सत्य/असत्य कथन

  1. निषेचन के तुरन्त बाद युग्मनज बनता है।
  2. बहुविखण्डन की प्रक्रिया अलैंगिक जनन की है।
  3. एकलिंगी पुष्पों में स्वपरागण होता है।
  4. द्विलिंगी पुष्पों में स्वपरागण अथवा पर-परागण कुछ भी हो सकता है।
  5. एककोशीय जीवों में लैंगिक जनन होता है।

उत्तर:

  1. असत्य।
  2. सत्य।
  3. असत्य।
  4. सत्य।
  5. असत्य।

एक शब्द/वाक्य में उत्तर

  1. परागकोश से परागणकणों का वर्तिकाग्र तक पहुँचने की घटना क्या कहलाती है?
  2. नर युग्मक एवं मादा युग्मकों के संलयन को क्या कहते हैं?
  3. मनुष्य में शुक्राणु जनन क्रिया कहाँ होती है?
  4. मनुष्य में अण्डाणु जनन क्रिया कहाँ होती है?
  5. किसी जीव के उस जैव प्रक्रम का नाम लिखिए जो उसकी समष्टि की वृद्धि में सहायता करता है।
  6. जब कोई कोशिका जनन करती है तो उसके DNA का क्या होता है?
  7. क्या होता है जब कोई परिपक्व स्पाइरोगाइरा तन्तु काफी लम्बा हो जाता है?

उत्तर:

  1. परागण।
  2. निषेचन।
  3. वृषण।
  4. अण्डाशय में।
  5. जनन।
  6. भिन्नता आ जाती है।
  7. विखण्डित होकर नवजातों को जन्म देता है।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.जनन क्या है?
उत्तर:- जनन:- “सजीवों की अपने समान आकृति, रंग-रूप एवं गुणों के नए जीव उत्पन्न करने की क्षमता जनन कहलाती है।”

प्रश्न 2.अलैंगिक जनन किसे कहते हैं?
उत्तर: अलैंगिक जनन: - जीवों में जनन की वह प्रक्रिया जिसमें युग्मकों का निर्माण नहीं होता बल्कि जनन जैव के अलैंगिक भागों (अंगों) के द्वारा होता है, अलैंगिक जनन कहलाता है।”

प्रश्न 3.कायिक प्रवर्धन क्या होता है?
उत्तर: कायिक प्रवर्धन:- “जब मनुष्य कृत्रिम रूप से पौधों के विभिन्न भागों (रचनाओं) से नवीन पौधे पैदा करता है तो इस प्रक्रिया को कायिक प्रवर्धन या कृत्रिम अलैंगिक जनन कहते हैं।”

प्रश्न 4. मुकुलन क्या है?
उत्तर: मुकुलन: - कुछ जीवों में उनके शरीर पर कुछ उभार उत्पन्न हो जाते हैं जो परिपक्व होने पर जीव से अलग होकर नए जीव को जन्म देते हैं। जनन की यह प्रक्रिया मुकुलन (कलिकायन) कहलाती है।”

प्रश्न 5. पुनरुद्भवन (पुनर्जनन) से क्या समझते हो?
उत्तर: पुनरुद्भवन (पुनर्जनन):- “शरीर के नवनिर्माण की वह शक्ति जिसके अन्तर्गत शरीर के टूट जाने पर उसकी मरम्मत हो जाती है और प्रत्येक टुकड़ा पूर्ण होकर नया जीव बनाता है, पुनरुद्भवन (पुनर्जनन) कहलाता है।”

प्रश्न 6. द्विखण्डन (द्वि-विखण्डन) क्या है?
उत्तर:- द्विखण्डन:- “एककोशिकीय जीवों में कोशिका विभाजन द्वारा दो बराबर भागों में विभक्त हो जाती है तथा प्रत्येक भाग एक नए जीव को जन्म देता है। इस प्रक्रिया को द्विखण्डन (द्वि-विखण्डन) कहते हैं।”

प्रश्न 7. बहुखण्डन (बहुविखण्डन) क्या है?
उत्तर: बहुखण्डन:- “कुछ एककोशिकीय जीवों में एक कोशिका अनेक संतति कोशिकाओं में एक साथ विभाजित हो जाती है तथा अनेक नवजीवों को उत्पन्न करती है। यह प्रक्रियो बहुखण्डन (बहुविखण्डन) कहलाती है।”

प्रश्न 8. खण्डन क्या है?
उत्तर: सरल संरचना वाले बहुकोशिकीय जीव विकसित होकर छोटे-छोटे टुकड़ों में खण्डित हो जाते हैं। ये टुकड़े (खण्ड) वृद्धि करके नए जीव में विकसित हो जाते हैं यह प्रक्रिया खण्डन कहलाती है।

प्रश्न 9. बीजाणु समासंघ क्या होता है?
उत्तर: बीजाणु समासंघ:- “अनेक सरल बहुकोशिकीय जीवों में विशिष्ट संरचनाएँ पाई जाती हैं जो बीजाणुधानी कहलाती हैं जिनमें बीजाणु पाए जाते हैं जो अनुकूल परिस्थितियाँ होने पर नए जीव उत्पन्न करते हैं। अलैंगिक जनन की यह प्रक्रिया बीजाणु समासंघ कहलाती है।

प्रश्न 10. लैंगिक जनन किसे कहते हैं?
उत्तर: लैंगिक जनन:- “नर जनन कोशा एवं मादा जनन कोशा के संयोग (सम्मिलन) से होने वाले जनन को लैंगिक जनन कहते हैं।”

प्रश्न 11. परागण किसे कहते हैं?
उत्तर:- परागण:- “वह प्रक्रिया जिसमें परागकोश से परागकण वर्तिकाग्र तक पहुँचते हैं परागण कहलाती है।” अर्थात् “परागकणों का किसी भी माध्यम से परागकोश से वर्तिकाग्र तक पहुँचने की प्रक्रिया परागण कहलाती है।”

प्रश्न 12. स्वपरागण क्या होता है?
उत्तर:- स्वपरागण:- “जब किसी एक पुष्प के पुंकेसर परागकोश से परागकण उसी पुष्प की स्त्रीकेसर की वर्तिकान पर पहुँचते हैं तो परागण की यह प्रक्रिया स्वपरागण कहलाती है।”

प्रश्न 13. पर-परागण क्या है?
उत्तर:- पर-परागण:- “जब एक पुष्प के परागकोश से परागकण दूसरे पुष्प की वर्तिकाग्र तक किसी भी माध्यम की सहायता से पहुँचते हैं तो परागण की यह प्रक्रिया पर-परागण कहलाती है।”

प्रश्न 14. निषेचन किसे कहते हैं?
उत्तर:- निषेचन: “नर युग्मक एवं मादा युग्मक का संयोग (सम्मिलन) निषेचन कहलाता है।”

प्रश्न 15. अंकुरण किसे कहते हैं?
उत्तर:- अंकुरण:- “बीजों में भावी पौधा भ्रूण होता है जो अनुकूल परिस्थितियों में नवोद्भिद् में विकसित हो जाता है। इस प्रक्रिया को अंकुरण या बीजों का अंकुरण कहते हैं।”

प्रश्न 16. ऋतुस्राव या रजोधर्म किसे कहते हैं?
उत्तर: ऋतुस्राव या रजोधर्म:- “अण्ड के निषेचन न होने की अवस्था में गर्भाशय की दीवारों पर जमी माँसल पर्त धीरे-धीरे टूट कर योनि मार्ग से रुधिर एवं म्यूकस के रूप में निष्कासित होती है। इसे ऋतुस्राव अथवा रजोधर्म कहते हैं।”

प्रश्न 17. एक द्विलिंगी पुष्य में से पुंकेसरों को काटकर निकाल दिया जाता है। इसके बाद भी वह पुष्प फल उत्पन्न करता है? ऐसी स्थिति की उचित व्याख्या कीजिए।
उत्तर:- पुष्प में स्त्रीकेसर है और फल स्त्रीकेसर बनाती है तथा पर-परागण द्वारा उसे नर जनन कोशा परागकण निषेचन के लिए प्राप्त हो जाते हैं, फलस्वरूप वे फल बनाते हैं।

प्रश्न 18. क्या आप एककोशीय जीवों में कोशिका विभाजन को जनन का प्रकार समझते हैं? एक कारण दीजिए।
उत्तर: हाँ, एककोशीय जीवों में कोशिका विभाजन एक प्रकार का अलैंगिक जनन है, क्योंकि उस कोशिका विभाजन से नवजातों का जन्म होता है। इस प्रकार जीवों की संतति बढ़ती है।

प्रश्न 19. क्लोन क्या होते हैं? अलैंगिक जनन के फलस्वरूप उत्पन्न नवजातों में काफी अधिक सम्मानताएँ क्यों पाई जाती है?
उत्तर: क्लोन:- “किसी जीव के अलैंगिक जनन से उत्पन्न एकदम समरूप नवजात उस जीव के क्लोन कहलाते हैं।” चूँकि उनका एकल जनक होता है और उनका DNA उनके जनक के DNA से एकदम मेल खाता है। इसलिए उनमें काफी अधिक समानताएँ पाई जाती हैं।

प्रश्न 20. लैंगिक जनन से उत्पन्न नवजातों में गुणसूत्रों की संख्या उनके जनकों के गुणसूत्रों की संख्या के समान क्यों होती है?
उत्तर: युग्मक बनने की प्रक्रिया में अर्द्धसूत्री विभाजन के कारण युग्मकों (नर एवं मादा दोनों) में गुणसूत्रों की संख्या आधी रह जाती है और जब ये युग्मक निषेचन के लिए आपस में संयुक्त होते हैं तो उनके गुणसूत्र मिलकर संख्या पुनः जनकों के गुणसूत्रों के बराबर हो जाती है। यही कारण है कि लैंगिक जनन से उत्पन्न नवजातों में गुणसूत्रों की संख्या अपने जनकों के गुणसूत्रों के समान होती है।

प्रश्न 21. यीस्ट की कॉलोनी-जल में द्विगुणित होने में असफल हो जाती है, लेकिन शक्कर के विलयन में द्विगुणित होती है। क्यों? इसके लिए एक कारण दीजिए।
उत्तर: शक्कर के घोल में यीस्ट के प्रजनन के लिए आवश्यक ऊर्जा पर्याप्त मात्रा में मिलती है जिससे वे द्विगुणित होते हैं, लेकिन जल में अपर्याप्त ऊर्जा मिलने के कारण ये द्विगुणित होने में असफल हो जाते हैं।

प्रश्न 22. ब्रेड-मोल्ड नम ब्रेड स्लाइस पर अधिक तेजी से उगती है, जबकि सूखी ब्रेड स्लाइस पर नहीं, क्यों?
उत्तर: हाइफा की वृद्धि के लिए नमी (आर्द्रता) अति-आवश्यक है। भीगी या नम (आर्द्र) ब्रेड स्लाइस ब्रेड-मोल्ड के लिए पर्याप्त नमी एवं पोषक उपलब्ध कराती है, जबकि सूखी ब्रेड स्लाइस केवल पोषक ही उपलब्ध कराती है। इसलिए नम ब्रेड स्लाइस पर ब्रेड-मोल्ड अधिक तेजी से उगती है, पर सूखी ब्रेड-स्लाइस पर नहीं।

प्रश्न 23. लैंगिक जनन से प्राप्त नवजातों में विषमताएँ होने के दो कारण दीजिए।
उत्तर:

  1. लैंगिक जनन में दो जनक भाग लेते हैं जिनके गुण भिन्न होते हैं।
  2. युग्मकों में गुणसूत्रों का संयोग भिन्न-भिन्न होता है।

प्रश्न 24. अगर प्लेनेरिया को ऊर्ध्वाधरतः दो भागों में काट दिया जाए तो क्या वे कटे भाग दो अलग जीवों में पुनर्जनित हो जाएंगे? निम्नलिखित आकृति में D एवं E को पुनर्जनित भाग को दर्शाते हुए पूरा कीजिए।

 

उत्तर:  हाँ! संलग्न चित्र में D एवं E के छायांकित भाग पुनर्जनित भाग हैं।

प्रश्न 25. तम्बाकू के पौधे में नर युग्मक में 24 गुणसूत्र हैं। मादा युग्मक में कितने गुणसूत्र होंगे? युग्मनज में गुणसूत्रों की संख्या क्या होगी?
उत्तर: मादा युग्मक में गुणसूत्रों की संख्या = 24 युग्मनज में गुणसूत्रों की संख्या = 48.

प्रश्न 26. अगर परागण नहीं घटित होता तो पुष्पों में निषेचन की क्रिया क्यों नहीं होती?
उत्तर: पुष्पों में निषेचन के लिए दोनों नर युग्मक (परागकण) एवं मादा युग्मक (बीजाण्ड) चाहिए और अगर परागण नहीं होगा तो नर युग्मक (परागकणों) की अनुपस्थित में निषेचन भी नहीं होगा।

प्रश्न 27. क्या किसी जीव के युग्मनज, भ्रूणीय कोशा एवं जीव में गुणसूत्रों की संख्या सदैव निश्चित होती है? इन तीनों अवस्थाओं में निश्चित संख्या कैसे बनी रहती है?
उत्तर:  हाँ, क्योंकि तीनों अवस्थाओं में कोशिका विभाजन माइटोटिक कोशिका विभाजन होता है।

प्रश्न 28. निषेचन के बाद पुष्य में कहाँ युग्मनज स्थित होता है?
उत्तर: निषेचन के बाद पुष्प में युग्मनज अण्डाशय में उपस्थित बीजाण्ड में स्थित होता है।

प्रश्न 29. “जनन किसी जीव की जनसंख्या (समष्टि) के स्थायित्व से सम्बन्धित होती है।” इस कथन की पुष्टि कीजिए।
उत्तर: जनन की प्रक्रिया में DNA एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को स्थानान्तरित होते रहते हैं। ये DNA कुछ सूक्ष्म विभिन्नताओं के साथ कॉपी किए जाते हैं इसलिए जनसंख्या का स्थायित्व बना रहता है।

प्रश्न 30. अण्ड के निषेचन न होने की स्थिति में गर्भाशय में क्या परिवर्तन दिखाई देता है?
उत्तर: जब अण्ड का निषेचन नहीं होता तो भावी भ्रूण के पोषण हेतु जमा की गई मोटी माँसल एवं स्पंजी परत का गर्भाशय की दीवार से क्षरण होने लगता है और वह रक्त एवं म्यूकस के रूप में योनि मार्ग से, निष्कासित होती है।

प्रश्न 31. जब गर्भाशय में निषेचित अण्ड (युग्मनज) स्थापित हो जाता है तो गर्भाशय में क्या परिवर्तन दिखाई देता है?
उत्तर: गर्भाशय में निषेचित अण्ड (युग्मनज) के स्थापित होने पर गर्भाशय की दीवारें मोटी और स्पंजी हो जाती हैं तथा इनमें भ्रूण के पोषण के लिए रक्त प्रवाह बढ़ जाता है। एक विशेष ऊतक जिसे प्लेसेण्टा कहते हैं, द्वारा भ्रूण का सम्बन्ध गर्भाशय की दीवारों से हो जाता है जिसके द्वारा भ्रूण को पोषक पदार्थ एवं ऑक्सीजन की आपूर्ति होती है।

प्रश्न 32. मैथुन के समय गर्भ निरोधक यान्त्रिक विधियों के उपयोग के क्या लाभ हैं?
उत्तर: मैथुन के समय प्रयुक्त यान्त्रिक विधियाँ स्पर्म (शुक्राणुओं) को अण्ड तक जाने से रोकती हैं इसलिए यह गर्भ निरोध की प्रभावी युक्ति है। इसके साथ ही यह संक्रमण होने से भी बचाव करती है।

प्रश्न 33. एक अण्ड एवं एक भ्रूण के अन्दर गुणसूत्रों की संख्या में क्या अनुपात होगा? एक शुक्राणु एवं एक अण्ड में आनुवंशिक क्या अन्तर है?
उत्तर: गुणसूत्रों का अनुपात 1 : 2 होगा। एक शुक्राणु में X एवं Y दोनों प्रकार के गुणसूत्र होते हैं, जबकि अण्ड में केवल X एवं X प्रकार के गुणसूत्र पाए जाते हैं।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. छात्रों से यीस्ट में मुकुलन के विभिन्न चरणों को दर्शाने वाली स्थायी स्लाइडों का सूक्ष्मदर्शी की उच्च क्षमता में प्रेक्षण करने के लिए कहा गया –
(a) स्लाइडों को फोकस करने के लिए आपको सूक्ष्म समायोजन अथवा रुक्ष समायोजन में से किसे घुमाने के लिए कहा गया?
(b) यीस्ट में मुकुलन को सही क्रम में दर्शाने के लिए तीन आरेख खींचिए।
उत्तर: (a) स्लाइडों को फोकस करने के लिए हमको सूक्ष्म समायोजन घुमाने के लिए कहा गया।
(b) यीस्ट में मुकुलन के विभिन्न चरण –

प्रश्न 2. कोई छात्र यीस्ट में होने वाले अलैंगिक जनन के विभिन्न चरणों को क्रमवार दर्शाने वाली स्थायी स्लाइड का प्रेक्षण कर रहा है। इस प्रक्रिया का नाम लिखिए। जो कुछ वह प्रेक्षण करता है उसे उचित क्रम में, आरेख खींचकर दर्शाइए।
उत्तर: प्रेक्षण की इस प्रक्रिया का नाम माइक्रोस्कोपिक अवलोकन (परीक्षण) है तथा यीस्ट की अलैंगिक जनन की प्रक्रिया का नाम मुकुलन है। प्रेक्षित जनन – क्रम का आलेख:
प्रश्न 3. अमीबा में द्विखण्डन की प्रक्रिया को (चार चरणों द्वारा) क्रमवार आरेख खींचकर दर्शाइए।
उत्तर: अमीबा में द्विखण्डन की प्रक्रिया का आरेख:

प्रश्न 4.हाइड्रा में अलैंगिक जनन की मुकुलन प्रक्रिया को तीन चरणों के सही क्रम में दर्शाने वाला आरेख खींचिए।
उत्तर: हाइड्रा में अलैंगिक जनन की मुकुलन प्रक्रिया का चरण वार आरेख –

प्रश्न 5. इण्टरनेट की सहायता से 5 जन्तु एवं 5 पौधों के गुणसूत्रों की संख्याओं के बारे में सूचना एकत्रित कीजिए। इन गुणसूत्रों की संख्या का उन जीवों के आकार से सम्बन्ध स्थापित कीजिए एवं निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए –
  1. क्या बड़े जीवों में गुणसूत्रों की संख्या अधिक होती है?
  2. क्या कम गुणसूत्रों की संख्या वाले जीव आसानी से जनन करते हैं उन जीवों की अपेक्षा जिनमें गुणसूत्रों की संख्या अधिक है?
  3. जितनी अधिक गुणसूत्रों की संख्या उतनी अधिक DNA मात्रा। पुष्टि कीजिए।
उत्तर: निर्देश – प्रथम भाग के लिए छात्र स्वयं सूचना एकत्र करें।
  1. नहीं, क्योंकि गुणसूत्रों की संख्या और जीव के आकार में कोई सम्बन्ध नहीं होता।
  2. नहीं, क्योंकि जनन की प्रक्रिया गुणसूत्रों की संख्या पर कदापि निर्भर नहीं करती वह एक सामान्य प्रक्रिया है।
  3. हाँ, क्योंकि गुणसूत्रों का प्रमुख घटक DNA है। इसलिए अधिक गुणसूत्रों की संख्या अधिक DNA की मात्रा।
प्रश्न 6. सामान्य शारीरिक वृद्धि एवं लैंगिक परिपक्वता में क्या अन्तर है?
उत्तर: सामान्य शारीरिक वृद्धि में विभिन्न प्रकार की विकास की प्रक्रियाएँ होती हैं। लम्बाई में वृद्धि, भार में वृद्धि तथा शरीर के प्रत्येक भाग में सामान्य रूप से वृद्धि होती है। कोई नवीन संरचना एवं नवीन प्रक्रियाएँ प्रारम्भ नहीं होती। जबकि लैंगिक परिपक्वता में लैंगिक अंगों एवं प्रक्रियाओं का विकास होता है। जैसे नर में दाढ़ी-मूंछों का आना, आवाज का भारी होना तथा मादाओं में स्तन ग्रंथियों का विकास, मासिक रजोधर्म (ऋतु स्राव) का प्रारम्भ होना तथा सभी में गुप्तांगों एवं काँख में बालों का उगना।
प्रश्न 7. शुक्राणुओं के मोचन के समय शुक्राणुओं का मार्ग बताइए तथा नर जनन तन्त्र से सम्बन्धित ग्रंथि का नाम एवं उसके कार्य बताइए।
उत्तर: शुक्राणुओं के मोचन के समय शुक्राणु वृषण से बाहर आकर शुक्रवाहिकाओं की सहायता से मूत्र मार्ग तक पहुँचते हैं। शुक्राशय एवं प्रोस्टेट ग्रंथियों द्वारा होने वाले स्राव शुक्राणुओं को स्थानान्तरण के लिए एक तरल माध्यम उपलब्ध करवाते हैं जिससे उनका स्थानान्तरण सरलता से बिना घर्षण के होता है। इसके अतिरिक्त यह स्राव शुक्राणुओं को पोषण भी प्रदान करता है।
प्रश्न 8. संलग्न चित्र में निम्न भागों के नाम लिखिए तथा उनके कार्य लिखिए –
(a) अण्डों का निर्माण।
(b) निषेचन का स्थान।
(c) युग्मनज की स्थापना का स्थान।
(d) शुक्राणुओं का प्रवेश स्थान।

उत्तर:

(a) अण्डाशय (ओवरी)।
(b) अण्डवाहिका (फैलोपियन ट्यूब)।
(c) गर्भाशय (यूटेरस)।
(d) योनि (वेजाइना)।
(a) अण्डाशय: वह स्थान जहाँ अण्डों का निर्माण होता है।
(b) अण्डवाहिका: वह स्थान जहाँ अण्डों की निषेचन क्रिया होती है।
(c) गर्भाशय: वह स्थान जहाँ निषेचन अण्डों (युग्मनजों) की स्थापना होती है।
(d) योनि: इस मार्ग से ही शुक्राणु प्रवेश करते हैं।

प्रश्न 9. किसी समाज के लिए जनन स्वास्थ्य के चार महत्वपूर्ण बिन्दुओं की सूची बनाइए। हमारे देश में पिछले 50 वर्षों में जनन स्वास्थ्य से सम्बन्धित जिन क्षेत्रों में सुधार हुआ है, उनमें से किन्हीं दो के नाम लिखिए।
उत्तर: जनन स्वास्थ्य के चार महत्वपूर्ण बिन्दु या पहलू निम्नलिखित हैं –

  1. शारीरिक स्वास्थ्य।
  2. भावनात्मक स्वास्थ्य।
  3. व्यवहारात्मक स्वास्थ्य।
  4. सामाजिक स्वास्थ्य।

हमारे देश में पिछले 50 वर्षों में भारत सरकार ने जननात्मक स्वास्थ्य से सम्बन्धित अनेक क्षेत्रों में सुधार किया है जिनमें से प्रमुख हैं –

  1. रिवार नियोजन कार्यक्रम।
  2. जच्चा-बच्चा के स्वास्थ्य, टीकाकरण एवं स्तनपान पर जागरूकता पैदा करना।

प्रश्न 10. स्व-परागण एवं पर-परागण में अन्तर लिखिए।
उत्तर: स्व-परागण एवं पर-परागण में अन्तर –

क्र.

स्व-परागण

पर-परागण

1

स्व-परागण के लिए पुष्प का द्विलिंगी होना आवश्यक है।

पर-परागण द्विलिंगी एवं एकलिंगी दोनों प्रकार के पुष्णों में हो सकता है।

2

नर तथा मादा भाग का एक साथ परिपक्व होना आवश्यक है।

प्रायः नर तथा मादा भाग अलग-अलग समय पर परिपक्व होते है।

3

पुंकेसर एवं जायांग की व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए ताकि परागण सुगमता से हो सके।

इस प्रकार के परागण के लिए यह आवश्यक नहीं है।

4

इसके पुष्प आकर्षणहीन, गंधहीन तथा मकरन्दहीन होते है।

वायु परागण वाले पुष्पों को छोड़कर शेष पुष्प आकर्षक, सुगन्धित एवं मकरन्दयुक्त होते है।

5

इसके लिए बाह्य माध्यम की आवश्यकता नहीं होती।

इसके लिए वायु, जल, कीट या जन्तुओं की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 11. प्रजनन के महत्त्व पर प्रकाश डालिए।
उत्तर: प्रजनन का महत्त्व:

  1. प्रजनन के कारण जीवन की निरन्तरता बनी रहती है।
  2. प्रजनन के कारण ही स्पीशीज का संरक्षण रहता है।
  3. प्रजनन ही स्पीशीज की जनसंख्या बढ़ाने का माध्यम है।
  4. अनुकूल विभिन्नताओं का एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक संवहन प्रजनन द्वारा ही सम्भव है।
  5. प्रजनन का विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. लैंगिक जनन के विशिष्ट लक्षणों की सूची बनाइए।
उत्तर: लैंगिक जनन के प्रमुख विशिष्ट लक्षण:

  1. लैंगिक जनन में दो व्यष्टि (एकक जीवों) की भागीदारी होती है।
  2. इसमें नर एवं मादा दोनों लिंगों की आवश्यकता होती है।
  3. एक ही समष्टि के जीवों के दो भिन्न युग्मकों के निषेचन से युग्मनजों का निर्माण होता है।
  4. संतति में विभिन्नताएँ पायी जाती हैं।
  5. संतति में दोनों ही पित्रों नर एवं मादा के गुण उत्पन्न होते हैं।
  6. लैंगिक जनन से नई स्पीशीज उत्पन्न हो सकती है।

प्रश्न 2. गुणसूत्र क्या होते हैं? स्पष्ट कीजिए कि लैंगिक जनन करने वाले जीतों में पीढ़ी-दर-पीढ़ी संतति में गुणसूत्रों की संख्या किस प्रकार समान बनी रहती है?
उत्तर: गुणसूत्र: - “कोशिकाओं के केन्द्रक में स्थित धागेनुमा पतली संरचनाएँ जिनका आनुवंशिक पदार्थ DNA कोशिकाद्रव्य में स्वतन्त्र रूप में न रहकर केन्द्रक में कुछ विशिष्ट संरचनाओं के रूप में व्यवस्थित होता है, गुणसूत्र कहलाते हैं।”
लैंगिक जनन करने वाली कोशिकाओं में प्रत्येक जीव में अलग-अलग संख्या में गुणसूत्रों की जोड़ियाँ होती हैं जिनमें लिंग गुणसूत्र वाला जोड़ा निषेचन के लिए युग्मक बनाते समय अर्द्धसूत्री विभाजन के फलस्वरूप दो भागों में विभक्त हो जाता है जिसके परिणामस्वरूप युग्मकों के गुणसूत्रों की संख्या आधी रह जाती है।
जब निषेचन होता है तो नर युग्मक मादा युग्मक के साथ संलयित होता है जिससे गुणसूत्रों की संख्या पूर्ववत् हो जाती है। यह क्रम लगातार चलता रहता है। इस प्रकार लैंगिक जनन करने वाले जीवों मैं पीढ़ी-दर-पीढ़ी संतति में गुणसूत्रों की संख्या समान बनी रहती है।

प्रश्न 3. जनन की परिभाषा लिखिए। स्पीशीज की समष्टि को स्थायित्व प्रदान करने में यह किस प्रकार सहायता करता है?
उत्तर:- जनन: “सजीवों की अपने समान आकृति, रंग-रूप एवं गुणों के नए जीव उत्पन्न करने की क्षमता जनन कहलाती है।” जनन के कारण जीवन की निरंतरता बनी रहती है। जनन में जीव लगभग अपने जैसे जीवों को जन्म देता है। इस कारण उस स्पीशीज की जनसंख्या बढ़ती जाती है। अनुकूल विभिन्नताओं का एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक संवहन जनन द्वारा ही सम्भव है। जनन का विकास में भी योगदान है। जनन किसी स्पीशीज की समष्टि का संरक्षण कर उसके स्थायित्व में सहायक है।

प्रश्न 4. जीवों के जनन के सन्दर्भ में उपयोग होने वाले पद “पुनरुद्भवन” (पुनर्जनन) की व्याख्या कीजिए। संक्षेप में वर्णन कीजिए कि हाइड्रा जैसे बहुकोशिकीय जीवों में पुनरुद्भवन की प्रक्रिया किस प्रकार सम्पन्न होती है?
उत्तर: पुनरुद्भवन (पुनर्जनन):- “शरीर के नवनिर्माण की वह शक्ति जिसके अन्तर्गत शरीर के टूट जाने पर उसकी मरम्मत हो जाती है और प्रत्येक टुकड़ा पूर्ण होकर नया जीव बनाता है, पुनरुद्भवन (पुनर्जनन) कहलाता है।”
हाइड्रा में पुनरुद्भवन (पुनर्जनन):-
पूर्णरूपेण विभेदित जीवों जैसे हाइड्रा किसी कारणवश क्षत-विक्षत होकर कुछ टुकड़ों में विभक्त हो जाता है तो प्रत्येक खण्ड पुनरुद्भवन की क्षमता के कारण पूर्ण नवीन जीव में विकसित हो जाता है। इस प्रकार हाइड्रा जैसे बहुकोशिकीय जीवों में पुनरुद्भवन (पुनर्जनन) की क्रिया सम्पन्न होती है।  चित्र

प्रश्न 5. (a) लैंगिक जनन द्वारा उत्पन्न संतति में विभिन्नता दृष्टिगोचर होने के दो कारणों की सूची बनाइए।
(b)
1.    आरेख में अंकित भाग ‘A’ का नाम लिखिए।
2.    ‘A’ भाग ‘B’ तक कैसे पहुँचता है?
3.    भाग ‘C’ का महत्व लिखिए।
4.    ‘D’ द्वारा अंकित भाग का निषेचन के बाद क्या होता है?

उत्तर:
(a)
  1. लैंगिक जनन में दो जनक भाग लेते हैं जिनके गुण भिन्न होते हैं।
  2. युग्मकों में गुणसूत्रों का संयोग भिन्न-भिन्न होता है।
(b)
  1. भाग ‘A’ का नाम: परागकण (नर जनक) है।
  2. भाग ‘A’ परागकण भाग ‘B’ वर्तिकाग्र तक परागण की प्रक्रिया द्वारा पहुँचता है।
  3. भाग ‘C’ पराग नलिका का महत्व: पराग नलिका के माध्यम से परागकण द्वारा उत्पन्न नर युग्मक बीजाण्ड तक पहुँचता है तथा बीजाण्ड का भेदन करके बीजाण्ड में उत्पन्न अण्ड कोशिका के मादा युग्मक से संलगित होकर निषेचन करता है।
  4. भाग ‘D’ बीजाण्ड निषेचित होकर युग्मनज बनाता है जो बाद में विकसित होकर बीज में परिवर्तित हो जाता है।
प्रश्न 6. जनन सजीवों का एक महत्वपूर्ण लक्षण है। इस कथन के पक्ष में तीन कारण दीजिए।
उत्तर: जीवधारियों में अनेक जैविक प्रक्रियाएँ होती हैं, लेकिन वे सभी स्वयं के अस्तित्व के लिए ही होती हैं। हम जानते हैं कि जीव नश्वर है और जब उसने जन्म लिया है तो उसकी मृत्यु भी असम्भावी है।
अपनी समष्टि को इस समष्टि में बनाए रखने के लिए जनन जीवों का एक महत्वपूर्ण लक्षण है, क्योंकि –
  1. जनन के द्वारा जीव अपने जैसे अनेक जीवों को जन्म देता है। इससे उन जीवों की जनसंख्या में वृद्धि होती है तथा जीव की समष्टि का अन्त भी नहीं होता, क्योंकि यदि कुछ जीव मरते भी हैं तो जनन के द्वारा उनकी प्रतिपूर्ति हो जाती है।
  2. जनन के द्वारा जीव अपने गुणों एवं विशेषताओं को पीढ़ी-दर-पीढ़ी स्थानान्तरित करते रहते हैं तथा सभी जीवों में जाति की निरन्तरता बनी रहती है।
  3. जनन के द्वारा ही जीवों में विविधता आती है तथा जाति का उद्विकास भी होता है तथा नए-नए जीवों का विकास भी जनन के कारण ही सम्भव है।
प्रश्न 7. कायिक प्रवर्धन क्या है? इस विधि के दो लाभ और दो हानियाँ लिखिए।
उत्तर: कायिक प्रवर्धन:- “जब मनुष्य कृत्रिम रूप से पौधों के विभिन्न भागों (रचनाओं) से नवीन पौधे पैदा करता है तो इस प्रक्रिया को कायिक प्रवर्धन या कृत्रिम अलैंगिक जनन कहते हैं।”
कायिक प्रवर्धन के लाभ:-
  1. कायिक प्रवर्धन के द्वारा पौधे शीघ्र तैयार हो जाते हैं तथा शीघ्र ही फूलते-फलते हैं।
  2. इस विधि से प्राप्त पुत्री पौधे हर प्रकार से जनक पौधों के समान होते हैं।
कायिक प्रवर्धन से हानियाँ:-
  1. कायिक प्रवर्धन सभी पौधों में सम्भव नहीं होता।
  2. कायिक प्रवर्धन से पौधों में विविधता नहीं आती। इस कारण प्रतिकूल परिस्थितियों में उस समष्टि के लुप्त होने का अन्देशा बना रहता है।
प्रश्न 8. गर्भ धारण को रोकने के लिए विकसित की गई तीन तकनीकों की सूची बनाइए। इनमें से कौन-सी तकनीक पुरुषों के लिए नहीं है? इन तकनीकों का प्रयोग किस प्रकार किसी परिवार के स्वास्थ्य और समृद्धि को सीधे प्रभावित करता है?
उत्तर:- गर्भ धारण रोकने के लिए विकसित नई तकनीकें:
  1. निरोध का उपयोग
  2. शुक्रवाहिकाओं को अवरुद्ध कर देना
  3. हॉर्मोन सन्तुलन के लिए दवाओं का सेवन इनमें तीसरी तकनीक हॉर्मोन सन्तुलन के लिए दवाओं का सेवन पुरुषों के लिए नहीं है।
गर्भ निरोधक तकनीक (परिवार नियोजन) का सीधे परिवार के स्वास्थ्य एवं समृद्धि पर प्रभाव:-
बार-बार गर्भ धारण करने पर महिलाओं का स्वास्थ्य बहुत गिर जाता है। परिवार नियोजन तकनीकों के प्रयोग से उनका स्वास्थ्य बना रहता है तथा वे विभिन्न यौन संक्रमण से बची रहती हैं। परिवार नियोजन से सीमित परिवार होने से संसाधनों का अच्छा उपयोग हो सकता है। अच्छा खाना, अच्छा पहनना, अच्छी शिक्षा, अच्छी सुख-सुविधाएँ उपलब्ध हो सकती हैं। आजकल के महंगाई के समय में परिवार नियोजन परिवार की खुशहाली प्रदान करता है तथा इसका सीधा प्रभाव परिवार के स्वास्थ्य एवं समृद्धि पर पड़ता है।
प्रश्न 9. यौन संक्रमित रोगों का वर्णन कीजिए तथा उनमें बचाव के उपाय लिखिए।
उत्तर:- यौन संक्रमित रोग-“ऐसे सभी रोग जो मैथुन द्वारा संचारित होते हैं, यौन संचरित रोग कहलाते हैं। इन रोगों के लक्षण जनन क्षेत्र (गुप्तांगों) में खुजली, जलन, तरल स्राव तथा दर्द होना है। इनमें प्रमुख रोग हैं – एचआईवी संक्रमण (AIDS), गोनेरिया, सिफलिस, जननांग की हीज आदि। इन रोगों में सर्वाधिक खतरनाक रोग एड्स है। एड्स को छोड़कर प्रायः सभी रोग पूर्ण रूप से उपचार योग्य हैं।
बचाव के उपाय:- चूँकि यौन संक्रमित रोग मैथुन के द्वारा संचरित होते हैं। इसलिए सुरक्षात्मक मैथुन इसका सर्वश्रेष्ठ उपाय है। इसके लिए –
  1. मैथुन के समय गर्भ निरोधक युक्तियों का उपयोग सर्वाधिक सुगम एवं सुरक्षित है।
  2. जननांगों की नियमित स्वच्छता पर विशेष ध्यान।
  3. संक्रमित सुई एवं सिरिंज का प्रयोग न करना।
  4. वैश्यागमन या अनैतिक सम्बन्धों से बचना।
  5. संक्रमित महिलाओं को गर्भधारण न करने देना।
  6. उपयुक्त समयानुकूल टीकाकरण।
  7. बिना परीक्षण रक्त दान न करना।
  8. ड्रग्स एवं नशाखोरी से बचना आदि।
प्रश्न 10. (a) मादा जनन तन्त्र की निम्नलिखित भागों के कार्यों का उल्लेख कीजिए –
  1. अण्डाशय
  2. गर्भाशय
  3. फैलोपियन ट्यूब।
(b) मानव मादा में प्लेसेण्टा की संरचना और कार्यों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:- (a)
  1. अण्डाशय: इसमें अण्ड कोशिका का निर्माण होता है तथा ये कुछ हॉर्मोन भी सावित करता है।
  2. गर्भाशय: इसमें निषेचित अण्डा या युग्मनज स्थापित होता है तथा उसका विकास एवं पोषण होता है तथा शिशु बनने तक की सभी प्रक्रियाएँ यहाँ पूर्ण होती हैं।
  3. फैलोपियन ट्यूब (अण्डवाहिका): इसमें अण्ड कोशिका का निषेचन होता है तथा यह निषेचित अण्ड कोशिका (युग्मनज) को गर्भाशय में प्रेषित कर देती है।
(b) प्लेसेण्टा की संरचना:-
प्लेसेन्टा एक विशेष तस्तरीनुमा संरचना होती है जो गर्भाशय की भित्ति में धंसी रहती है। इसमें भ्रूण की ओर के ऊतक में प्रवर्ध होते हैं जो माँ के ऊतकों में स्थित रिक्त स्थानों से आच्छादित होते हैं।
प्लेसेण्टा के कार्य:-
  1. यह माँ के रक्त से भ्रूण के पोषण के लिए ग्लूकोज एवं अन्य पदार्थ तथा श्वसन के लिए ऑक्सीजन उपलब्ध कराती है।
  2. भ्रूण में उत्पन्न अपशिष्ट पदार्थों के निपटान में सहायक होती है।
प्रश्न 11. प्लेसेन्टा क्या है? इसकी संरचना का वर्णन कीजिए। गर्भवती मानव मादा के प्रकरण में इसके कार्यों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर: प्लेसेण्टा:- “मादा के गर्भाशय में भ्रूण और माँ के बीच सम्बन्ध स्थापित करने वाली विशेष संरचना प्लेसेण्टा कहलाती है।”
प्लेसेण्टा की संरचना:- प्लेसेन्टा एक विशेष तस्तरीनुमा संरचना होती है जो गर्भाशय की भित्ति में धंसी रहती है। इसमें भ्रूण की ओर के ऊतक में प्रवर्ध होते हैं जो माँ के ऊतकों में स्थित रिक्त स्थानों से आच्छादित होते हैं।
प्रश्न 12. (a) मानव नर के उस जननांग का नाम लिखिए जो शुक्राणुओं के उत्पादन के साथ-साथ हॉर्मोन भी स्रावित करता है। स्रावित हॉर्मोन के कार्य लिखिए।
(b) मानव मादा के जनन तन्त्र के उस भाग का नाम लिखिए जहाँ –
  1. निषेचन होता है।
  2. निषेचित अण्डे का आरोपण होता है।
  3. स्पष्ट कीजिए कि माता के शरीर के भीतर भ्रूण का पोषण किस प्रकार होता है?
उत्तर:- (a) मानव नर के वृषण में शुक्राणुओं के निर्माण के साथ-साथ टेस्टोस्टेरॉन नामक हॉर्मोन का उत्पादन एवं स्रावण होता है। हॉर्मोन टेस्टोस्टेरॉन का कार्य-यह हॉर्मोन नर मानव में शुक्राणुओं के निर्माण के नियन्त्रण के साथ-साथ लड़कों में यौवनावस्था के लक्षणों का भी नियन्त्रण करता है।
(b)
  1. अण्डवाहिकाएँ (फैलोपियन ट्यूब)।
  2. गर्भाशय।
  3. माता के शरीर के अन्दर भ्रूण का पोषण:- माता के शरीर के अन्दर भ्रूण का पोषण माता के रक्त से प्लेसेण्टा के माध्यम से होता है। प्लेसेण्टा माता के रक्त के सम्पर्क में रहता है तथा उससे ग्लूकोज, ऑक्सीजन एवं अन्य पदार्थों को अवशोषित करके भ्रूण को उपलब्ध कराता है।
प्रश्न 13. मुकुलन (कलिकायन) खण्डन, विखण्डन, पुनरुद्भवन (पुनर्जनन) ये सभी अलैंगिक प्रकार का जनन क्यों माना जाता है? एक स्वच्छ आकृति (रेखाचित्र) बनाकर प्लेनेरिया में पुनरुद्भवन (पुनर्जनन) की प्रक्रिया को समझाइए।
उत्तर:- जीवों में मुकुलन (कलिकायन), खण्डन, विखण्डन एवं पुनरुद्भवन (पुनर्जनन) को अलैंगिक प्रकार का जनन माना जाता है, क्योंकि इसमें जीव के लैंगिक भागों की कोई भूमिका नहीं होती है तथा इसमें नर एवं मादा युग्मक भाग नहीं लेते।
प्लेनेरिया में पुनरुद्भवन की प्रक्रिया द्वारा जनन:- प्लेनेरिया जैसे सरल जीवों में पुनरुद्भवन की क्षमता होती है, अर्थात् यदि किसी कारणवश जीव क्षत-विक्षत होकर अनेक टुकड़ों में विभक्त हो जाता है तो अपनी इस क्षमता के कारण प्रत्येक टुकड़ा एक नए जीव में विकसित हो जाता है। इस प्रकार प्लेनेरिया में पुनरुद्भवन (पुनर्जनन) द्वारा जनन होता है –

प्रश्न 14.अलैंगिक एवं लैंगिक जनन में अन्तर स्पष्ट कीजिए। लैंगिक जनन से उत्पन्न नवजातों में विविधता (विभिन्नताएँ) क्यों पाई जाती हैं? समझाइए।
उत्तर: अलैंगिक जनन एवं लैंगिक जनन में अन्तर –

क्र.

अलैंगिक जनन

लैंगिक जनन

1

इसमें केवल एक जनक भाग लेता है।

इसमें प्रायः दो जनक भाग लेते है।

2

इसमें युग्मक उत्पन्न नहीं होते हैं।

इसमें युग्मक उत्पन्न होते हैं।

3

इस प्रक्रिया में निषेचन नहीं होता।

इस प्रक्रिया में निषेचन होता है।

4

इस प्रक्रिया में युग्मनज नहीं बनते।

इस प्रक्रिया में युग्मनज बनते है।

5

प्रजनन के दौरान अर्द्धसूत्री विभाजन नहीं होता है।

प्रजनन के दौरान अर्द्धसूत्री विभाजन होता है।


  1. लैंगिक जनन में दो जनक भाग लेते हैं जिनके गुण भिन्न होते हैं।
  2. युग्मकों में गुणसूत्रों का संयोग भिन्न-भिन्न होता है।

प्रश्न 15.परागण एवं निषेचन में अन्तर स्पष्ट कीजिए। पुष्प में निषेचन कहाँ होता है तथा निषेचन के बाद क्या बनता है? किसी पुष्प की स्त्रीकेसर का स्वच्छ नामांकित आरेख बनाइए जिसमें पराग नलिका की वृद्धि एवं इसकी बीजाण्ड में प्रवेश दिखाया गया हो।
उत्तर: परागण तथा निषेचन में अन्तर –

क्र.

परागण

निषेचन

1

परागकोश से पराग कणों के वर्तिकाग्र पर पहुॅचने की क्रिया को परागण कहते हैं।

नर एवं मादा जनन इकाइयॉ (गेमीट्स) के मिलन को निषेचन कहते है।

2

परागण के लिए बाह्य साधनों वायु, जल, कीट आदि की आवश्यकता होती है।

इसके लिए किसी बाह्य साधन की आवश्यकता नहीं पड़ती है।

3

यह एक बाह्य क्रिया है।

यह बीजाण्ड के भीतर होने वाली क्रिया है।

4

इसके लिए किसी पूर्व क्रिया की आवश्यकता नहीं है।

निषेचन होने से पूर्व परागण होना आवश्यक है।

पुष्प में निषेचन स्त्रीकेसर के अण्डाशय में होता है तथा निषेचन के बाद बीजाण्ड बीज में तथा अण्डाशय फल में विकसित होता है। इस प्रकार निषेचन के बाद फलों और बीजों का उत्पादन होता है।
स्त्रीकेसर का निषेचन प्रदर्शित करती आकृति –

स्त्रीकेसर का निषेचन

प्रश्न 16. एक पुष्प की अनुदैर्घ्य काट का स्वच्छ नामांकित चित्र बनाइए। पुष्प के युग्मक बनाने वाले भागों के नाम लिखिए।
उत्तर:

  1. पुष्प की अनुदैर्घ्य काट का नामांकित आरेख:
  2. पुष्प की अनुदैर्घ्य काट का नामांकित चित्र –
  3. नर युग्मक बनाने वाला अंग: परागकोश (पुंकेसर)।
  4. मादा युग्मक बनाने वाला अंग: अण्डाशय (स्त्रीकेसर)।

प्रश्न 17. युग्मक एवं युग्मनज में अन्तर स्पष्ट कीजिए। उनकी लैंगिक जनन में भूमिका बताइए।
उत्तर: युग्मक लैंगिक जनन में जनन कोशिका प्रदर्शित करता है। यह दो प्रकार का होता है-नर जनन कोशिका (नर युग्मक) एवं मादा जनन कोशिका (मादा युग्मक)। युग्मनज निषेचन के परिणामस्वरूप बना उत्पाद होता है जिसमें कि नर युग्मक एवं मादा युग्मक परस्पर संलयित हो जाते हैं।
दो संलयित होने वाले युग्मक अपने DNA में अपने जनक के गुणों से युक्त होते हैं। निषेचन इन दोनों जनकों के गुणों को एक कोशिका युग्मनज में संयुक्त करते हैं। युग्मनज नई संतति (पीढ़ी) की प्रथम प्रारम्भिक कोशा है जो विभाजन की विभिन्न चरणों की प्रक्रिया द्वारा भ्रूण का निर्माण करती है। यह भ्रूण विकास की विभिन्न प्रक्रियाओं से होता हुआ धीरे-धीरे नवजात में विकसित हो जाता है।

प्रश्न 18. निषेचन की अभिक्रिया किस प्रकार घटित होती है? निषेचन महीने में केवल एक बार ही घटित होता है, क्यों? समझाइए।
उत्तर: लैंगिक रूप से परिपक्व महिला के अण्डाशय में बनने वाली अण्ड कोशिका प्रति माह एक बार अण्डवाहिनी में प्रवेश करता है। मैथुन के समय नर जनन कोशिका शुक्राणु योनि मार्ग में स्थापित हो जाते हैं जहाँ से ऊपर की ओर यात्रा करके अण्डवाहिका में प्रवेश कर जाते हैं, जहाँ इन शुक्राणुओं में उपस्थित नर युग्मक अण्ड कोशिका में उपस्थित मादा युग्मक से संलयित होकर निषेचन की प्रक्रिया को पूर्ण करती है। यह निषेचित अण्डा अण्डवाहिका द्वारा गर्भाशय में स्थापित हो जाता है।
चूँकि एकान्तर में प्रति माह एक अण्डाशय से एक अण्ड एक अण्ड कोशिका अण्डवाहिका द्वारा ग्रहण की जाती है तथा दूसरे माह दूसरे अण्डाशय से एक अण्ड कोशिका अण्डवाहिका द्वारा ग्रहण की जाती है। इसलिए माह में केवल एक बार ही निषेचन की क्रिया घटित होना सम्भव है।

प्रश्न 19. जनन जीवों के लिए एक अत्यन्त आवश्यक जैव प्रक्रम है, लेकिन वह किसी जीव के स्वयं के अस्तित्व के लिए नहीं बल्कि उसकी समष्टि के अस्तित्व के लिए आवश्यक है।
उत्तर: जनन की मूल घटना डी.एन.ए. की प्रतिकृति बनना है। जनन में एक कोशिका द्वारा डी.एन.ए. की प्रतिकृति का निर्माण तथा अतिरिक्त कोशिकीय संगठन का सृजन होता है। जनन के कारण जीवन की निरंतरता बनी रहती है। जनन में जीव लगभग अपने जैसे जीवों को जन्म देता है। इस कारण उस स्पीशीज की जनसंख्या बढ़ती जाती है। अनुकूल विभिन्नताओं का एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक संवहन जनन द्वारा ही सम्भव है। जनन का विकास में भी योगदान है। जनन किसी स्पीशीज की समष्टि का संरक्षण कर उसके स्थायित्व में सहायक है।

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