गुरुत्वाकर्षण
प्रश्न 1. गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम बताइए।
उत्तर: गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम-“विश्व का प्रत्येक पिण्ड प्रत्येक अन्य पिण्ड को एक बल से आकर्षित करता है, जो दोनों पिण्डों के द्रव्यमान के समानुपाती होता है तथा दोनों के बीच की दूरी के व्युत्क्रमानुपाती होता है।” यह बल गुरुत्वाकर्षण बल कहलाता है तथा दोनों पिण्डों को मिलाने वाली रेखा की दिशा में लगता है।
प्रश्न 2. पृथ्वी तथा उसकी सतह पर रखी किसी वस्तु के बीच लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल का परिमाण ज्ञात करने का सूत्र लिखिए।
उत्तर: गुरुत्वाकर्षण बल (F) = GMm/R2
जहाँ M = पृथ्वी का द्रव्यमान
m = वस्तु का द्रव्यमान
R = पृथ्वी की त्रिज्या एवं
G = गुरुत्वाकर्षण नियतांक है।
प्रश्न शृंखला-2 # पृष्ठ संख्या 152
प्रश्न 1. मुक्त पतन से आप क्या समझते हैं?
उत्तर: मुक्त पतन-“जब वस्तुएँ पृथ्वी की ओर उस पर लगने वाले केवल गुरुत्वीय बल के कारण गिरती हैं तो उनका इस प्रकार गिरना मुक्त पतन कहलाता है।”
प्रश्न 2. गुरुत्वीय त्वरण से आप क्या समझते हैं?
उत्तर: गुरुत्वीय त्वरण-“पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के कारण किसी गिरते हुए पिण्ड में उत्पन्न त्वरण गुरुत्वीय त्वरण कहलाता है।” इसे g से प्रदर्शित करते हैं।
प्रश्न श्रृंखला-3 # पृष्ठ संख्या 153
प्रश्न 1. किसी वस्तु के द्रव्यमान तथा भार में क्या अन्तर है?
उत्तर: किसी वस्तु के द्रव्यमान एवं उसके भार में अन्तर:
द्रव्यमान (Mass) :-
- किसी वस्तु का द्रव्यमान उसमें समाहित पदार्थ की मात्रा होती हैं।
- किसी वस्तु का द्रव्यमान सर्वत्र समान होता है।
- किसी वस्तु का द्रव्यमान कहीं भी कभी भी शून्य नहीं हो सकता।
- द्रव्यमान का मापन दण्ड़ तुला से किया जाता है।
- द्रव्यमान का मात्रक किलोग्राम हैं।
भार (Weight):-
- किसी वस्तु का भार उस वस्तु पर पृथ्वी द्वारा आरोपित गुरूत्वाकर्षण बल होता है।
- किसी वस्तु का भार विभिन्न स्थानों पर भिन्न-भिन्न होता है।
- भारहीनता की स्थिति में किसी वस्तु का भार शून्य हो सकता है।
- भार का मापन कमानीदार तुला से किया जाता है ।
- भार का मात्रक किलोग्राम भार या किलोग्राम बल या न्यूटन है।
प्रश्न 2. किसी वस्तु का चन्द्रमा पर भार पृथ्वी पर इसके भार का 16 गुना क्यों होता है?
उत्तर: चन्द्रमा पर गुरुत्वीय त्वरण का मान पृथ्वी पर गुरुत्वीय त्वरण के मान का 16 होता है और किसी वस्तु का भार उसके द्रव्यमान एवं गुरुत्वीय त्वरण के गुणनफल के बराबर होता है इसलिए किसी वस्तु का चन्द्रमा पर भार पृथ्वी पर इसके भार का 16 गुना होता है।
प्रश्न श्रृंखला-4 # पृष्ठ संख्या 157
प्रश्न 1. एक पतली तथा मजबूत डोरी से बने पट्टे की सहायता से स्कूल बैग को उठाना कठिन होता है, क्यों?
उत्तर: पतली डोरी से बना पट्टा कम सम्पर्क क्षेत्रफल घेरता है अतः बैग अधिक दाब डालता है। इसलिए इसकी सहायता से स्कूल बैग को उठाना कठिन होता है।
प्रश्न 2. उत्प्लावकता से आप क्या समझते हैं?
उत्तर: उत्प्लावकता-“जब किसी वस्तु को किसी द्रव में पूर्ण या आंशिक रूप से डुबोया जाता है, तो वह द्रव उस वस्तु के ऊपर एक उत्प्लावन बल लगाता है। द्रव की इस प्रवृत्ति या गुण को उत्प्लावकता कहते हैं।”
प्रश्न 3. पानी की सतह पर रखने पर कोई वस्तु क्यों तैरती या डूबती है?
उत्तर: जब किसी वस्तु को पानी के पृष्ठ पर रखते हैं तो उस पर दो बल कार्य करते हैं। एक वस्तु का भार नीचे की ओर दूसरा उस पर लगा उत्प्लावन बल ऊपर की ओर। यह उत्प्लावन बल उस वस्तु द्वारा हटाए गए पानी के भार के बराबर होता है। जब वस्तु का भार उत्प्लावन बल से अधिक होता है तो वस्तु डूब जाती है और जब यह कम या बराबर होता है तो वस्तु तैरती है।
प्रश्न श्रृंखला-5 # पृष्ठ संख्या 158
प्रश्न 1. एक तुला (Weighing machine) पर आप अपना द्रव्यमान 42 kg नोट करते हैं? क्या आपका द्रव्यमान 42 kg से अधिक है या कम?
उत्तर: हमारा वास्तविक द्रव्यमान 42 kg से अत्यन्त सूक्ष्म मात्रा में अधिक होगा।
प्रश्न 2. आपके पास एक रुई का बोरा तथा एक लोहे की छड़ है। तुला पर मापने पर दोनों 100 kg द्रव्यमान दर्शाते हैं। वास्तविकता में एक दूसरे से भारी है। क्या आप बता सकते हैं कि कौन-सा भारी है और क्यों?
उत्तर: वास्तविकता में रुई का बोरा, लोहे की छड़ से अधिक भारी है क्योंकि रुई के बोरे का आयतन लोहे की छड़ से अधिक है, इसलिए बोरे पर वायु द्वारा आरोपित उत्प्लावन बल छड़ पर लगे उत्प्लावन बल से अधिक है।
पाठान्त अभ्यास के प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. यदि दो वस्तुओं के बीच की दूरी को आधा कर दिया जाय, तो उनके बीच गुरुत्वाकर्षण बल किस प्रकार बदलेगा?
उत्तर: गुरुत्वाकर्षण बल चौथाई रह जायेगा क्योंकि गुरुत्वाकर्षण बल दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
प्रश्न 2. सभी वस्तुओं पर लगने वाला गुरुत्वीय बल उनके द्रव्यमान के समानुपाती होता है। फिर एक भारी वस्तु हल्की वस्तु के मुकाबले तेजी से क्यों नहीं गिरती?
उत्तर: गिरती हुई वस्तुओं का वेग गुरुत्वीय त्वरण पर निर्भर करता है, वस्तु के भार पर नहीं और गुरुत्वीय त्वरण सभी वस्तुओं पर समान लगता है। इसलिए भारी वस्तु हल्की वस्तु के मुकाबले तेजी से नहीं गिरती।
प्रश्न 3. पृथ्वी तथा उसकी सतह पर रखी किसी 1 kg की वस्तु के बीच गुरुत्वीय बल का परिमाण क्या होगा? (पृथ्वी का द्रव्यमान 6 x 1024 kg तथा पृथ्वी की त्रिज्या 6.4 x 106 m है।)
हल: ज्ञात है:पृथ्वी का द्रव्यमान M = 6 x 1024kg
= 9:814N.
अतः अभीष्ट गुरुत्वीय बल = 9.814 N.
उत्तर: गुरुत्वीय बल परस्पर आकर्षण बल है। यह पृथ्वी द्वारा चन्द्रमा पर या चन्द्रमा द्वारा पृथ्वी पर समान रूप से लगता है तथा बीच की दूरी के अनुदिश होता है। इसलिए यह बराबर है।
उत्तर: गुरुत्वाकर्षण बल परस्पर होता है अर्थात् जिस बल से चन्द्रमा पृथ्वी को अपनी ओर आकर्षित करता है उसी बल से पृथ्वी चन्द्रमा को अपनी ओर आकर्षित करती है। इसलिए पृथ्वी चन्द्रमा की ओर गति नहीं करती।
(i) एक वस्तु का द्रव्यमान दो गुना कर दिया जाए।
(ii) वस्तुओं के बीच की दूरी दो गुनी अथवा तीन गुनी कर दी जाए।
(iii) दोनों वस्तुओं के द्रव्यमान दो गुने कर दिए जाएँ । दो वस्तुओं के मध्य गुरुत्वाकर्षण बल F=Gm1m2 / R2 होता है।
उत्तर: (i) जब किसी एक वस्तु का द्रव्यमान दो गुना कर दिया जाये तो बल
अर्थात् गुरुत्वाकर्षण बल दो गुना हो जाएगा।(ii) जब दूरी दो गुनी कर दी जाएगी, तो
(iii) जब दोनों वस्तुओं का द्रव्यमान दो गुना कर दिया जाए तो
प्रश्न 7. गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम के क्या महत्व हैं?
उत्तर: गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम के महत्व-गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम अनेक ऐसी परिघटनाओं की सफलतापूर्वक व्याख्या करता है जो असम्बद्ध मानी जाती थीं –
- हमें पृथ्वी से बाँधे रखने वाला बल।
- पृथ्वी के चारों ओर चन्द्रमा की गति।
- सूर्य के चारों ओर ग्रहों की गति।
- चन्द्रमा तथा सूर्य के कारण ज्वार-भाटा।
उत्तर: मुक्त पतन का त्वरण गुरुत्वीय त्वरण ‘g’ है। इसका मान सामान्यत: 9.8 m s-2 होता है।
- अधिकतम ऊँचाई h = ?
- वापस आने में कुल समय = 2t = ?
⇒ h=49×492×9.8
⇒ h = 122.5m.
(ii) v = u + gt
⇒ 0 = 49 – 9.8t
⇒ t = 499.8 = 5s
चूँकि जाने एवं आने में समय बराबर लगता है।
इसलिए वापस आने में कुल समय = 2 x 5 = 10 s
अतः अभीष्ट ऊँचाई = 122.5 m एवं अभीष्ट समय = 10 s.
चूँकि h1 + h2 =h
(a)
v = u + gt
(b)
⇒ h = ut + 12 gt2
परीक्षोपयोगी अतिरिक्त प्रश्नोत्तर(वस्तुनिष्ठ प्रश्न)
(a) विषुवत् वृत्त तथा ध्रुवों पर समान होता है
(b) ध्रुवों पर न्यूनतम होता है
(c) विषुवत् वृत्त पर न्यूनतम होता है
(d) ध्रुवों से विषुवत् वृत्तों की ओर बढ़ता है।
उत्तर: (c) विषुवत् वृत्त पर न्यूनतम होता है
प्रश्न 3. दो पिण्डों के बीच गुरुत्वाकर्षण बल F है। यदि दोनों पिण्डों के द्रव्यमान उनके बीच की दूरी को समान रखते हुए आधे कर दिए जायें, तो गुरुत्वाकर्षण बल हो जायेगा –
प्रश्न 4. कोई लड़का डोरी से बँधे पत्थर को किसी क्षैतिज वृत्ताकार पथ पर घुमा रहा है। यदि डोरी टूट जाये तो वह पत्थर –
(b) वृत्ताकार पथ के केन्द्र की ओर सरल रेखा के अनुदिश गति करेगा।
(c) वृत्ताकार पथ पर किसी सरल रेखीय स्पर्शी के अनुदिश गति करेगा
(d) लड़के से दूर वृत्ताकार पथ के अभिलम्बवत् सरल रेखा के अनुदिश गति करेगा।
उत्तर: (c) वृत्ताकार पथ पर किसी सरल रेखीय स्पर्शी के अनुदिश गति करेगा
प्रश्न 5. किसी पिण्ड को बारी-बारी से विभिन्न घनत्वों के तीन द्रवों में रखा जाता है। वह पिण्ड d2, d2 तथा d3 घनत्वों के द्रवों में क्रमशः 19, 211 तथा 12 भाग को द्रव के बाहर रखते हुए तैरता है। घनत्वों के विषय में कौन-सा कथन सही है?
(a) d1 > d2 > d3
(b) d1 > d2 < d3
(c) d1 < d2 > d3
(d) d1 < d2 < d3
उत्तर: (d) d1 < d2 < d3
प्रश्न 6. कथन F = GMmd2 में राशि
G –
(b) का उपयोग दो द्रव्यमानों में से एक पृथ्वी होने पर ही किया जाता है
(c) पृथ्वी की सतह पर अधिक होता है
(d) प्रकृति का सार्वत्रिक नियतांक है
उत्तर: (d) प्रकृति का सार्वत्रिक नियतांक है
प्रश्न 7. गुरुत्वाकर्षण के नियम में गुरुत्वाकर्षण बल –
(a) केवल पृथ्वी तथा बिन्दु द्रव्यमान के बीच होता है
(b) केवल सूर्य तथा पृथ्वी के बीच होता है
(c) द्रव्यमान रखने वाले किन्हीं भी दो पिण्डों के बीच होता है
(d) केवल दो आवेशित पिण्डों के बीच होता है
उत्तर: (c) द्रव्यमान रखने वाले किन्हीं भी दो पिण्डों के बीच होता है
प्रश्न 8. गुरुत्वाकर्षण के नियम से राशि G का मान –
(a) केवल पृथ्वी के द्रव्यमान पर निर्भर करता है
(b) केवल पृथ्वी की त्रिज्या पर निर्भर करता है
(c) पृथ्वी के द्रव्यमान एवं त्रिज्या दोनों पर निर्भर करता है
(d) पृथ्वी के द्रव्यमान एवं त्रिज्या पर निर्भर नहीं करता है
उत्तर: (d) पृथ्वी के द्रव्यमान एवं त्रिज्या पर निर्भर नहीं करता है
प्रश्न 9. दो कण कुछ दूरी पर रखे हैं। यदि दोनों कणों के द्रव्यमान दो गुने कर दिए जाएँ तथा इनके बीच की दूरी अपरिवर्तित रखें, तो इनके बीच का गुरुत्वाकर्षण बल –
(a) = गुना हो जाएगा
(b) 4 गुना हो जाएगा
(c) गुना हो जाएगा
(d) अपरिवर्तित रहेगा
उत्तर: (b) 4 गुना हो जाएगा
प्रश्न 10. वायुमण्डल पृथ्वी से जकड़ा हुआ है –
(a) गुरुत्वीय बल द्वारा
(b) पवन द्वारा
(c) बादलों द्वारा
(d) पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र द्वारा
उत्तर: (a) गुरुत्वीय बल द्वारा
प्रश्न 11. एकांक दूरी पर स्थित दो एकांक द्रव्यमानों के बीच आकर्षण बल कहलाता है –
(a) गुरुत्वीय विभव
(b) गुरुत्वीय त्वरण
(c) गुरुत्वीय क्षेत्र
(d) सार्वत्रिक गुरुत्वीय नियतांक
उत्तर: (d) सार्वत्रिक गुरुत्वीय नियतांक
प्रश्न 12. R त्रिज्या की पृथ्वी के केन्द्र पर किसी पिण्ड का भार –
(a) शून्य होता है
(b) अनन्त होता है
(c) पृथ्वी के पृष्ठ पर भार का R गुना होता है
(d) पृथ्वी के पृष्ठ पर भार का 7 गुना होता है
उत्तर: (a) शून्य होता है
प्रश्न 13. किसी पिण्ड का वायु में भार 10 N है। जल में पूरा डुबाने पर इसका भार केवल 8 N है। पिण्ड द्वारा विस्थापित जल का भार होगा –
(a) 2 N
(b) 8 N
(c) 10 N
(d) 12 N
उत्तर: (a) 2 N
प्रश्न 14. कोई लड़की 60 cm लम्बे, 40 cm चौड़े तथा 20 cm ऊँचे किसी बॉक्स पर तीन ढंग से खड़ी होती है। बॉक्स द्वारा लगाया गया दाब –
(a) तब अधिकतम होगा जब आधार लम्बाई एवं चौड़ाई से बना है
(b) तब अधिकतम होगा जब आधार चौड़ाई एवं ऊँचाई से बना है
(c) तब अधिकतम होगा जब आधार ऊँचाई एवं लम्बाई से बना है
(d) उपर्युक्त तीनों प्रकरणों में समान होगा
उत्तर: (b) तब अधिकतम होगा जब आधार चौड़ाई एवं ऊँचाई से बना है
प्रश्न 15. कोई सेब किसी वृक्ष से पृथ्वी पर पृथ्वी एवं सेब के बीच गुरुत्वाकर्षण बल के कारण गिरता है। यदि पृथ्वी द्वारा सेब पर आरोपित बल का परिमाण F1
(a) चुम्बकीय बल
(b) विद्युत बल
(c) गुरुत्वीय बल
(d) घर्षण बल
उत्तर: (c) गुरुत्वीय बल
(b) g/6
(c) 10g
(d) शून्य
उत्तर: (b) g/6
प्रश्न 18. g का मान होता है सामान्यतः
(a) ध्रुवों पर
(b) भूमध्य रेखा पर
(c) पृथ्वी के केन्द्र पर
(d) आकाश में।
उत्तर: (a) ध्रुवों पर
प्रश्न 21. गुरुत्वीय नियतांक को किस संकेत से व्यक्त करते हैं?
(a)g
(b) m
(c) G
(d) K
उत्तर: (c) G
रिक्त स्थानों की पूर्ति
……………… ने गुरुत्वाकर्षण का नियम दिया था।
दो पिण्डों के बीच ………….. बल लगता है।
गुरुत्वाकर्षण के कारण पेड़ से टूटा फल ……………. आता है।
एक किलोग्राम भार ……………. न्यूटन के बराबर होता है।
G का S.I. का मात्रक …………….. होता हैं।
दाब का S.I. का मात्रक ………….. होता है।
घनत्व का SI मात्रक …………. है।
- न्यूटन
- गुरुत्वाकर्षण
- नीचे
- 9.8
- N m2 kg-2
- N m-2
- kg m-3
- → (iii)
- → (iv)
- → (v)
- → (vi)
- → (i)
- → (ii)
सत्य/असत्य कथन
- G का मान हैनरी केवेण्डिश ने ज्ञात किया।
- गुरुत्वाकर्षण का नियम गैलीलियो ने दिया।
- गुरुत्वाकर्षण को केन्द्रीय बल कहा जाता है।
- सभी वस्तुओं पर गुरुत्वाकर्षण बल समान होता है।
- चन्द्रमा पर वस्तुओं के भार पृथ्वी की अपेक्षा कम होते हैं।
- सत्य
- असत्य
- सत्य
- असत्य
- सत्य।
एक शब्द/वाक्य में उत्तर
उत्तर: N m2 kg-2
प्रश्न 4. ‘G’ का मान लिखिए।
उत्तर: 6.673 x 10-11 N m2 kg-2
प्रश्न 5. ‘G’ का मान किस वैज्ञानिक ने ज्ञात किया?
उत्तर: हेनरी कैवेण्डिशने
प्रश्न 6. गुरुत्वीय त्वरण ‘g’ का S.I. मात्रक लिखिए।
उत्तर: ms-2
प्रश्न 7. ‘g’ एवं ‘G’ में सम्बन्ध लिखिए।
उत्तर: g = GMR2 अथवा gR2 = GM
प्रश्न 8. सामान्यतः g का मान क्या लिखा जाता है?
उत्तर: 1 किग्रा भार = 1 किग्रा बल = 9.8 न्यूटन
प्रश्न 12. बल (F), दाब (P) एवं क्षेत्रफल (A) में सम्बन्ध लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 15. आपेक्षिक घनत्व के लिए व्यंजक (सूत्र) लिखिए।
उत्तर: कोई मात्रक नहीं
प्रश्न 18. दाब सदिश राशि है या अदिश?
उत्तर: अदिश
प्रश्न 19. घनत्व सदिश राशि है या अदिश?
उत्तर: अदिश
प्रश्न 20. आपेक्षिक घनत्व सदिश राशि है या अदिश?
उत्तर: अदिश।
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
उत्तर: गुरुत्वाकर्षण बल (Gravitational force):“वह बल जिससे दो पिण्ड एक-दूसरे से आकर्षित होते हैं, गुरुत्वाकर्षण बल कहलाता है।”
प्रश्न 2. द्रव्यमान केन्द्र किसे कहते हैं?
उत्तर: द्रव्यमान केन्द्र: “वह बिन्दु जहाँ पर पिण्ड का सम्पूर्ण द्रव्यमान केन्द्रित माना जाता है, उस पिण्ड का द्रव्यमान केन्द्र कहलाता है।”
प्रश्न 3. दो पिण्डों के मध्य लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल उनके मध्य दूरी के अनुसार किस प्रकार बदलता है?
उत्तर: दो पिण्डों के मध्य लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल F उनके मध्य दूरी d के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है। अर्थात् F∝1d2
प्रश्न 4. दो वस्तुओं के बीच गुरुत्वीय बल उनके द्रव्यमान पर किस प्रकार निर्भर करता है?
उत्तर: दो वस्तुओं के मध्य गुरुत्वीय बल उन वस्तुओं के द्रव्यमान के गुणनफल के समानुपाती होता है। अर्थात् F = m1m2
प्रश्न 5. गुरुत्वाकर्षण बल को केन्द्रीय बल क्यों कहा जाता है?
उत्तर: गुरुत्वाकर्षण बल को केन्द्रीय बल कहा जाता है, क्योंकि इसकी माप पिण्ड के द्रव्यमान केन्द्र से की जाती है।
प्रश्न 6. ‘न्यूटन के सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियम’ में सार्वत्रिक से क्या अभिप्राय है?
उत्तर: सार्वत्रिक (Universal) से यहाँ अभिप्राय यह है कि वह सभी पिण्डों (वस्तुओं) पर लागू होता है चाहे वे छोटे हों या बड़े, खगोलीय हों या पार्थिव।
प्रश्न 7. सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक से क्या समझते हो?
उत्तर: सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक (Universal Gravitational Constant):
“गुरुत्वाकर्षण बल की वह मात्रा जो एकांक द्रव्यमान के दो समान पिण्डों के बीच आरोपित होता है जबकि उनके द्रव्यमान केन्द्रों के बीच एकांक दूरी हो, सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक कहलाता है।” इसे G से प्रदर्शित करते हैं।
प्रश्न 8. गुरुत्वीय त्वरण से आप क्या समझते हैं?
उत्तर: गुरुत्वीय त्वरण: “पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के कारण पिण्ड में उत्पन्न त्वरण को गुरुत्वीय त्वरण कहते हैं।” इसे ‘g’ से प्रदर्शित करते हैं।
प्रश्न 9. द्रव्यमान से क्या समझते हो? इसका मात्रक लिखिए।
उत्तर: द्रव्यमान (Mass): “किसी पिण्ड का द्रव्यमान वह भौतिक राशि है जो यह प्रदर्शित करती है कि उस पिण्ड में पदार्थ की कितनी मात्रा समाहित है।” इसे संकेत m से व्यक्त करते हैं।
द्रव्यात्मक का मात्रक:
S.I. पद्धति में द्रव्यमान का मात्रक kg है।
प्रश्न 10. भार से आप क्या समझते हो? इसका S.I. मात्रक लिखिए।
उत्तर: भार (Weight): “किसी पिण्ड का पृथ्वी पर भार उस बल के बराबर होता है जिससे पृथ्वी उस पिण्ड को अपनी ओर आकर्षित करती है।” इसे W से प्रदर्शित करते हैं।
भार का S.I. मात्रक: न्यूटन (N)
प्रश्न 11. यदि चन्द्रमा पृथ्वी को आकर्षित करता है तो पृथ्वी चन्द्रमा की ओर गति क्यों नहीं करती?
उत्तर: चन्द्रमा पृथ्वी के चारों ओर वृत्ताकार मार्ग पर सदैव गतिमान रहता है जिसके कारण उस पर एक अपकेन्द्र बल आरोपित होता है जो दोनों के मध्य लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल को सन्तुलित कर देता है इसलिए न तो चन्द्रमा पृथ्वी की ओर गति करता है और न पृथ्वी चन्द्रमा की ओर गति करती है।
प्रश्न 12. सभी वस्तुओं पर लगने वाला गुरुत्वीय बल उनके द्रव्यमान के समानुपाती होता है फिर भी एक भारी वस्तु एक हल्की वस्तु की तुलना में तेजी से क्यों नहीं गिरती?
उत्तर: गिरती हुई वस्तुओं के वेग को गुरुत्वीय त्वरण प्रभावित करता है उन पर लगने वाला गुरुत्वीय बल नहीं और गुरुत्वीय त्वरण भारी एवं हल्की सभी वस्तुओं पर समान होता है इसलिए एक भारी वस्तु एक हल्की वस्तु की तुलना में तेजी से नहीं गिरती बल्कि समान रूप से गिरती है।
प्रश्न 13. वस्तु के द्रव्यमान एवं भार में एक मुख्य अन्तर बताइए।
उत्तर: किसी वस्तु का द्रव्यमान उस वस्तु में निहित पदार्थ की मात्रा का मापन है जबकि उस वस्तु का भार उस वस्तु पर पृथ्वी द्वारा आरोपित बल है।
प्रश्न 14. हम चन्द्रमा पर भारहीनता का अनुभव क्यों करते हैं?
उत्तर: चन्द्रमा पर गुरुत्वीय त्वरण पृथ्वी के गुरुत्वीय त्वरण का भाग होता है इसलिए चन्द्रमा पर हमारे शरीर का भार पृथ्वी पर हमारे शरीर के भार से बहुत कम अर्थात् 1/6 भाग होता है इसलिए हमको चन्द्रमा पर भारहीनता का अनुभव होता है।
प्रश्न 15. प्रणोद किसे कहते हैं? इसका मात्रक लिखिए।
उत्तर: प्रणोद (Thrust): “किसी वस्तु की सतह पर लम्बवत् लगने वाले बल को प्रणोद कहते हैं।” प्रणोद का मात्रक-न्यूटन।
प्रश्न 16. दाब से क्या समझते हो? इसका मात्रक लिखिए।
अथवा
दाब को परिभाषित कीजिए एवं इसका S.I. मात्रक लिखिए।
उत्तर: दाब (Pressure): “एकांक क्षेत्रफल पर आरोपित प्रणोद को दाब कहते हैं। दूसरे शब्दों में, “एकांक क्षेत्रफल पर आरोपित लम्बवत् बल को दाब कहते हैं।” इसे P से निरूपित करते हैं। अर्थात्
दाब का मात्रक: - न्यूटन/मीटर2 या पास्कल।
उत्तर: भारी सामान होने वाले वाहन में अतिरिक्त पहिए लगाने से वाहन का पृथ्वी तल से सम्पर्क क्षेत्रफल बढ़ जाता है इससे उसके द्वारा पृथ्वी पर आरोपित दाब कम हो जाता है। इसलिए उसमें अतिरिक्त पहिए लगाए जाते हैं।
प्रश्न 19. चाकू या कुल्हाड़ी धारदार क्यों बनाये जाते हैं?
अथवा
पिन या कील नुकीली क्यों बनाई जाती है?
उत्तर: चाकू या कुल्हाड़ी धारदार एवं पिन या कील नुकीली इसलिए बनाई जाती है जिससे सम्पर्क क्षेत्र कम हो जाता है। इससे दाब बढ़ जाता है जिसके कारण चाकू या कुल्हाड़ी द्वारा वस्तुओं को काटने एवं पिन या कील को गाढ़ने में आसानी होती है।
प्रश्न 20. उत्प्लावन बल एवं उत्प्लावकता से क्या समझते हो?
उत्तर: उत्प्लावन बल एवं उत्प्लावकता: “किसी द्रव द्वारा उसमें आंशिक या पूर्णरूप से डूबी हुई वस्तु पर ऊपर की ओर आरोपित बल, उत्प्लावन बल
घनत्व का S.I. मात्रक किग्रा प्रति मीटर (Kg m-3)
प्रश्न 23. किसी पदार्थ के आपेक्षित घनत्व से क्या समझते हो? इसका मात्रक लिखिए।उत्तर: आपेक्षिक घनत्व (Relative Density):
“किसी पदार्थ के घनत्व एवं 4°C तापमान के शुद्ध पानी के घनत्व के अनुपात को उस पदार्थ का आपेक्षिक धनत्व कहते हैं।” अर्थात् आपेक्षिक घनत्व का कोई मात्रक नहीं होता, क्योंकि यह एक अनुपात है।
प्रश्न 24. सूर्य के चारों ओर किसी गृह की परिक्रमा करने के लिए आवश्यक अभिकेन्द्र बल का स्रोत क्या है? यह बल किन कारकों पर निर्भर करेगा?
उत्तर: आवश्यक स्रोत है गुरुत्वाकर्षण बल। यह बल सूर्य तथा ग्रह के द्रव्यमानों के गुणनफल एवं उनके बीच की दूरी के वर्ग पर निर्भर करता है।
प्रश्न 25. पृथ्वी पर किसी ऊँचाई से कोई पत्थर पृथ्वी के पृष्ठ के समानान्तर फेंका जाता है तथा उसी समय (क्षण) कोई अन्य पत्थर उसी ऊँचाई से ऊर्ध्वाधर नीचे की ओर गिराया जाता है। इनमें से कौन-सा पत्थर पृथ्वी पर पहले पहुँचेगा और क्यों?
उत्तर: दोनों पत्थर पृथ्वी पर एक साथ पहुंचेंगे क्योंकि दोनों पत्थर समान ऊँचाई से ऊर्ध्वाधर शून्य वेग से गिरते हैं तथा दोनों पर समान गुरुत्वीय त्वरण लग रहा है।
प्रश्न 26. मान लीजिए पृथ्वी का गुरुत्व बल अचानक शून्य हो जाता है, तो चन्द्रमा किस दिशा में गति करना प्रारम्भ कर देगा। (यदि उसे अन्य आकाशीय पिण्ड प्रभावित न करें।)
उत्तर: चन्द्रमा सरल रेखीय पथ पर उसी दिशा में गति करना प्रारम्भ कर देगा जिस दिशा में वह उस क्षण था क्योंकि चन्द्रमा की वर्तुल गति पृथ्वी के गुरुत्व बल के द्वारा प्रदान किए गए अभिकेन्द्र बल के कारण थी।
प्रश्न 27. दो वायुयानों जिनमें एक विषुवत् वृत्त के ऊपर तथा दूसरा उत्तरी ध्रुव के ऊपर है, से h ऊँचाई से सर्वसम पैकेट गिराये जाते हैं। यह मानते हुए कि सभी स्थितियाँ सर्वसम हैं, क्या सभी पैकेट पृथ्वी के पृष्ठ पर एक ही समय पहुँचेंगे ? अपने उत्तर की पुष्टि कीजिए।
उत्तर: विषुवत् वृत्त पर ‘g’ का मान ध्रुवों पर ‘g’ के मान से कम होता है। अतः पैकेट ध्रुवों की तुलना में विषुवत् वृत्त पर धीरे से गिरेगा तथा वह वायु में अधिक समय तक रहेगा।
प्रश्न 28. पृथ्वी पर सूर्य का गुरुत्व बल कार्य करता है तथापि पृथ्वी सूर्य में नहीं गिरती है, क्यों?
उत्तर: गुरुत्वाकर्षण बल आवश्यक अभिकेन्द्र बल प्रदान करने के लिए उत्तरदायी है। इसलिए पृथ्वी पर सूर्य का गुरुत्व बल कार्य करते हुए भी पृथ्वी सूर्य में नहीं गिरती है।
लघु उत्तरीय प्रश्न
उत्तर: हम जानते हैं कि d दूरी पर रखी m1 एवं m2 द्रव्यमान को दो वस्तुओं के मध्य लगने वाला गुरुत्वीय बल F होता है –F = Gm1m2d2 (न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण नियम के आधार पर) इसलिए M द्रव्यमान की पृथ्वी एवं m द्रव्यमान की वस्तु के मध्य लगने वाला गुरुत्वीय बल F होगा – F = GMmd2 लेकिन जब वस्तु पृथ्वी की सतह (तल) पर रखी हो तो पृथ्वी एवं वस्तु के मध्य दूरी पृथ्वी की त्रिज्या R के बराबर होगी अर्थात् d = R, तब F = GMmR2 अतः अभीष्ट व्यंजक होगा F = GMmR2
प्रश्न 2. गुरुत्वीय त्वरण (g) एवं गुरुत्वीय नियतांक (G) के मध्य सम्बन्ध स्थापित कीजिए।
उत्तर: गुरुत्वीय नियतांक (G) एवं गुरुत्वीय त्वरण (g) के मध्य सम्बन्ध ज्ञात करनाहम जानते हैं कि पृथ्वी तल पर रखी हुई m द्रव्यमान की वस्तु पर लगने वाला गुरुत्वीय बल F होता है – F = GMmR2 ….(1)
यदि यह बल वस्तु पर a त्वरण उत्पन्न करता है तो न्यूटन के गति के द्वितीय नियमानुसार हम पाते हैं
कि –
प्रश्न 3. किसी व्यक्ति का चन्द्रमा पर भार पृथ्वी पर भार का 1/6 गुना है। वह पृथ्वी पर 15 kg द्रव्यमान उठा सकता है। चन्द्रमा पर उतना ही बल लगाकर वह व्यक्ति कितना अधिकतम द्रव्यमान उठा सकेगा?
अतः अभीष्ट अधिकतम द्रव्यमान = 90 kg.
प्रश्न 4. ‘g’, ‘G’ तथा ‘R’ के पदों में पृथ्वी का औसत घनत्व परिकलित कीजिए।
उत्तर: किसी पिण्ड का भार पृथ्वी के द्रव्यमान के अनुक्रमानुपाती एवं उसकी त्रिज्या के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है अर्थात्अर्थात् पिण्ड का नवीन भार उसके मूल भार का 16 गुना हो जाएगा।
प्रश्न 6. दो पिण्डों के बीच आकर्षण बल उनके द्रव्यमानों तथा उनके बीच की दूरी पर किस प्रकार निर्भर करता है? किसी छात्र ने यह सोचा कि एक-दूसरे से बँधी दो ईंटें, एक ईंट की तुलना में, गुरुत्व बल के अधीन अधिक तेजी से गिरेंगी। क्या आप उसकी इस परिकल्पना से सहमत हैं अथवा नहीं? कारण लिखिए।
उत्तर: दो पिण्डों के बीच आकर्षण बल उसके द्रव्यमानों के गुणनफल के अनुक्रमानुपाती होता है। अर्थात्F ∝ m1m2तथा उन दोनों पिण्डों के बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है। अर्थात् F∝1d2 उस छात्र की परिकल्पना से हम सहमत नहीं हैं। उसकी परिकल्पना गलत है क्योंकि बँधी हुई दो ईंटें एक पिण्ड की तरह व्यवहार करेंगी तथा मुक्त पतन के प्रकरण में समान त्वरण से गिरकर समान समय में पृथ्वी पर गिरेंगी। इसका कारण यह है कि गुरुत्वीय त्वरण गिरते पिण्ड के द्रव्यमान पर निर्भर नहीं करता है।
प्रश्न 7. समान साइज तथा m एवं m2 द्रव्यमान के दो पिण्ड h1 एवं h2 ऊँचाइयों से एक ही क्षण गिराये जाते हैं। उनके द्वारा पृथ्वी तक पहुँचने में लिए गए समयों का अनुपात ज्ञात कीजिए। क्या यह अनुपात यही रहेगा यदि –
हल: मान लीजिए कि दोनों पिण्डों के पृथ्वी तक पहुँचने में लिए गए समय क्रमशः t1 एवं t2 हैं तो
उत्तर: आर्किमिडीज के सिद्धान्त के अनुप्रयोग:
- विभिन्न पदार्थों के आपेक्षिक घनत्व की गणना करना।
- स्वर्ण आदि धातुओं में मिलावट की जाँच करना।
- दुग्धमापी की क्रियाविधि।
- गुब्बारों का उड़ान भरना आदि।
हल: हम जानते हैं कि
∵ चन्द्रमा की सतह पर किसी वस्तु का भार = 16 पृथ्वी की सतह पर उस वस्तु का भार
⇒ चन्द्रमा की सतह पर उस वस्तु का भार = 16 x 10 N = 53N
= 1.7 N (लगभग)
अतः दी हुई वस्तु का चन्द्रमा की सतह पर अभीष्ट भार = 1.7N (लगभग)।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
अथवा
“न्यूटन के सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण के नियम” को समझाते हुए नियम के सूत्र की व्युत्पत्ति कीजिए।
उत्तर: न्यूटन का सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण का नियम (Newton’s UniversalGravitational Law): न्यूटन ने दो पिण्डों के मध्य लगने वाले आकर्षण बल की गणना के लिए एक नियम का प्रतिपादन किया जिसे ‘न्यूटन का सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण का नियम’ नाम से जाना जाता है। इसके अनुसार-“ब्रह्माण्ड में प्रत्येक पिण्ड अन्य पिण्ड को एक निश्चित बल से आकर्षित करता है, यह बल पिण्डों के द्रव्यमानों के गुणनफल के अनुक्रमानुपाती तथा उन दोनों पिण्डों के मध्य की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।”
उत्तर: (a) नमक के संतृप्त घोल में डुबोने पर अधिक उछाल बल का अनुभव करेगा क्योंकि नमक के संतृप्त घोल का घनत्व जल के घनत्व से अधिक है। चूँकि छोटे घन का आयतन प्रारम्भिक घन से कम है अतः यह कम आयतन का जल विस्थापित करेगा। इसलिए इस प्रकरण में कम उछाल का अनुभव करेगा।
ज्ञात है:
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