ग्रामीण अर्थव्यवस्था व राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना-मध्य प्रदेश
सही विकल्प चुनकर लिखिए
प्रश्न 1.राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना में रोजगार उपलब्ध कराया जाता है
(i) 100 दिवस का
(ii) 150 दिवस का
(iii) 200 दिवस का
(iv) एक वर्ष का।
उत्तर: (i) 100 दिवस का
प्रश्न 2.सिंचाई से सम्बन्धित योजना है
(i) निर्मल नीर योजना
(ii) सहस्रधारा योजना
(iii) वन्या उपयोजना
(iv) भूमि शिल्प योजना।
उत्तर: (i) निर्मल नीर योजना
प्रश्न 1.राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना में रोजगार उपलब्ध कराया जाता है
(i) 100 दिवस का
(ii) 150 दिवस का
(iii) 200 दिवस का
(iv) एक वर्ष का।
उत्तर: (i) 100 दिवस का
प्रश्न 2.सिंचाई से सम्बन्धित योजना है
(i) निर्मल नीर योजना
(ii) सहस्रधारा योजना
(iii) वन्या उपयोजना
(iv) भूमि शिल्प योजना।
उत्तर: (i) निर्मल नीर योजना
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
- राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना का उद्देश्य ………….. का सृजन करना है।
- राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना के अन्तर्गत उन परिवारों के सदस्यों को काम दिया जाता है जिनके पास ………….. हो।
- जॉब कार्ड धारक व्यक्ति को यदि रोजगार उपलब्ध नहीं कराया जा सकता तो उसे ………….. प्रदान किया जाता है।
- रोजगार
- जॉब कार्ड
- बेरोजगारी भत्ता।
अति लघु उत्तराय प्रश्न
प्रश्न 1.केन्द्र सरकार ने काम का अधिकार लागू करने के लिए कौन-सा अधिनियम बनाया है?
उत्तर: राष्ट्रीय रोजगार गारण्टी अधिनियम, 2005।
प्रश्न 2.राष्टीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी अधिनियम के अन्तर्गत किस प्रकार के श्रम का रोजगार दिया जाता है?
उत्तर: अकुशल मानव श्रम।
प्रश्न 3.राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना के अन्तर्गत कुल आवेदकों में से कितनी महिलाओं को लाभ पहुँचाया जाता है?
उत्तर: एक-तिहाई महिलाओं को।
प्रश्न 4.जॉब कार्ड सम्बन्धी शिकायत का समाधान कौन करता है?
उत्तर: जॉब कार्ड में किसी भी प्रकार के परिवर्तन करने हेतु ग्राम पंचायत सक्षम होती है।
प्रश्न 5.आवेदक को न्यूनतम मजदूरी का अतिरिक्त भुगतान कब किया जाता है?
उत्तर: 5 किमी. की परिधि में रोजगार न होने की स्थिति में जनपद स्तर पर रोजगार प्रदान किया जाता है और तब परिवहन व्यय हेतु आवेदक को न्यूनतम मजदूरी का 10 प्रतिशत अतिरिक्त भुगतान किया जाता है।
प्रश्न 6.बेरोजगारी भत्ता किसे दिया जाता है?
उत्तर: काम माँगने के दिन से 15 दिन तक अगर काम न मिले तो आवेदन करने वाले व्यक्ति को बेरोजगारी भत्ता पाने की पात्रता होती है।
प्रश्न 7.सामुदायिक विकास मूलक कार्यों की किसी एक योजना का नाम बताइए।
उत्तर: नहर निर्माण हेतु सहस्र धारा योजना।
उत्तर: राष्ट्रीय रोजगार गारण्टी अधिनियम, 2005।
प्रश्न 2.राष्टीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी अधिनियम के अन्तर्गत किस प्रकार के श्रम का रोजगार दिया जाता है?
उत्तर: अकुशल मानव श्रम।
प्रश्न 3.राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना के अन्तर्गत कुल आवेदकों में से कितनी महिलाओं को लाभ पहुँचाया जाता है?
उत्तर: एक-तिहाई महिलाओं को।
प्रश्न 4.जॉब कार्ड सम्बन्धी शिकायत का समाधान कौन करता है?
उत्तर: जॉब कार्ड में किसी भी प्रकार के परिवर्तन करने हेतु ग्राम पंचायत सक्षम होती है।
प्रश्न 5.आवेदक को न्यूनतम मजदूरी का अतिरिक्त भुगतान कब किया जाता है?
उत्तर: 5 किमी. की परिधि में रोजगार न होने की स्थिति में जनपद स्तर पर रोजगार प्रदान किया जाता है और तब परिवहन व्यय हेतु आवेदक को न्यूनतम मजदूरी का 10 प्रतिशत अतिरिक्त भुगतान किया जाता है।
प्रश्न 6.बेरोजगारी भत्ता किसे दिया जाता है?
उत्तर: काम माँगने के दिन से 15 दिन तक अगर काम न मिले तो आवेदन करने वाले व्यक्ति को बेरोजगारी भत्ता पाने की पात्रता होती है।
प्रश्न 7.सामुदायिक विकास मूलक कार्यों की किसी एक योजना का नाम बताइए।
उत्तर: नहर निर्माण हेतु सहस्र धारा योजना।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना के उद्देश्य बताइए।
उत्तर: राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना के उद्देश्य-इस योजना के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं –
उत्तर: योजना में रोजगार की उपलब्धता –
उत्तर: सामुदायिक विकास मूलक सम्बन्धी योजनाएँ
उत्तर: जॉब कार्ड (रोजगार पत्र) पंजीयत परिवारों को ग्राम पंचायत द्वारा जारी किया जाता है। इसके अन्तर्गत परिवार के सदस्यों का पूर्ण विवरण होता है। यह रोजगार पत्र जारी होने के दिनांक से 5 वर्ष के लिये वैध होता है एवं प्रत्येक 5 वर्ष की समाप्ति के बाद एक माह के अन्दर ग्राम पंचायत द्वारा नवीनीकृत किया जा सकता है। यह कार्ड बीपीएल सर्वे पर आधारित होता है। जॉब कार्ड में किसी भी प्रकार के परिवर्तन करने हेतु ग्राम पंचायत सक्षम होती है।
प्रश्न 5.बेरोजगारी भत्ता प्राप्ति की प्रक्रिया बताइए।
उत्तर: बेरोजगारी भत्ता प्राप्त करने की प्रक्रिया-बेरोजगार व्यक्ति द्वारा काम माँगने के दिन से 15 दिन तक अगर काम न मिले तो आवेदन करने वाले व्यक्ति को बेरोजगारी भत्ता पाने की पात्रता होती है, परन्तु एक परिवार को न्यूनतम दर पर प्रदान की गई मजदूरी तथा बेरोजगारी भत्ते के रूप में प्रदान की गई राशि दोनों का योग 100 दिन की न्यूनतम मजदूरी से अधिक नहीं हो सकता है।
प्रश्न 6.राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना में ग्राम पंचायत की भूमिका को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना में ग्राम पंचायत की भूमिका-गाँव में इस योजना को लागू करने में ग्राम पंचायत की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। ग्राम पंचायत को निम्नलिखित कार्य करने होते हैं –
उत्तर: राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना के उद्देश्य-इस योजना के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं –
- इस योजना का उद्देश्य है ग्रामीण क्षेत्र में निवासरत् प्रत्येक परिवार के वयस्क व्यक्तियों को जो अकुशल मानव श्रम करने हेतु तैयार हैं, एक वित्तीय वर्ष में कम से कम 100 दिवस का रोजगार उपलब्ध कराना।
- ग्रामीण क्षेत्र में स्थायी परिसम्पत्तियों का सृजन करना।
उत्तर: योजना में रोजगार की उपलब्धता –
- योजना में रोजगार की उपलब्धता ‘प्रथम आओ, प्रथम पाओ’ के सिद्धान्त पर आधारित है। योजना के अन्तर्गत एक वित्तीय वर्ष 100 दिन का रोजगार प्राप्त करने के लिए एक परिवार पात्र होगा।
- रोजगार या तो क्षेत्र में पहले से चल रहे रोजगार मूलक कार्यों में दिया जाता है या पंचायत स्तर पर शेल्फ ऑफ प्रोजेक्ट में से कार्य आरम्भ करते हुए दिया जाता है।
- रोजगार प्रदान करते समय इस बात का ध्यान रखा जाता है कि रोजगार आवेदक के निवास के 5 किमी. की परिधि में ही हो।
- निःशक्तजनों, अपंग, बुजुर्ग व्यक्ति यदि आवेदन करते हैं तो उनकी योग्यता व दक्षता के अनुसार उन्हें काम दिया जाता है, अर्थात् सभी के लिए रोजगार का प्रावधान है।
उत्तर: सामुदायिक विकास मूलक सम्बन्धी योजनाएँ
- सिंचाई प्रसुविधा (क) निर्मल वाटिका
- बागवानी बागान (ख) पंजीकृत परिवार
- नहर निर्माण (ग) मीनाक्षी
- राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना (घ) सहस्त्र धारा
- जॉब कार्ड (ड) 100 दिवस
उत्तर: जॉब कार्ड (रोजगार पत्र) पंजीयत परिवारों को ग्राम पंचायत द्वारा जारी किया जाता है। इसके अन्तर्गत परिवार के सदस्यों का पूर्ण विवरण होता है। यह रोजगार पत्र जारी होने के दिनांक से 5 वर्ष के लिये वैध होता है एवं प्रत्येक 5 वर्ष की समाप्ति के बाद एक माह के अन्दर ग्राम पंचायत द्वारा नवीनीकृत किया जा सकता है। यह कार्ड बीपीएल सर्वे पर आधारित होता है। जॉब कार्ड में किसी भी प्रकार के परिवर्तन करने हेतु ग्राम पंचायत सक्षम होती है।
प्रश्न 5.बेरोजगारी भत्ता प्राप्ति की प्रक्रिया बताइए।
उत्तर: बेरोजगारी भत्ता प्राप्त करने की प्रक्रिया-बेरोजगार व्यक्ति द्वारा काम माँगने के दिन से 15 दिन तक अगर काम न मिले तो आवेदन करने वाले व्यक्ति को बेरोजगारी भत्ता पाने की पात्रता होती है, परन्तु एक परिवार को न्यूनतम दर पर प्रदान की गई मजदूरी तथा बेरोजगारी भत्ते के रूप में प्रदान की गई राशि दोनों का योग 100 दिन की न्यूनतम मजदूरी से अधिक नहीं हो सकता है।
प्रश्न 6.राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना में ग्राम पंचायत की भूमिका को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना में ग्राम पंचायत की भूमिका-गाँव में इस योजना को लागू करने में ग्राम पंचायत की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। ग्राम पंचायत को निम्नलिखित कार्य करने होते हैं –
- परिवारों का पंजीकरण एवं जिन परिवारों का नाम लिखा हुआ है उनको जॉब कार्ड देना।
- लोगों द्वारा रोजगार के लिए दिए गए आवेदन पत्र लेना एवं उन्हें काम कहाँ मिलेगा यह जानकारी देना।
- ग्रामसभा के फैसले के अनुसार कार्यों के प्रस्ताव तैयार करना।
- निर्माण कार्य के एस्टीमेट में मजदूरी, सामग्री एवं अन्य मद में होने वाले अनुमानित खर्चे का उल्लेख करना।
- अपने क्षेत्रों में किए जा रहे कार्यों की निगरानी करना।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी से आशय, उद्देश्य एवं विशेषताएँ बताइए।
उत्तर: राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना से आशय एवं उद्देश्य – ग्रामीण क्षेत्र में गरीबी की व्यापकता एवं सघनता के निवारण तथा ग्रामीण क्षेत्र में उत्पादक रोजगार बढ़ाने की दृष्टि से सितम्बर 2005 में ग्रामीण रोजगार गारण्टी अधिनियम पारित किया गया। राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी कानून का उद्देश्य वर्ष में 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराकर गैर कृषि अवधि के दौरान अकुशल ग्रामीणों का गाँव से पलायन रोकना है। इसके अनुसार इच्छुक ग्रामीण परिवारों को रोजगार प्राप्त करने का वैधानिक अधिकार प्राप्त हो गया। इस योजना के मुख्य उद्देश्य अग्रलिखित हैं –
उत्तर: राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना से आशय एवं उद्देश्य – ग्रामीण क्षेत्र में गरीबी की व्यापकता एवं सघनता के निवारण तथा ग्रामीण क्षेत्र में उत्पादक रोजगार बढ़ाने की दृष्टि से सितम्बर 2005 में ग्रामीण रोजगार गारण्टी अधिनियम पारित किया गया। राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी कानून का उद्देश्य वर्ष में 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराकर गैर कृषि अवधि के दौरान अकुशल ग्रामीणों का गाँव से पलायन रोकना है। इसके अनुसार इच्छुक ग्रामीण परिवारों को रोजगार प्राप्त करने का वैधानिक अधिकार प्राप्त हो गया। इस योजना के मुख्य उद्देश्य अग्रलिखित हैं –
प्रश्न 3.सामाजिक अंकेक्षण का आशय एवं महत्त्व बताइए।
उत्तर: सामाजिक अंकेक्षण का आशय – अंकेक्षण किसी भी कार्य या योजना की सफलता के लिए एक महत्त्वपूर्ण बिन्दु होता है। अंकेक्षण वह प्रक्रिया होती है जिसके द्वारा कराए गए कार्यों का एवं उस पर किए गए व्यय वितरण की जाँच की जाती है। राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना के सामाजिक अंकेक्षण के अन्तर्गत, विभिन्न स्तरों पर किये गये कार्यों, भुगतानों के विवरण, कार्य में कार्यरत् श्रमिकों की संख्या एवं सामग्री का विवरण या ब्यौरा सम्मिलित होता है।
उत्तर: राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना में शिकायत निपटारे हेतु निम्न समितियों की व्यवस्था की गई –
शिकायत निपटारे की समितियाँ – पंचायत स्तर पर इस योजना में हर स्तर पर शिकायत निपटारे की व्यवस्था है। हर स्तर पर अर्थात् ग्राम पंचायत से जिला स्तर तक शिकायत पुस्तिका रखी जाती है, कोई भी व्यक्ति अपनी शिकायत इस पुस्तिका में दर्ज करा सकता है। हर छह माह में ग्रामसभा किए गए कार्यों की जाँच पड़ताल करती है। कोई अव्यवस्था होने पर ग्रामसभा प्रस्ताव पास कर अनुविभागीय अधिकारी (एस. डी. एम.) को भेजती है। शिकायत प्राप्त होने पर अनुविभागीय अधिकारी जाँच समिति का गठन करता है। समिति में उसी पंचायत का एक पंच जो निर्माण एवं विकास समिति का सदस्य न हो, जनपद का सब-इंजीनियर व अनुविभागीय अधिकारी द्वारा नामांकित एक सामाजिक कार्यकर्ता सदस्य के रूप में शामिल होता है। इस पंचायत क्षेत्र के जनपद सदस्य और सम्बन्धित विभाग के ब्लॉक स्तरीय अधिकारी भी समिति में रहते हैं। जाँच की रिपोर्ट मिलने के बाद उसे सचिव द्वारा ग्रामसभा में पढ़कर सुनाया जाता है। यदि ग्रामसभा तय करती है तो प्रकरण अनुविभागीय अधिकारी द्वारा समाप्त किया जा सकता है। यदि ग्रामसभा मानती है कि गड़बड़ी हुई है तो वह अनुविभागीय अधिकारी को कार्यवाही की अनुशंसा करती है। अनुविभागीय अधिकारी द्वारा पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 40, 89, 92 या 100 के तहत कानूनी कार्यवाही की जाती है।
जनपद स्तर पर या कार्यक्रम अधिकारी (सीईओ जनपद पंचायत) की शिकायत पाई जाने पर जिला कार्यक्रम समन्वयक (कलेक्टर) जाँच समिति गठित करता है। जाँच समिति अपनी रिपोर्ट जिला कार्यक्रम समन्वयक को देती है और कोई कर्मचारी दोषी पाए जाने पर जिला कार्यक्रम समन्वयक स्वयं अनुशासनात्मक कार्यवाही करता है या सम्बन्धित विभाग को रिपोर्ट भेजता है।
जिला पंचायत स्तर पर जिला कार्यक्रम समन्वयक (कलेक्टर) या अतिरिक्त जिला कार्यक्रम समन्वयक जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के विरुद्ध शिकायत प्राप्त होने पर सम्भाग आयुक्त एक जाँच समिति का गठन करता है। सम्बन्धित व्यक्ति के दोषी पाए जाने पर संभाग आयुक्त स्वयं अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हैं या सम्बन्धित विभाग के समक्ष अधिकारी को भेजते हैं।
राज्य स्तर पर शिकायतों का निपटारा मध्य प्रदेश राज्य रोजगार गारण्टी परिषद् करता है।
क्रियान्वयन एजेन्सी के विरुद्ध शिकायत जिला कार्यक्रम समन्वयक कलेक्टर एक समिति का गठन करते हैं। जाँच रिपोर्ट में दोषी पाए जाने पर कलेक्टर जाँच रिपोर्ट पर यथोचित कार्यवाही करते हैं। शासकीय अधिकारी या कर्मचारी के दोषी पाये जाने पर कार्यवाही हेतु संभाग आयुक्त सम्बन्धित विभाग को भेजते हैं। साथ ही एक प्रति अपने मत सहित प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को भेजते हैं। मजदूरी न मिलने पर मस्टर रोल में गड़बड़ी की शिकायत को पहले हल किया जाता है। इन शिकायतों को 15 दिन के अन्दर निपटाए जाने का नियम है। यदि गम्भीर वित्तीय पैसे के सम्बन्ध में भ्रष्टाचार पाया जाता है, तो सम्बन्धित थाने में एफ. आई. आर. दर्ज कराई जाती है। शिकायत पर की गई कार्यवाही की जानकारी तत्काल प्रमुख सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विभाग को भेजी जाती है।
उत्तर: राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना से आशय एवं उद्देश्य – ग्रामीण क्षेत्र में गरीबी की व्यापकता एवं सघनता के निवारण तथा ग्रामीण क्षेत्र में उत्पादक रोजगार बढ़ाने की दृष्टि से सितम्बर 2005 में ग्रामीण रोजगार गारण्टी अधिनियम पारित किया गया। राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी कानून का उद्देश्य वर्ष में 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराकर गैर कृषि अवधि के दौरान अकुशल ग्रामीणों का गाँव से पलायन रोकना है। इसके अनुसार इच्छुक ग्रामीण परिवारों को रोजगार प्राप्त करने का वैधानिक अधिकार प्राप्त हो गया। इस योजना के मुख्य उद्देश्य अग्रलिखित हैं –
- इस योजना का उद्देश्य है ग्रामीण क्षेत्र में निवासरत प्रत्येक परिवार के वयस्क व्यक्तियों को जो अकुशल मानव श्रम करने हेतु तैयार हैं, एक वित्तीय वर्ष में कम से कम 100 दिवस का रोजगार अकुशल उपलब्ध कराना।
- ग्रामीण क्षेत्र में स्थायी परिसम्पत्तियों का सजन करना।
- योजना में रोजगार की उपलब्धता प्रथम आओ, प्रथम पाओ के सिद्धान्त पर आधारित है।
- रोजगार प्रदान करते समय इस बात का ध्यान रखा जाता है कि रोजगार आवेदक के निवास के 5 किमी. की परिधि में ही हो। 5 किमी. की परिधि में रोजगार न होने की स्थिति में जनपद स्तर पर रोजगार प्रदान किया जाता है और तब परिवहन व्यय आदि हेतु आवेदक को न्यूनतम मजदूरी का 10 प्रतिशत अतिरिक्त भुगतान किया जाता है।
- पंजीकृत एवं काम के लिए आवेदन करने वाले आवेदकों में से कम से कम एक तिहाई महिलाओं को लाभान्वित करने का प्रावधान है।
- महिला एवं पुरुषों में मजदूरी भुगतान में कोई भेदभाव नहीं किया जाता। मजदूरी का भुगतान साप्ताहिक या अधिकतम पाक्षिक आधार पर किया जाता है।
- कार्य के दौरान चोट लगने पर बिना पैसे के इलाज और अपंग व मृत्यु होने पर मुआवजे का प्रावधान है।
- इस स्कीम के अन्तर्गत किसी ठेकेदार को कार्य करने की इजाजत नहीं है।
- योजना में पारदर्शिता एवं आम आदमी की भागीदारी बढ़ाने हेतु सामाजिक अंकेक्षण की व्यवस्था है।
- गाँव में काम की देखरेख एवं निगरानी के लिए एक सतर्कता एवं मूल्यांकन समिति होती है। यह समिति काम की निगरानी एवं देखरेख करती है।
उत्तर: राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना से आशय एवं उद्देश्य – ग्रामीण क्षेत्र में गरीबी की व्यापकता एवं सघनता के निवारण तथा ग्रामीण क्षेत्र में उत्पादक रोजगार बढ़ाने की दृष्टि से सितम्बर 2005 में ग्रामीण रोजगार गारण्टी अधिनियम पारित किया गया। राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी कानून का उद्देश्य वर्ष में 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराकर गैर कृषि अवधि के दौरान अकुशल ग्रामीणों का गाँव से पलायन रोकना है। इसके अनुसार इच्छुक ग्रामीण परिवारों को रोजगार प्राप्त करने का वैधानिक अधिकार प्राप्त हो गया। इस योजना के मुख्य उद्देश्य अग्रलिखित हैं –
- इस योजना का उद्देश्य है ग्रामीण क्षेत्र में निवासरत प्रत्येक परिवार के वयस्क व्यक्तियों को जो अकुशल मानव श्रम करने हेतु तैयार हैं, एक वित्तीय वर्ष में कम से कम 100 दिवस का रोजगार अकुशल उपलब्ध कराना।
- ग्रामीण क्षेत्र में स्थायी परिसम्पत्तियों का सजन करना।
- ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी, बेरोजगारी एवं भुखमरी की समस्या के समाधान में सहायक है।
- ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन को कम करने में सहायक है।
- महिलाओं को रोजगार के अवसर प्रदान कर उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाने में सहायक है।
- इस योजना द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में उपयोगी परिसम्पत्तियों का निर्माण सम्भव हुआ है। समाज के निम्न आय वर्ग परिवारों की आर्थिक स्थिति के सुधार में सहायक है और उनकी परिसम्पत्तियों में वृद्धि करने में सहायक है।
- एक ऐसी ग्रामीण सामाजिक व्यवस्था विकसित करने में सहायक है जो शक्ति सन्तुलन समता पर आधारित होगी।
प्रश्न 3.सामाजिक अंकेक्षण का आशय एवं महत्त्व बताइए।
उत्तर: सामाजिक अंकेक्षण का आशय – अंकेक्षण किसी भी कार्य या योजना की सफलता के लिए एक महत्त्वपूर्ण बिन्दु होता है। अंकेक्षण वह प्रक्रिया होती है जिसके द्वारा कराए गए कार्यों का एवं उस पर किए गए व्यय वितरण की जाँच की जाती है। राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना के सामाजिक अंकेक्षण के अन्तर्गत, विभिन्न स्तरों पर किये गये कार्यों, भुगतानों के विवरण, कार्य में कार्यरत् श्रमिकों की संख्या एवं सामग्री का विवरण या ब्यौरा सम्मिलित होता है।
- सामाजिक अंकेक्षण का महत्त्व – योजना के सफल क्रियान्वयन की दिशा में अंकेक्षण अत्यन्त आवश्यक प्रक्रिया है। यही योजना को उसके अन्तिम लक्ष्य तक खींचकर ले जाता है सामाजिक अंकेक्षण का महत्त्व अग्रानुसार है – जागरूक बनाने में सहायक-सामाजिक अंकेक्षण लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक बनाने में सहायक होता है व उन्हें उनके अधिकारों का उपयोग करने में सक्षम बनाता है।
- योजना को प्रभावशाली बनाने में सहायक एवं महत्त्वपूर्ण-योजना के प्रभावी क्रियान्वयन में सामाजिक अंकेक्षण की भूमिका अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है। अंकेक्षण के कारण कार्यकर्ता में कार्य को ठीक से एवं समय पर पूरा करने की सजगता रहती है जिससे कार्य को सही ढंग से निर्धारित अवधि में पूरा कर दिखाने का एक उत्साह बना रहता है व योजना का क्रियान्वयन उचित ढंग से होने लगता है।
- आम नागरिकों की भागीदारी में सहायक-सामाजिक अंकेक्षण से योजना में आम लोगों की भागीदारी भी बढ़ती है। इसमें लक्षित समूह के साथ समूह चर्चा एवं व्यक्तिगत साक्षात्कार के द्वारा योजना के क्रियान्वयन का विवरण प्राप्त करने का प्रावधान है। इस प्रकार सामाजिक अंकेक्षण की प्रक्रिया इस प्रकार रखी गई है कि योजना में आम ग्रामीण नागरिकों की भागीदारी बढ़ जाती है और वे योजना के प्रति सजग व सतर्क हो जाते हैं।
- योजना की पारदर्शिता में सहायक-पारदर्शिता से आशय है कि योजना के सम्पूर्ण तथ्यों की जानकारी सभी को हो, कोई बात जनता से छिपी न रहे। पारदर्शिता के कारण जो कुछ होता है वह जनता के समक्ष खुली किताब के रूप में होता है।
- अनियमितताओं को नियन्त्रित करने में सहायक-अंकेक्षण का सर्वाधिक महत्त्व योजना के उचित क्रियान्वयन एवं अनियमितताओं को नियन्त्रित करने में है। समय-समय पर इनका अंकेक्षण होने से कार्यकर्ताओं को मजदूरों की संख्या, कार्य एवं कार्य के प्रकार, कार्यों पर किए गए व्यय राशि का सम्पूर्ण विवरण रखना पड़ता है, जिनकी अंकेक्षण के माध्यम से जाँच की जाती है। जाँच में खरा उतरना यह कर्ता-धर्ताओं की जिम्मेदारी होती है। अत: योजना का लाभ जिसे मिलना चाहिए, उसी को मिलता है। इससे योजना सफल होती है।
उत्तर: राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना में शिकायत निपटारे हेतु निम्न समितियों की व्यवस्था की गई –
शिकायत निपटारे की समितियाँ – पंचायत स्तर पर इस योजना में हर स्तर पर शिकायत निपटारे की व्यवस्था है। हर स्तर पर अर्थात् ग्राम पंचायत से जिला स्तर तक शिकायत पुस्तिका रखी जाती है, कोई भी व्यक्ति अपनी शिकायत इस पुस्तिका में दर्ज करा सकता है। हर छह माह में ग्रामसभा किए गए कार्यों की जाँच पड़ताल करती है। कोई अव्यवस्था होने पर ग्रामसभा प्रस्ताव पास कर अनुविभागीय अधिकारी (एस. डी. एम.) को भेजती है। शिकायत प्राप्त होने पर अनुविभागीय अधिकारी जाँच समिति का गठन करता है। समिति में उसी पंचायत का एक पंच जो निर्माण एवं विकास समिति का सदस्य न हो, जनपद का सब-इंजीनियर व अनुविभागीय अधिकारी द्वारा नामांकित एक सामाजिक कार्यकर्ता सदस्य के रूप में शामिल होता है। इस पंचायत क्षेत्र के जनपद सदस्य और सम्बन्धित विभाग के ब्लॉक स्तरीय अधिकारी भी समिति में रहते हैं। जाँच की रिपोर्ट मिलने के बाद उसे सचिव द्वारा ग्रामसभा में पढ़कर सुनाया जाता है। यदि ग्रामसभा तय करती है तो प्रकरण अनुविभागीय अधिकारी द्वारा समाप्त किया जा सकता है। यदि ग्रामसभा मानती है कि गड़बड़ी हुई है तो वह अनुविभागीय अधिकारी को कार्यवाही की अनुशंसा करती है। अनुविभागीय अधिकारी द्वारा पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 40, 89, 92 या 100 के तहत कानूनी कार्यवाही की जाती है।
जनपद स्तर पर या कार्यक्रम अधिकारी (सीईओ जनपद पंचायत) की शिकायत पाई जाने पर जिला कार्यक्रम समन्वयक (कलेक्टर) जाँच समिति गठित करता है। जाँच समिति अपनी रिपोर्ट जिला कार्यक्रम समन्वयक को देती है और कोई कर्मचारी दोषी पाए जाने पर जिला कार्यक्रम समन्वयक स्वयं अनुशासनात्मक कार्यवाही करता है या सम्बन्धित विभाग को रिपोर्ट भेजता है।
जिला पंचायत स्तर पर जिला कार्यक्रम समन्वयक (कलेक्टर) या अतिरिक्त जिला कार्यक्रम समन्वयक जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के विरुद्ध शिकायत प्राप्त होने पर सम्भाग आयुक्त एक जाँच समिति का गठन करता है। सम्बन्धित व्यक्ति के दोषी पाए जाने पर संभाग आयुक्त स्वयं अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हैं या सम्बन्धित विभाग के समक्ष अधिकारी को भेजते हैं।
राज्य स्तर पर शिकायतों का निपटारा मध्य प्रदेश राज्य रोजगार गारण्टी परिषद् करता है।
क्रियान्वयन एजेन्सी के विरुद्ध शिकायत जिला कार्यक्रम समन्वयक कलेक्टर एक समिति का गठन करते हैं। जाँच रिपोर्ट में दोषी पाए जाने पर कलेक्टर जाँच रिपोर्ट पर यथोचित कार्यवाही करते हैं। शासकीय अधिकारी या कर्मचारी के दोषी पाये जाने पर कार्यवाही हेतु संभाग आयुक्त सम्बन्धित विभाग को भेजते हैं। साथ ही एक प्रति अपने मत सहित प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को भेजते हैं। मजदूरी न मिलने पर मस्टर रोल में गड़बड़ी की शिकायत को पहले हल किया जाता है। इन शिकायतों को 15 दिन के अन्दर निपटाए जाने का नियम है। यदि गम्भीर वित्तीय पैसे के सम्बन्ध में भ्रष्टाचार पाया जाता है, तो सम्बन्धित थाने में एफ. आई. आर. दर्ज कराई जाती है। शिकायत पर की गई कार्यवाही की जानकारी तत्काल प्रमुख सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विभाग को भेजी जाती है।
बहु-विकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.देश के सकल घरेलू उत्पाद में कृषि का योगदान है –
(i) 20 प्रतिशत
(ii) 22 प्रतिशत
(iii) 28 प्रतिशत
(iv) 40 प्रतिशत
उत्तर: (ii) 22 प्रतिशत
प्रश्न 2.नंदन फलोद्यान योजना सम्बन्धित है –
(i) वृक्षारोपण से
(ii) सिंचाई सुविधा से
(iii) बागवानी बागान से
(iv) भूमि सुधार से।
उत्तर:(iii) बागवानी बागान से
प्रश्न 3.2011 की जनगणना के अनुसार भारत की जनसंख्या का कितना प्रतिशत भाग गाँव में निवास करता है?
(i) 65.8 प्रतिशत
(ii) 54.8 प्रतिशत
(iii) 60.0 प्रतिशत
(iv) 68.8 प्रतिशत।
उत्तर:(iv) 68.8 प्रतिशत।
(i) 20 प्रतिशत
(ii) 22 प्रतिशत
(iii) 28 प्रतिशत
(iv) 40 प्रतिशत
उत्तर: (ii) 22 प्रतिशत
प्रश्न 2.नंदन फलोद्यान योजना सम्बन्धित है –
(i) वृक्षारोपण से
(ii) सिंचाई सुविधा से
(iii) बागवानी बागान से
(iv) भूमि सुधार से।
उत्तर:(iii) बागवानी बागान से
प्रश्न 3.2011 की जनगणना के अनुसार भारत की जनसंख्या का कितना प्रतिशत भाग गाँव में निवास करता है?
(i) 65.8 प्रतिशत
(ii) 54.8 प्रतिशत
(iii) 60.0 प्रतिशत
(iv) 68.8 प्रतिशत।
उत्तर:(iv) 68.8 प्रतिशत।
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
- विगत तीन दशकों (1973-2003) के दौरान सेवा क्षेत्र का योगदान लगभग ……………….. गुना बढ़ गया है।
- कृषि श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी अधिनियम ……………….. के अन्तर्गत निर्धारित अधिसूचित मजदूरी पाने का हक है।
- ग्यारह
- 1948
सत्य/असत्य
प्रश्न 1.1973 में सकल घरेलू उत्पाद में कृषि का योगदान 30 प्रतिशत था।
उत्तर: असत्य
प्रश्न 2. राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना के अन्तर्गत एक वित्तीय वर्ष में 100 दिन का रोजगार प्राप्त करने के लिए एक परिवार पात्र होगा।
उत्तर: सत्य
प्रश्न 3.जॉब कार्ड बीपीएल सर्वे पर आधारित होता है।
उत्तर: सत्य
प्रश्न 4. राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना राज्य सरकार ने प्रारम्भ की है।
उत्तर: असत्य
प्रश्न 5.शैल-पर्ण योजना जल संरक्षण एवं संवर्धन से सम्बन्धित है।
उत्तर: सत्य
उत्तर: असत्य
प्रश्न 2. राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना के अन्तर्गत एक वित्तीय वर्ष में 100 दिन का रोजगार प्राप्त करने के लिए एक परिवार पात्र होगा।
उत्तर: सत्य
प्रश्न 3.जॉब कार्ड बीपीएल सर्वे पर आधारित होता है।
उत्तर: सत्य
प्रश्न 4. राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना राज्य सरकार ने प्रारम्भ की है।
उत्तर: असत्य
प्रश्न 5.शैल-पर्ण योजना जल संरक्षण एवं संवर्धन से सम्बन्धित है।
उत्तर: सत्य
जोड़ी मिलाइए
कार्य योजनाएं
- जल संरक्षण एवं संवर्धन (क) शैल-पर्ण
- वृक्षारोपण (ख) वन्या उपयोजना
- नहर निर्माण (ग) सहस्त्र धारा
- सिंचाई (घ) निर्मल नीर
- सिंचाई (ङ) नालों पर श्रृंखलाबद्ध जनसंरचनाएं
- → (ग)
- → (क)
- → (घ)
- → (ङ)
- → (ख)
एक शब्द/वाक्य में उत्तर
प्रश्न 1.राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना किस सिद्धान्त पर आधारित है?
उत्तर: प्रथम आओ, प्रथम पाओ
प्रश्न 2.राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना में परिवहन व्यय का कितना अतिरिक्त भुगतान किया जाता है।
उत्तर: 10 प्रतिशत
प्रश्न 3.जॉब कार्ड किस सर्वे पर आधारित होता है?
उत्तर: बीपीएल सर्वे
प्रश्न 4.मध्य प्रदेश में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी अधिनियम की किस धारा के अन्तर्गत राज्य योजना आयोग का गठन किया गया है?
उत्तर: धारा 4(1)
उत्तर: प्रथम आओ, प्रथम पाओ
प्रश्न 2.राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना में परिवहन व्यय का कितना अतिरिक्त भुगतान किया जाता है।
उत्तर: 10 प्रतिशत
प्रश्न 3.जॉब कार्ड किस सर्वे पर आधारित होता है?
उत्तर: बीपीएल सर्वे
प्रश्न 4.मध्य प्रदेश में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी अधिनियम की किस धारा के अन्तर्गत राज्य योजना आयोग का गठन किया गया है?
उत्तर: धारा 4(1)
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.न्यूनतम मजदूरी क्या है?
उत्तर: किसी क्षेत्र के सम्बन्ध में न्यूनतम मजदूरी से आशय कृषि श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948 की धारा 3 के अधीन राज्य सरकार द्वारा नियत मजदूरी से है, जो उस क्षेत्र में लागू है।
प्रश्न 2.कार्यक्रम अधिकारी से क्या आशय है?
उत्तर: कार्यक्रम अधिकारी से आशय स्कीम को कार्यान्वित करने के लिए धारा 15 की उपधारा (1) के अधीन नियुक्त किसी अधिकारी से होता है।
उत्तर: किसी क्षेत्र के सम्बन्ध में न्यूनतम मजदूरी से आशय कृषि श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948 की धारा 3 के अधीन राज्य सरकार द्वारा नियत मजदूरी से है, जो उस क्षेत्र में लागू है।
प्रश्न 2.कार्यक्रम अधिकारी से क्या आशय है?
उत्तर: कार्यक्रम अधिकारी से आशय स्कीम को कार्यान्वित करने के लिए धारा 15 की उपधारा (1) के अधीन नियुक्त किसी अधिकारी से होता है।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.रोजगार गारण्टी योजना के तहत मजदूरों को काम के समय क्या सुविधाएँ प्रदान की जाती हैं?
उत्तर: रोजगार गारण्टी योजना में काम के समय सुविधाएँ – रोजगार गारण्टी योजना के तहत मजदूरों को काम के समय निम्न सुविधाएँ प्रदान की जाती हैं –
उत्तर: रोजगार की माँग करने वाला व्यक्ति यदि योजना के अन्तर्गत दिए गए कार्य को नहीं करता है एवं सूचना मिलने के 15 दिवस की भीतर कार्यस्थल पर उपस्थित नहीं होता है और क्रियान्वयन एजेंसी की अनुमति के बिना निरन्तर एक सप्ताह या उससे अधिक या पूरे माह में एक सप्ताह से अधिक अनुपस्थित रहता है तो ऐसे व्यक्ति अधिनियम के तहत तीन माह तक बेरोजगारी भत्ते की माँग नहीं कर सकते हैं।
प्रश्न 3.“ग्रामीण अर्थव्यवस्था का विकास ही भारत का सच्चा विकास है।” स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार भारत की 68.85 प्रतिशत जनसंख्या गाँव में निवास करती है। इसीलिए ग्रामीण जीवन इतना समृद्ध होना चाहिए कि लोगों को ग्रामीण क्षेत्र में ही रोजगार उपलब्ध हो सके, जिससे लोगों को गाँव के बाहर जाने की आवश्यकता न पड़े। ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर उपलब्ध हों जिससे अन्य भौतिक और सामाजिक बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएँ, जिससे पलायन की मजबूरी वाले कारणों पर काबू पाया जा सके।
प्रश्न 4.राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना के अन्तर्गत कौन व्यक्ति रोजगार प्राप्त करने के पात्र होंगे?
अथवा
राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना में काम पाने की प्रक्रिया को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना में काम पाने की प्रक्रिया-योजना के अन्तर्गत एक पंजीकृत परिवार के समस्त वयस्क व्यक्ति जो रोजगार प्राप्त करने के लिए आवेदन प्रस्तुत करते हैं, 100 दिवस की सीमा के अन्तर्गत रोजगार प्राप्त करने हेतु पात्र होंगे। इसके लिए
उत्तर: रोजगार गारण्टी योजना में काम के समय सुविधाएँ – रोजगार गारण्टी योजना के तहत मजदूरों को काम के समय निम्न सुविधाएँ प्रदान की जाती हैं –
- पीने का साफ जल और आराम के लिए छाया की व्यवस्था।
- काम कर रही महिलाओं के साथ 6 वर्ष से कम आयु के अगर 5 या अधिक बच्चे हों तो उनकी देखभाल के लिए अलग से एक महिला को काम सौंपा जाना प्रावधानित है।
- काम के दौरान अगर किसी मजदूर को चोट लग जाती है तो उसे पूरे इलाज की सुविधा व पूरी तरह से अपंग हो जाने या किसी की मृत्यु होने पर नियमानुसार मुआवजा देने का प्रावधान है।
उत्तर: रोजगार की माँग करने वाला व्यक्ति यदि योजना के अन्तर्गत दिए गए कार्य को नहीं करता है एवं सूचना मिलने के 15 दिवस की भीतर कार्यस्थल पर उपस्थित नहीं होता है और क्रियान्वयन एजेंसी की अनुमति के बिना निरन्तर एक सप्ताह या उससे अधिक या पूरे माह में एक सप्ताह से अधिक अनुपस्थित रहता है तो ऐसे व्यक्ति अधिनियम के तहत तीन माह तक बेरोजगारी भत्ते की माँग नहीं कर सकते हैं।
प्रश्न 3.“ग्रामीण अर्थव्यवस्था का विकास ही भारत का सच्चा विकास है।” स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार भारत की 68.85 प्रतिशत जनसंख्या गाँव में निवास करती है। इसीलिए ग्रामीण जीवन इतना समृद्ध होना चाहिए कि लोगों को ग्रामीण क्षेत्र में ही रोजगार उपलब्ध हो सके, जिससे लोगों को गाँव के बाहर जाने की आवश्यकता न पड़े। ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर उपलब्ध हों जिससे अन्य भौतिक और सामाजिक बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएँ, जिससे पलायन की मजबूरी वाले कारणों पर काबू पाया जा सके।
प्रश्न 4.राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना के अन्तर्गत कौन व्यक्ति रोजगार प्राप्त करने के पात्र होंगे?
अथवा
राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना में काम पाने की प्रक्रिया को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना में काम पाने की प्रक्रिया-योजना के अन्तर्गत एक पंजीकृत परिवार के समस्त वयस्क व्यक्ति जो रोजगार प्राप्त करने के लिए आवेदन प्रस्तुत करते हैं, 100 दिवस की सीमा के अन्तर्गत रोजगार प्राप्त करने हेतु पात्र होंगे। इसके लिए
- परिवार को ग्राम पंचायत क्षेत्र का स्थानीय निवासी होना आवश्यक है।
- स्थानीय ग्राम पंचायत में परिवार को पंजीकृत कराया जाना आवश्यक होगा।
- ग्राम पंचायत से परिवार का जॉब कार्ड प्राप्त करना होगा।
- जॉब कार्ड के आधार पर अकुशल मानव श्रम करने हेतु आवेदन देना होगा।
- अकुशल मानव श्रम करने के लिए तत्पर
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.ग्रामीण परिवारों को किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है ? इन समस्याओं के सन्दर्भ में अपने सुझाव दीजिए।
अथवा
ग्रामीण अर्थव्यवस्था में बेरोजगारी के स्वरूप को स्पष्ट करते हुए बताइए कि इसके कारण ग्रामीण परिवारों को किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है?
उत्तर: ग्रामीण अर्थव्यवस्था में बेरोजगारी का स्वरूप-भारतीय अर्थव्यवस्था में विगत तीन दशकों (1973-2003) में व्यापक परिवर्तन हुए हैं। वर्ष 1973 में जहाँ सकल घरेलू उत्पाद में कृषि क्षेत्र का योगदान 45 प्रतिशत के करीब था व इस क्षेत्र से 75 प्रतिशत व्यक्तियों को रोजगार मिला हुआ था, “वर्ष 2012 में कृषि क्षेत्र का योगदान घटकर 14.1 प्रतिशत ही रह गया है। किन्तु कृषि क्षेत्र में अभी भी 58.2 प्रतिशत व्यक्ति रोजगार में लगे हुए हैं।” इससे स्पष्ट है कि कृषि क्षेत्र में कार्यरत् व्यक्ति आवश्यकता से अधिक हैं। इनमें से यदि कुछ लोगों को अन्यत्र रोजगार से जोड़ा जाए तो भी कृषि उत्पादन प्रभावित नहीं होगा। यह स्थिति हमारी ग्रामीण अर्थव्यवस्था में बेरोजगारी के स्वरूप को बताती है, जिससे प्रच्छन्न बेरोजगारी, आंशिक बेरोजगारी और अल्प बेरोजगारी की समस्याएँ व्याप्त हैं। इन समस्याओं के कारण ग्रामीण परिवारों को निम्न समस्याओं का सामना करना पड़ता है
प्रश्न 2.राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना में ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराने हेतु कौन-कौन से कार्य निर्धारित किए गए हैं?
उत्तर: राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना के अन्तर्गत कराए जाने वाले कार्य – राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना में ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराने हेतु कुछ कार्य निर्धारित किए गए हैं। इस अधिनियम में इन कार्यों को कराने का प्रावधान है
अथवा
ग्रामीण अर्थव्यवस्था में बेरोजगारी के स्वरूप को स्पष्ट करते हुए बताइए कि इसके कारण ग्रामीण परिवारों को किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है?
उत्तर: ग्रामीण अर्थव्यवस्था में बेरोजगारी का स्वरूप-भारतीय अर्थव्यवस्था में विगत तीन दशकों (1973-2003) में व्यापक परिवर्तन हुए हैं। वर्ष 1973 में जहाँ सकल घरेलू उत्पाद में कृषि क्षेत्र का योगदान 45 प्रतिशत के करीब था व इस क्षेत्र से 75 प्रतिशत व्यक्तियों को रोजगार मिला हुआ था, “वर्ष 2012 में कृषि क्षेत्र का योगदान घटकर 14.1 प्रतिशत ही रह गया है। किन्तु कृषि क्षेत्र में अभी भी 58.2 प्रतिशत व्यक्ति रोजगार में लगे हुए हैं।” इससे स्पष्ट है कि कृषि क्षेत्र में कार्यरत् व्यक्ति आवश्यकता से अधिक हैं। इनमें से यदि कुछ लोगों को अन्यत्र रोजगार से जोड़ा जाए तो भी कृषि उत्पादन प्रभावित नहीं होगा। यह स्थिति हमारी ग्रामीण अर्थव्यवस्था में बेरोजगारी के स्वरूप को बताती है, जिससे प्रच्छन्न बेरोजगारी, आंशिक बेरोजगारी और अल्प बेरोजगारी की समस्याएँ व्याप्त हैं। इन समस्याओं के कारण ग्रामीण परिवारों को निम्न समस्याओं का सामना करना पड़ता है
- रोजगार के व्याप्त साधनों की कमी और कृषि में आवश्यकता से अधिक व्यक्तियों के लिप्त रहने के कारण ग्रामीण क्षेत्र में श्रम का उचित मूल्य नहीं मिलता है। इससे ग्रामीण परिवार गरीबी एवं भूख जैसी समस्याओं से जूझते रहते हैं।
- स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर उपलब्ध न होने के कारण अनिवार्य आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए रोजगार ग्रामीण लोगों को शहरी क्षेत्रों की ओर पलायन करने के लिए विवश होना पड़ता है, जिनसे अनेक सामाजिक व आर्थिक समस्याएँ उत्पन्न होती हैं।
- रोजगार के सीमित अवसर होने के कारण ग्रामीण परिवार की महिलाओं के श्रम का उचित मूल्यांकन और दोहन भी नहीं हो पाता है।
- ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार के सीमित अवसर होने के कारण ग्रामीण परिवार आर्थिक रूप से असुरक्षित रहते हैं।
- आजीविका के लिए मूलभूत सुविधाओं में कमी के कारण भी रोजगार के नये अवसर विकसित नहीं होते हैं। इससे परिवारों का जीवन स्तर भी सुधर नहीं पाता है।
प्रश्न 2.राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना में ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराने हेतु कौन-कौन से कार्य निर्धारित किए गए हैं?
उत्तर: राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना के अन्तर्गत कराए जाने वाले कार्य – राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना में ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराने हेतु कुछ कार्य निर्धारित किए गए हैं। इस अधिनियम में इन कार्यों को कराने का प्रावधान है
- जल संवर्धन एवं संरक्षण।
- सूखा रोकने हेतु वनरोपण/वृक्षारोपण।
- सिंचाई हेतु नहरें, लघु एवं मध्यम सिंचाई कार्य।
- अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों या गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों या भूमि सुधार के हिताधिकारियों या भारत सरकार की इन्दिरा आवास योजना के अधीन हिताधिकारियों की स्वयं की गृहस्थी भूमि के लिए सिंचाई प्रसुविधा, बागवानी बागान और भूमि विकास प्रसुविधा का उपबन्ध
- परम्परागत जल स्त्रोत संरचनाओं का पुनरुत्थान।
- भूमि का विकास।
- बाढ़ नियन्त्रण, जल जमाव क्षेत्रों में जल निकासी।
- 12 मीसा ग्रामीण पहुँच मार्ग।
- केन्द्र शासन द्वारा राज्य शासन के परामर्श से अधिसूचित अन्य कोई कार्य।
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