ऊतक
प्रश्न 1. ऊतक क्या है?
उत्तर: ऊतक-“उन कोशिकाओं का समूह जो आकृति में समान होता है तथा किसी कार्य को एक साथ सम्पन्न करता है, ऊतक कहलाता है।”.
प्रश्न 2. बहुकोशिक जीवों में ऊतकों का क्या उपयोग है?
उत्तर: बहुकोशिक जीवों में ऊतकों का उपयोग- बहुकोशिकीय जीवों में श्रम विभाजन होता है जिसमें विभिन्न क्रियाकलापों का सम्पादन एवं संचालन विभिन्न ऊतकों द्वारा किया जाता है इसलिए बहुकोशिक जीवों में ऊतकों का महत्वपूर्ण उपयोग होता है।
प्रश्न शृंखला-2 # पृष्ठ संख्या 81
प्रश्न 1. प्रकाश-संश्लेषण के लिए किस गैस की आवश्यकता होती है?
उत्तर: कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) गैस की।
उत्तर: वाष्पोत्सर्जन के द्वारा पौधों में जल का नियमन होता है।
प्रश्न श्रृंखला-3 # पृष्ठ संख्या 83
प्रश्न 1. सरल ऊतकों के कितने प्रकार हैं?
उत्तर: सरल ऊतकों के तीन:प्रकार हैं?
- पैरेनकाइमा
- कॉलेनकाइमा
- स्क्ले रेनकाइमा।
उत्तर: जड़ों एवं तनों की वृद्धि वाले भाग में।
प्रश्न 3. नारियल का रेशा किस ऊतक का बना होता है?
उत्तर: स्क्लेरेनकाइमा ऊतक का।
प्रश्न 4. फ्लोएम के संघटक कौन-कौन से हैं?
उत्तर: फ्लोएम के संघटक, निम्न चार होते हैं –
- चालनी नलिका
- साथी कोशिकाएँ
- फ्लोएम पैरेनकाइमा
- फ्लोएम रेशा।
प्रश्न 1. उस ऊतक का नाम बताएँ जो हमारे शरीर में गति के लिए उत्तरदायी है।
उत्तर: पेशीय ऊतक।
प्रश्न 2. न्यूरॉन देखने में कैसा लगता है?
उत्तर: न्यूरॉन देखने में धागों जैसी संरचना होती है जिससे पतले लम्बे बालों जैसी संरचना निकली होती है।
प्रश्न 3. हृदय पेशी के तीन लक्षणों को बताएँ।
उत्तर: हृदय पेशी के लक्षण:
- हृदय पेशी अनैच्छिक पेशी होती है।
- यह जीवन भर लयबद्ध होकर प्रसार एवं संकुचन करती रहती है।
- इन पेशियों की कोशिकाएँ बेलनाकार, शाखाओं वाली और एककेन्द्रकीय होती हैं।
उत्तर: एरिओलर ऊतक के कार्य:
- अंगों के भीतर की खाली जगह को भरता है।
- आन्तरिक भागों को सहारा प्रदान करता है।
- ऊतकों की मरम्मत में सहायता प्रदान करता है।
प्रश्न 1. ऊतक को परिभाषित कीजिए।
उत्तर: ऊतक की परिभाषा: -“उन कोशिकाओं का समूह जो आकृति में समान होती हैं तथा किसी कार्य को एक साथ सम्पन्न करती हैं, ऊतक कहलाता है।”
प्रश्न 2. कितने प्रकार के तत्व मिलकर जाइलम ऊतक का निर्माण करते हैं?
उत्तर: जाइलम ऊतक निम्न चार प्रकार के तत्वों से मिलकर निर्मित होता है –
- ट्रेकीड (वाहिनिका)
- वाहिका
- जाइलम पैरेनकाइमा
- जाइलम फाइबर (रेशे)।
उत्तर: सरल स्थायी ऊतक पतली कोशिका भित्ति वाली जीवित तथा बन्धन मुक्त सरल कोशिकाओं से मिलकर बनता है जबकि जटिल स्थायी ऊतक एक से अधिक प्रकार की कोशिकाओं से मिलकर बना होता है जो परस्पर मिलकर एक इकाई के रूप में कार्य करते हैं।
प्रश्न 4. कोशिका भित्ति के आधार पर पैरेनकाइमा, कॉलेनकाइमा और स्क्लेरेनकाइमा के बीच भेद स्पष्ट करें।
उत्तर: पैरेनकाइमा की कोशिका भित्ति बहुत पतली होती है, कॉलेनकाइमा की कोशिका भित्ति लचीली होती है जबकि स्क्लेरेनकाइमा की कोशिका भित्ति लिग्निन के कारण मोटी और दृढ़ होती है।
प्रश्न 5. रन्ध्र के क्या कार्य हैं?
उत्तर: रन्ध्र के कार्य:-
- वायुमण्डल से गैसों का आदान-प्रदान करना।
- वाष्पोत्सर्जन द्वारा पौधों में जल का नियमन करना।
उत्तर: पेशीय ऊतकों के तीन प्रकार (रेखित, अरेखित एवं कार्डियक) में अन्तर:-
- ये ऐच्छिक पेशियॉ होती हैं।
- सूक्ष्मदर्शी से देखने पर हल्क या गहरे रंग की धारियों की तरह दिखाई देती है।
- इनकी कोशिकाएॅ लम्बी, बेलनाकार, शाखा रहित एवं बहुकेन्द्रकीय होती हैं।
- ये प्रायः हड्डियों से जुड़ी होती हैं और उनमें गति कराने में सहायक होती हैं।
- ये अनैच्छिक पेशिंयॉ होती है।
- इनमें कोई धारियॉ नहीं होतीं तथा ये चिकनी होती है।
- इनकी कोशिकाएॅ लम्बी, तर्कुरूप एवं एककेन्द्रकीय होती है।
- ये आहार नली, पित्ताशय, मूत्राशय, श्वासनली एवं रूधिर वाहिनियों में पाई जाती हैं।
- ये भी अनैच्छिक पेशिंयॉ होती है।
- इनमें भी धारियॉ नहीं होतीं।
- इनकी कोशिकाएॅ बेलनाकार, शाखाओं वाली तथा एककेन्द्रकीय होती है।
- ये पेशियॉ जीवनभर लयबद्ध होकर ह्दय में प्रसार एवं संकुचन पैदा करती हैं।
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रेखित पेशी ऊतक |
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अरेखित पेशी ऊतक |
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ह्दयक पेशी |
उत्तर: हृदय का लयबद्ध होकर निरन्तर स्पन्दन कराना।
प्रश्न 8. रेखित, अरेखित तथा कार्डियक (हृदयक) पेशियों में शरीर में स्थिति, कार्य और स्थान के आधार पर अन्तर स्पष्ट करें।
उत्तर:-
रेखित पेशी ऊतक (ऐच्छिक पेशी) :-
- ये ऐच्छिक पेशियॉ होती हैं।
- सूक्ष्मदर्शी से देखने पर हल्क या गहरे रंग की धारियों की तरह दिखाई देती है।
- इनकी कोशिकाएॅ लम्बी, बेलनाकार, शाखा रहित एवं बहुकेन्द्रकीय होती हैं।
- ये प्रायः हड्डियों से जुड़ी होती हैं और उनमें गति कराने में सहायक होती हैं।
- ये अनैच्छिक पेशिंयॉ होती है।
- इनमें कोई धारियॉ नहीं होतीं तथा ये चिकनी होती है।
- इनकी कोशिकाएॅ लम्बी, तर्कुरूप एवं एककेन्द्रकीय होती है।
- ये आहार नली, पित्ताशय, मूत्राशय, श्वासनली एवं रूधिर वाहिनियों में पाई जाती हैं।
- ये भी अनैच्छिक पेशिंयॉ होती है।
- इनमें भी धारियॉ नहीं होतीं।
- इनकी कोशिकाएॅ बेलनाकार, शाखाओं वाली तथा एककेन्द्रकीय होती है।
- ये पेशियॉ जीवनभर लयबद्ध होकर ह्दय में प्रसार एवं संकुचन पैदा करती हैं।
उत्तर:-
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न्यूरॉन का नामांकित चित्र |
प्रश्न 10. निम्नलिखित के नाम लिखें –
(a) ऊतक जो मुँह के भीतरी अस्तर का निर्माण करता है।
(b) ऊतक जो मनुष्य में पेशियों को अस्थि से जोड़ता है।
(c) ऊतक जो पौधों में भोजन का संवहन करता है।
(d) ऊतक जो हमारे शरीर में वसा का संचय करता है।
(e) तरल आधात्री सहित संयोजी ऊतक।
(f) मस्तिष्क में स्थित ऊतक।
उत्तर:
(a) एपिथीलियमी ऊतक
(b) कण्डरा
(c) फ्लोएम
(d) वसामय ऊतक
(e) रक्त
(f) तन्त्रिका ऊतक (न्यूरॉन)।
प्रश्न 11. निम्नलिखित में ऊतक के प्रकार की पहचान करें-त्वचा, पौधे का वल्क, अस्थि, वक्कीय नलिका का अस्तर, संवहन बण्डल।
उत्तर: त्वचा-एपिथीलियमी ऊतक, पौधे का वल्क-स्क्लेरेनकाइमा सरल स्थायी ऊतक। अस्थि-संयोजी ऊतक, वृक्कीय नलिका का अस्तर-घनाकार एपिथीलियम। संवहन बण्डल-जटिल स्थायी ऊतक।
प्रश्न 12. पैरेनकाइमा ऊतक किस क्षेत्र में पाया जाता है?
उत्तर: पत्तियों, जड़ों एवं तनों में।
प्रश्न 13. पौधों में एपीडर्मिस की क्या भूमिका है?
उत्तर: पौधों में एपीडर्मिस की भूमिका-एपीडर्मिस पौधों के सभी भागों की रक्षा करती है तथा पानी की हानि को रोकती है।
प्रश्न 14. छाल (कॉक) किस प्रकार सुरक्षा ऊतक के रूप में कार्य करता है?
उत्तर: छाल (कॉर्क) पौधों की जल हानि को रोकती है। यह पौधों की यान्त्रिक आघातों एवं परजीवी कवक के प्रवेश से रक्षा करती है तथा सुरक्षा आवरण बनाती है।
प्रश्न 15. निम्न दी गई तालिका को पूर्ण करें –
उत्तर:-
- (a) पैरेनकाइमा
- (b) स्क्लेरेनकाइमा
- (c) फ्लोएम।
परीक्षोपयोगी अतिरिक्त प्रश्नोत्तर (बहु-विकल्पीय प्रश्न)
प्रश्न 1. निम्नलिखित में से कौन-से ऊतक में मृत कोशिकाएँ पायी जाती हैं?
(a) मृदूतक
(b) दृढ़ोतक
(c) स्थूलकोण ऊतक
(d) उपकला ऊतक
उत्तर: (b) दृढ़ोतक
प्रश्न 2. तने की परिधि निम्नलिखित के कारण बढ़ती है –
(a) शीर्षस्थ विभज्योतक
(b) पार्श्व विभज्योतक
(c) अन्तर्विष्ट विभज्योतक
(d) ऊर्ध्व विभज्योतक।
उत्तर: (b) पार्श्व विभज्योतक
प्रश्न 3. कौन-सी कोशिका में छिद्रिल कोशिका भित्ति नहीं होती?
(a) वाहिनिकाएँ
(b) सहचर कोशिकाएँ
(c) चालनी कोशिकाएँ
(d) वाहिकाएँ।
उत्तर: (b) सहचर कोशिकाएँ
प्रश्न 4. आँत्र पचे हुए भोजन को अवशोषित करती है। उपकला कोशिकाओं का कौन-सा प्रकार इसके लिए उत्तरदायी है?
(a) स्तरित शल्की उपकला
(b) स्तम्भाकार उपकला
(c) तओ रेशे उपकला
(d) घनाकार उपकला।
उत्तर: (b) स्तम्भाकार उपकला
प्रश्न 5. किसी व्यक्ति की दुर्घटना में हाथ की दोनों बड़ी हड्डियाँ (अस्थियाँ) अपने स्थान से हट गईं। निम्नलिखित में से कौन-सा सम्भावित कारण हो सकता है?
(a) कण्डरा का टूटना
(b) कंकाल पेशी का टूटना
(c) स्नायु का टूटना
(d) एरिओलर (गर्तिका) ऊतक का टूटना।
उत्तर: (c) स्नायु का टूटना
प्रश्न 6. काम करते समय एवं दौड़ते समय आप अपने हाथ-पैर आदि अंगों को हिलाते हैं। निम्नलिखित में कौन-सा कथन सही है?
(a) चिकनी पेशियाँ संकुचित होकर अस्थियों को चलायमान करने के लिए स्नायु को खींचती हैं।
(b) चिकनी पेशियाँ संकुचित होकर अस्थियों को चलायमान करने के लिए कण्डराओं को खींचती हैं।
(c) कंकाल पेशियाँ संकुचित होकर अस्थियों को चलायमान करने के लिए स्नायु को खींचती हैं।
(d) कंकाल पेशियाँ संकुचित होकर अस्थियों को चलायमान करने के लिए कण्डराओं को खींचती ।
उत्तर: (d) कंकाल पेशियाँ संकुचित होकर अस्थियों को चलायमान करने के लिए कण्डराओं को खींचती
प्रश्न 7. कौन-सा पेशी-युग्म अनैच्छिक पेशियों के रूप में कार्य करता है?
(i) स्तरित पेशियाँ
(ii) चिकनी पेशियाँ
(iii) हृद पेशियाँ
(iv) कंकाल पेशियाँ।
(a) (i) तथा (ii)
(b) (ii) तथा (iii)
(c) (iii) तथा (iv)
(d) (i) तथा (iv)
उत्तर: (b) (ii) तथा (iii)
प्रश्न 8. पादपों में विभज्योतक ऊतक
(a) स्थानीकृत एवं स्थायी होते हैं।
(b) कुछ भागों तक वे सीमित नहीं होते।
(c) स्थानीकृत एवं विभाजनकारी कोशिकाओं के बने होते हैं।
(d) परिमाण में बढ़ते रहते हैं।
उत्तर: (c) स्थानीकृत एवं विभाजनकारी कोशिकाओं के बने होते हैं।
प्रश्न 9. निम्नलिखित में से बाह्यत्वचा (एपीडर्मिस) का कौन-सा कार्य नहीं है?
(a) प्रतिकूल परिस्थितियों में बचाव
(b) गैसीय विनिमय
(c) जल संवहन
(d) वाष्पोत्सर्जन
उत्तर: (c) जल संवहन
प्रश्न 10. निम्न में से किसमें उपास्थि नहीं पायी जाती?
(a) नाक में
(b) कान में
(c) वृक्क में
(d) कंठ में
उत्तर: (c) वृक्क में
प्रश्न 11. मानव शरीर में वसा निम्नलिखित में भण्डारित होती है –
(a) घनाकार उपकला में
(b) वसा ऊतक में
(c) अस्थियों में
(d) उपास्थि में
उत्तर: (b) वसा ऊतक में
प्रश्न 12. अस्थि आधात्री में किसकी अधिक मात्रा होती है?
(a) फ्लुओराइड एवं कैल्सियम की
(b) कैल्सियम एवं फॉस्फोरस की
(c) कैल्सियम एवं पोटैशियम की
(d) फॉस्फोरस एवं पोटैशियम की
उत्तर: (b) कैल्सियम एवं फॉस्फोरस की
प्रश्न 13. संकुचनशील प्रोटीन पाई जाती है –
(a) अस्थियों में
(b) रुधिर में
(c) पेशियों में
(d) उपास्थि में
उत्तर: (c) पेशियों में
प्रश्न 14. ऐच्छिक पेशी पाई जाती है –
(a) आहार नाल में
(b) पाद में
(c) आँख की परितारिका (आइरिस) में
(d) फेफड़ों (फुफ्फुस) की श्वसनी में
उत्तर: (b) पाद में
प्रश्न 15. तन्त्रिका ऊतक कहाँ नहीं पाये जाते?
(a) मस्तिष्क में
(b) मेरुरज्जु में
(c) कण्डराओं में
(d) तन्त्रिका में।
उत्तर: (c) कण्डराओं में
प्रश्न 16. तन्त्रिका कोशिका में कौन नहीं होता?
(a) तंत्रिकाक्ष
(b) तंत्रिका के अन्तिम सिरे
(c) कण्डराएँ
(d) द्रुमिकाएँ (डेण्ड्राइट)
उत्तर: (c) कण्डराएँ
प्रश्न 17. निम्नलिखित में से कौन-सी संरचना ऊतकों की मरम्मत तथा अंगों के खाली स्थान को भरने मंं सहायता करती है?
(a) कण्डरा
(b) वसा ऊतक
(c) गर्तिका (एरिओलर)
(d) उपास्थि
उत्तर: (c) गर्तिका (एरिओलर)
प्रश्न 18. निम्नलिखित में कौन-सा पेशीय ऊतक है जो बिना थके जीवन भर लगातार कार्य करता रहता है?
(a) कंकाल पेशी
(b) हृद पेशी
(c) चिकनी पेशी
(d) ऐच्छिक पेशी
उत्तर: (b) हृद पेशी
प्रश्न 19. निम्नलिखित में से कौन-सी कोशिकाएँ शरीर के उपास्थिमय ऊतकों में पाई जाती हैं?
(a) मास्ट कोशिकाएँ
(b) क्षारकरंजी (बेसोफिल)
(c) ऑस्टियोसाइट
(d) उपास्थि अणु
उत्तर: (d) उपास्थि अणु
प्रश्न 20. फ्लोएम में पाए जाने वाले निर्जीव पदार्थ हैं –
(a) सहचर कोशिकाएँ
(b) फ्लोएम तन्तु
(c) फ्लोएम मृदूतक
(d) चालनी नलिकाएँ
उत्तर: (b) फ्लोएम तन्तु
प्रश्न 21. निम्नलिखित में से किसमें परिपक्वता के समय केन्द्रक लोप नहीं होता है?
(a) सहचर कोशिकाएँ
(b) लाल रुधिर कणिकाएँ
(c) वाहिकाएँ
(d) चालनी नलिका कोशिकाएँ।
उत्तर: (a) सहचर कोशिकाएँ
प्रश्न 22.मरुस्थली पादपों में जल ह्रास की दर में निम्नलिखित में से किसके कारण कमी आती है?
(a) उपत्वचा (क्यूटिकल)
(b) स्टोमेटा
(c) लिग्निन
(d) सुबेरिन
उत्तर: (a) उपत्वचा (क्यूटिकल)
प्रश्न 23. एक लम्बे वृक्ष में अनेक शाखाएँ होती हैं। इन सभी शाखाओं में जल के पाश्र्वीय संवहन में सहायता करने वाले ऊतक हैं –
(a) स्थूलकोण ऊतक
(b) जाइलम मृदूतक
(c) मृदूतक (पैरेनकाइमा)
(d) जाइलम वाहिकाएँ
उत्तर: (d) जाइलम वाहिकाएँ
प्रश्न 24. खेत में उगे गन्ने के पौधे के अग्रभाग को यदि काटकर हटा दिया जाए तो भी वह पौधा लम्बाई में बढ़ता रहता है। ऐसा निम्नलिखित में से किस कारण होता है?
(a) ऐधा (कैम्बियम)
(b) शीर्षस्थ विभज्योतक
(c) पाीय विभज्योतक
(d) अंतर्वेशी विभज्योतक
उत्तर: (d) अंतर्वेशी विभज्योतक
प्रश्न 25. एक कील को वृक्ष के तने में भूमि सतह से एक मीटर की ऊँचाई पर ठोंक दिया गया है। तीन वर्ष के पश्चात् यह कील –
(a) निचले स्तर पर आ जायेगी
(b) उच्चतर स्तर पर आ जायेगी
(c) उसी स्थान पर बनी रहेगी
(d) पार्श्व में पहुँच जायेगी।
उत्तर: (c) उसी स्थान पर बनी रहेगी
प्रश्न 26. मृदूतक कोशिकाएँ होती हैं –
(a) अपेक्षाकृत अविशिष्टीकृत एवं पतली भित्ति वाली
(b) मोटी भित्ति युक्त एवं विशिष्टीकृत
(c) लिग्निन युक्त
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर: (a) अपेक्षाकृत अविशिष्टीकृत एवं पतली भित्ति वाली
प्रश्न 27. पादपों में लचीलापन निम्नलिखित में से किसके कारण होता है?
(a) स्थूलकोण ऊतक
(b) दृढ़ोतक
(c) मृदूतक
(d) हरित ऊतक।
उत्तर: (a) स्थूलकोण ऊतक
प्रश्न 28. कॉर्क कोशिकाओं में निम्नलिखित में से किसकी उपस्थिति होने से उनकी जल तथा गैसों के लिए पारगम्यता समाप्त हो जाती है?
(a) सेलुलोज
(b) लिपिड
(c) सुबेरिन
(d) लिग्निन
उत्तर: (c) सुबेरिन
प्रश्न 29. स्थलीय पर्यावरण में पादपों की उत्तरजीविता उनमें निम्नलिखित में से किसकी उपस्थिति के कारण सम्भव होती है?
(a) अन्तर्विष्ट विभज्योतक
(b) संवहन ऊतक
(c) शीर्षस्थ विभज्योतक
(d) मृदूतक।
उत्तर: (b) संवहन ऊतक
प्रश्न 30. जिम्नोस्पर्म (अनावृतबीजी पौधों) में जल संवहन ऊतक सामान्यतया निम्नलिखित में से किसमें पाये जाते हैं?
(a) वाहिकाएँ
(b) चालनी नलिकाएँ
(c) वाहिनिकाएँ
(d) जाइलम तन्तु
उत्तर: (c) वाहिनिकाएँ
प्रश्न 31. पौधों में जल तथा खनिज का संवहन होता है –
(a) फ्लोएम द्वारा
(b) मृदूतक द्वारा
(c) जाइलम द्वारा
(d) इन सभी के द्वारा।
उत्तर: (c) जाइलम द्वारा
रिक्त स्थानों की पूर्ति
- रुधिर कणिकाओं का अस्तर ……………. से बना होता है।
- छोटी अथवा क्षुद्रान्त का अस्तर ……………. से बना होता है।
- वृक्क नलिकाओं का अस्तर ……………. से बना होता है।
- पक्ष्माभिका उपकला कोशिकाएँ हमारे शरीर के ……………. में पाई जाती हैं।
- कॉर्क की भित्तियों पर …………….. होता है, जिसके कारण ये गैस एवं जल के लिए अपारगम्य होती है।
- …………….. में छिद्रित भित्तियों वाली नलिकाकार कोशिकाएँ होती हैं और ये सजीव होती हैं।
- अस्थियों में कठोर आधात्री होता है जो …………. एवं ………….. से बना होता है।
- ……………. जटिल ऊतक के प्रकार हैं।
- …………….. में द्वार कोशिकाएँ होती हैं।
- कॉर्क की कोशिकाओं में पाए जाने वाले रसायन को …………….. कहते हैं।
- नारियल का छिलका ………….. ऊतकों का बना होता है।
- . ……………. पादपों को लचीलापन प्रदान करता है।
- ……………. एवं …………….. दोनों संवहनी ऊतक है।
- जाइलम के द्वारा मृदा से …………… एवं …………… का अभिगमन होता है।
- फ्लोएम …………….. से ……………. को पौधे के दूसरे अंगों में पहुँचाने का कार्य करता है।
उत्तर:-
- शल्की उपकला
- स्तम्भाकार उपकला
- घनाकार उपकला
- श्वसन पथ
- सुबेरिन
- चालनी नलिकाओं
- कैल्सियम, फॉस्फोरस
- जाइलम, फ्लोएम
- रन्ध्र
- सुबेरिन
- दृढ़
- स्थूलकोण ऊतक
- जाइलम, फ्लोएम
- जल, खनिज लवण
- पत्ती, भोजन।
सही जोड़ी बनाओ:-
I. स्तम्भ अ स्तम्भ ब
- सरल संयोजी ऊतक (i) उपत्वक स्तर
- अन्दर के अवकाशों को भरना (ii) उपास्थि
- रेखित पेशी (iii) कंकाल पेशियॉ
- वसा ऊतक (iv) गर्तिका ऊतक
- संधि की सतह (v) रूधिर
- स्तरित शल्की उपकला (vi) त्वचा
उत्तर:
- → (v)
- → (iv)
- → (iii)
- → (i)
- → (ii)
- → (vi)
II. स्तम्भ अ स्तम्भ ब
- मृदूतक (i) पतली भित्ति युक्त पैकिंग करने वाली कोशिका
- प्रकाश-संश्लेषण (ii) कार्बन स्थिरीकरण
- वायूतक (iii) स्थानीकृत मोटाई
- स्थूलकोण ऊतक (iv) उत्प्लावकता
- स्थायी ऊतक (v) दृढ़ोतक
उत्तर:-
- → (i)
- → (ii)
- → (iv)
- → (iii)
- → (v)
सत्य/असत्य कथन
- मृदूतक ऊतकों में अन्तराकोशिक स्थान होता है।
- स्थूलकोण ऊतकों की कोशिकाओं के कोने अनियमित रूप से मोटे हो जाते हैं।
- शीर्षस्थ एवं अन्तर्विष्ट विभज्योतक स्थायी ऊतक होते हैं।
- विभज्योतकी कोशिकाओं की प्रारम्भिक अवस्था में रसधानियाँ नहीं होती हैं।
- रुधिर के आधात्री (मैट्रिक्स) में प्रोटीन, लवण एवं हॉर्मोन होते हैं।
- दो अस्थियाँ, स्नायु की वजह से जुड़ी होती हैं।
- कण्डरा रेशेहीन एवं कमजोर (फ्रेजाइल) ऊतक होते हैं।
- उपास्थि संयोजी ऊतक का एक प्रकार है।
- मैट्रिक्स का स्वरूप ऊतकों के कार्यों के अनुसार भिन्न-भिन्न प्रकार का होता है।
- वसा का संग्रह त्वचा के नीचे एवं आन्तरिक अंगों के मध्य होता है।
- उपकला ऊतकों के मध्य अन्तरकोशिकीय स्थान होते हैं।
- रेखित पेशियों की कोशिकाएँ बहुकेन्द्रकीय एवं अशाखित होती हैं।
- प्राणी शरीर का रक्षक ऊतक उपकला ऊतक होता है।
- रुधिर वाहिकाओं, फुफ्फुस कूपिकाओं एवं वृक्क नलिकाओं का अस्तर (lining) उपकला ऊतकों का बना होता है।
- उपकला स्तर, पारगम्य स्तर की तरह कार्य करता है।
- उपकला स्तर बाहरी वातावरण तथा शरीर के मध्य पदार्थों के नियमन को नहीं होने देता।
उत्तर:
- सत्य
- सत्य
- असत्य
- सत्य
- सत्य
- सत्य
- असत्य
- सत्य
- सत्य
- सत्य
- असत्य
- सत्य
- सत्य
- सत्य
- सत्य
- असत्य।
एक शब्द/वाक्य में उत्तर :-
प्रश्न 1. ‘ऊतक’ शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग किसने किया?
उत्तर: बिचैट ने।
प्रश्न 2. जड़ों द्वारा अवशोषित जल एवं खनिज लवणों के संवहन के लिए कौन-सा ऊतक उत्तरदायी है?
उत्तर: जाइलम।
प्रश्न 3. पत्तियों द्वारा निर्मित भोजन के संवहन के लिए कौन-सा ऊतक उत्तरदायी है?
उत्तर: फ्लोएम।
प्रश्न 4. पेशियों को अस्थियों से जोड़ने वाले ऊतक का नाम लिखिए।
उत्तर: कण्डराएँ (टेण्डन्स)।
प्रश्न 5. हड्डियों को हड्डियों से जोड़ने वाले ऊतक का नाम लिखिए।
उत्तर: स्नायुः (लिगामेण्ट)।
प्रश्न 6. आहार नाल, पित्ताशय एवं मूत्राशय में किस प्रकार का पेशी ऊतक पाया जाता है?
उत्तर: अरेखित पेशी ऊतक।
प्रश्न 7. हाथ एवं पैरों में किस प्रकार का पेशी ऊतक पाया जाता है?
उत्तर: रेखित पेशी ऊतक।
प्रश्न 8. द्रव संयोजी ऊतक का नाम लिखिए।
उत्तर: रक्त।
प्रश्न 9. मस्तिष्क में पाये जाने वाले ऊतक का नाम क्या है?
उत्तर: तन्त्रिका ऊतक।
प्रश्न 10. परजीवी के आक्रमण से पादप शरीर की कौन-सी संरचना रक्षा करती है?
उत्तर: मोम वाले पदार्थ युक्त मोटी उपत्वचा (क्यूटिकल)।
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. शीत क्षेत्रों के प्राणी एवं ठण्डे जल में रहने वाली मछलियों में उपत्वचीय वसा की अधिक मोटी परत पाई जाती है। क्यों ? वर्णन कीजिए।
उत्तर: शीत क्षेत्रों के प्राणी एवं ठण्डे जल में रहने वाली मछलियों में उपत्वचीय वसा की अधिक मोटी परत पाई जाती है क्योंकि यह ताप नियमन के लिए उपत्वचीय रोधन की तरह कार्य करती है।
प्रश्न 2. यदि एक पौधा युक्त गमले को एक काँच के जार से ढक देते हैं तो जार की दीवार पर पानी की बूंदें दिखाई देने लगती हैं। ऐसा क्यों ? व्याख्या कीजिए।
उत्तर: वाष्पोत्सर्जन के द्वारा पेड़-पौधे जलवाष्प उत्सर्जित करते हैं जो काँच के जार की ठंडी दीवारों से संघनित होकर पानी की बूंदों में परिवर्तित हो जाती है। इस कारण दीवारों पर पानी की बूंदें दिखाई देती हैं।
प्रश्न 3. ऐच्छिक एवं अनैच्छिक पेशी के आधार पर निम्न क्रियाकलापों में भेद कीजिए –
(a) मेंढक का कूदना
(b) हृदय का पम्पिंग करना
(c) हाथ से लिखना
(d) आपकी आँतों में चॉकलेट की गति।
उत्तर:
(a) ऐच्छिक पेशी
(b) अनैच्छिक पेशी
(c) ऐच्छिक पेशी
(d) अनैच्छिक पेशी।
प्रश्न 4. जलकुम्भी पानी की सतह पर तैरती रहती है। व्याख्या कीजिए।
उत्तर: फूले हुए पर्णवृन्तों में वायूतकों के होने के कारण इसकी पत्तियाँ जल से हल्की हो जाती हैं इसलिए तैरती रहती हैं।
प्रश्न 5. जाइलम ऊतक के कार्य लिखिए।
उत्तर: जाइलम ऊतक का कार्य है जड़ों द्वारा अवशोषित जल एवं खनिज लवणों को पत्तियों तक पहुँचाना।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. मृदूतक या पैरेनकाइमा का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर: मृदूतक या पैरेनकाइमा (Parenchyma)-मृदूतक पौधों में जड़, तना, पत्ती, फूल एवं फलों में प्रमुखता में पाये जाते हैं। इनकी कोशिकाएँ जीवित और पतली भित्ति वाली होती हैं। ये गोल, अण्डाकार या बहुतलीय (बहुकोणीय) होती हैं। इनके बीच में बड़ी रसधानी होती है तथा इनका कोशिकाद्रव्य सघन होता है। ये सामान्यतः समव्यासी होती हैं।
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मृदूतक या पैरेनकाइमा का सचित्र |
उत्तर: मृदूतकों या पैरेनकाइमा के प्रमुख कार्य –
- ये भोजन का संचय करते हैं।
- ये पौधों को दृढ़ता प्रदान करते हैं।
- ये अकार्बनिक पदार्थ रेजिन, टेनिन, गोंद कण आदि को संचित करते हैं।
- पेरेनकाइमा कोशिकाओं में जब क्लोरोफिल उपस्थित रहता है, तो इन्हें क्लोरेनकाइमा कहते हैं। ये ऊतक प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया द्वारा भोजन निर्माण का कार्य करते हैं।
उत्तर: स्थूलकोण ऊतक या कॉलेनकाइमा (Collenchyma): - इनकी कोशिकाएँ जीवित, अवकाश रहित होती हैं तथा आकार लगभग बहुतलीय, सामान्यतः समव्यासी तथा अन्तरकोशिकीय मृदूतकों या पैरेनकाइमा की तरह होता है। इनकी भित्तियाँ सेल्यूलोज द्वारा स्थूलित होती हैं। यह स्थूलन इनके कोणों पर अधिक होता है। ये मजबूत एवं लचीली होती हैं।
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स्थूलकोण ऊतक या कॉलेनकाइमा |
उत्तर: दृढ़ोतक या स्क्ले रेनकाइमा (Sclerenchyma)इस प्रकार के ऊतकों की कोशिकाएँ प्रायः मृत, लम्बी तथा पतली होती हैं। इनकी भित्तियाँ लिग्निन द्वारा स्थूलित होती हैं। इनमें अन्तरकोशिकीय अवकाश नहीं होते हैं। कभी-कभी ये बहुत लम्बी और दोनों सिरों पर नुकीली होती हैं। दो कोशिकाओं के मध्य में सुस्पष्ट मध्य पटलिका होती है। कभी-कभी इनमें विशेष प्रकार की कोशिकाएँ होती हैं जिन्हें स्क्लेरिड्स कहते हैं। ये ऊतक पौधों के कॉर्टेक्स, पिथ एवं कठोर बीज आदि में उपस्थित होते हैं।
प्रश्न 5. दारू या जाइलम का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर:
दारू या जाइलम (Xylem):- यह पौधे का काष्ठीय भाग है जो निम्नांकित चार प्रकार की कोशिकाएँ से बना होता है –
- वाहिनिकाएँ या ट्रेकीड्स (Tracheids): ये दोनों सिरों पर नुकीली नली के आकार की होती हैं।
- वाहिकाएँ या वैसल्स (Tracheae or Vessels):- ये कई कोशिकाओं में बनी नली के आकार की होती हैं।
- काष्ठ मृदूतक (Wood Parenchyma) या जाइलम पैरेनकाइमा (Xylem Parenchyma): - ये साधारण पैरेनकाइमा की तरह होती हैं।
- काष्ठ तन्तु (Wood Fibres) या जाइलम तन्तु (Xylem Fibres) या जाइलम स्क्ले रेनकाइमा (Xylem Sclerenchyma):- ये लम्बे नुकीले तथा लिग्निन से स्थूलित तथा दृढ़ होते हैं।
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दारू या जाइलम |
- चालनी नलिका (Sieve Tubes):-ये सहकोशिका नलिकाओं की तरह होती है जिनमें स्थान-स्थान पर चालनी पट्टिकाएँ होती हैं।
- सहकोशिकाएँ (Companion Cells):-सदैव चालनी नलिकाओं के साथ पाई जाने वाली तथा आकार में लम्बी होती हैं। इसमें बड़ा केन्द्रक तथा अधिक मात्रा में जीवद्रव्य होता है।
- अधोवाही मृदूतक या फ्लोएम पैरेनकाइमा चालनी नलिका (Phloem Parenchyma) :-साधारण मृदूतक की तरह जीवित कोशिकाएँ होती हैं।
- अधोवाही रेशे या बास्ट रेशे (Bast Fibres):-ये लम्बी, नुकीली तथा लिग्निन युक्त होती हैं।
उत्तर: विशिष्ट स्रावी ऊतक-ये ऊतक दो प्रकार के होते हैं –
- ग्रन्थिल स्त्रावी ऊतक (Glandular Secretory Tissues):- ये ग्रन्थि युक्त होते हैं तथा गोंद, रेजिन, तेल, सुगन्धित तेल एवं मकरन्द आदि का स्रावण करते हैं।
- आक्षीरी स्रावी ऊतक (Latex Secretory Tissues):- ये नलिका युक्त होते हैं तथा आक्षीर या दूध जैसे पदार्थ का स्रावण करते हैं।
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ग्रन्थिल स्त्रावी ऊतक |
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आक्षीरी स्रावी ऊतक |
उत्तर: जाइलम एवं फ्लोएम में अन्तर:-
जाइलम (Xylem) :-
- जाइलम द्वारा जल और उसमें घुले लवणों का संवहन होता है।
- यह निर्जीव ऊतक है।
- इसमें मुख्यतः संवहन नलिकाएॅ होती हैं।
- इनकी भित्ति बहुत मोटी होती है।
- फ्लोएम से पत्तियों द्वारा निर्मित भोज्य पदार्थो का संवहन होता है।
- यह सजीव ऊतक है।
- इसमें मुख्यतः चालनी नलिकाएॅ होती हैं।
- इनकी भित्ति कम मोटी होती है।
प्रश्न 9. रेखित पेशी का सचित्र वर्णन कीजिए।उत्तर: रेखित पेशी (Striated muscles):- सूक्ष्मदर्शी से देखने पर ये पेशियाँ हल्के तथा गहरे रंग की एक के बाद एक रेखाओं या धारियों की तरह दिखाई देती हैं। इसलिए इन्हें रेखित पेशी कहते हैं। इन पेशियों को हम अपनी इच्छानुसार गति करा सकते हैं इसलिए ये ऐच्छिक पेशियाँ कहलाती हैं। ये पेशियाँ प्रायः हड्डियों से जुड़ी होती हैं। इसलिए इन्हें कंकाल पेशी भी कहते हैं। ये शरीर को गति कराने में सहायक होती हैं। इनकी कोशिकाएँ लम्बी, बेलनाकार, शाखारहित एवं बहुनाभीय (बहुकेन्द्रकीय) होती हैं।
उत्तर: अरेखित पेशी (Unstriated muscles):- ये पेशियाँ उन अगों जो अनैच्छिक रूप से गति करते हैं, में पाई जाती हैं। ये आहार नाल, पित्ताशय, मूत्राशय, श्वासनली, रुधिर वाहिनियों आदि में पाई जाती हैं।
इन्हें अनैच्छिक पेशियाँ भी कहते हैं। ये पेशी तर्कुरूप में होती हैं। इसमें द्रव्य भरा होता है जिसे सारकोप्लाज्म कहते हैं। कोशिकाद्रव्य में असंख्य पतले-पतले तन्तु रहते हैं, जिन्हें पेशी तन्तुक (Myofibrils) कहते हैं। इन्हीं तन्तुओं के कारण पेशियों का संकुचन व शिथिलन होता है। इनमें धारियाँ या रेखाएँ नहीं होती इसलिए ये अरेखित पेशी या चिकनी पेशी भी कहलाती हैं। इनकी कोशिकाएँ लम्बी तर्कुरूप एवं एकनाभिकीय (एककेन्द्रकीय) होती हैं।
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अरेखित पेशी |
उत्तर: हृदय पेशियाँ (कार्डियक पेशी) अनैच्छिक पेशी होती हैं। इसकी कोशिकाएँ बेलनाकार शाखाओं वाली तथा एककेन्द्रकीय होती हैं। ये पेशियाँ जीवनभर लयबद्ध होकर प्रसार एवं संकुचन करती रहती हैं।
उत्तर: जाइलम के विभिन्न घटक:-
- जाइलम वाहिनिका (ट्रैकीड)
- वाहिका
- जाइलम मृदूतक (जाइलम पैरेनकाइमा)
- जाइलम तन्तु (फाइबर)
जाइलम मृदूतक (पैरेनकाइमा) का चित्र।
अथवा
रेखित तथा अरेखित पेशियों में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
रेखित पेशी ऊतक (ऐच्छिक पेशी) :-
- ये ऐच्छिक पेशियॉ होती हैं।
- सूक्ष्मदर्शी से देखने पर हल्क या गहरे रंग की धारियों की तरह दिखाई देती है।
- इनकी कोशिकाएॅ लम्बी, बेलनाकार, शाखा रहित एवं बहुकेन्द्रकीय होती हैं।
- ये प्रायः हड्डियों से जुड़ी होती हैं और उनमें गति कराने में सहायक होती हैं।
- ये अनैच्छिक पेशिंयॉ होती है।
- इनमें कोई धारियॉ नहीं होतीं तथा ये चिकनी होती है।
- इनकी कोशिकाएॅ लम्बी, तर्कुरूप एवं एककेन्द्रकीय होती है।
- ये आहार नली, पित्ताशय, मूत्राशय, श्वासनली एवं रूधिर वाहिनियों में पाई जाती हैं।
- ऐच्छिक पेशी-हाथ-पैरों की माँसपेशियाँ।
- अनैच्छिक पेशी-आमाशय की पेशियाँ।
उत्तर: वसीय ऊतक एवं रंगा ऊतक का नामांकित चित्र निम्नांकित है –
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वसीय ऊतक एवं रंगा ऊतक |
प्रश्न 16. न्यूरॉन (तन्त्रिका कोशिका) का नामांकित चित्र बनाइए।
उत्तर:
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न्यूरॉन (तन्त्रिका कोशिका) |
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
उत्तर: तन्त्रिका कोशिका या तन्त्रिका ऊतक का सचित्र वर्णन:
तन्त्रिकीय ऊतक (Nervous Tissue):- यह ऊतक सोचने, समझने, संवेदनाओं, उद्दीपन या बाह्य परिवर्तनों को ग्रहण करने की क्षमता रखता है। यह दो विशिष्ट प्रकार की कोशिकाओं का बना होता है –
1. तन्त्रिका कोशिका (Neurons):- ये तन्त्रिका तन्त्र का निर्माण करती हैं व 4 से 135 u या अधिक व्यास की कोशिकाएँ हैं। ये दो भागों की बनी होती हैं –
(अ) कोशिकाकाय या सायटॉन (Cell Body or Cyton): - यह तन्त्रिका का मुख्य भाग है, इसके कोशिकाद्रव्य में छोटे-छोटे निसिल्स कण (Nissils granules) पाये जाते हैं।
(ब) कोशिका प्रवर्ध (Cell Processes):- कोशिकाकाय से एक या एक से अधिक छोटे-बड़े कोशिकाद्रव्यीय प्रवर्ध निकले रहते हैं। ये दो प्रकार के होते हैं –
• डेण्ड्राइट्स (Dendrites)
• एक्सॉन (Axon)।
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तन्त्रिका कोशिका या तन्त्रिका ऊतक |
प्रश्न 2. जालिकावत् एवं रेशेदार संयोजी ऊतकों के नामांकित चित्र बनाइए।
उत्तर: जालिकावत् एवं रेशेदार संयोजी ऊतकों के नामांकित चित्र:
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जालिकावत् एवं रेशेदार संयोजी ऊतकों |
अथवा
उपकला ऊतक के प्रकारों का सचित्र वर्णन कीजिए।
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सरल घनाकार उपकला ऊतक |
1. सरल घनाकार उपकला ऊतक (Simple Cuboidal Epithelial Tissue):-
ये घनाकार होते हैं इनकी लम्बाई, चौड़ाई, ऊँचाई बराबर होती है। यह स्वेद ग्रन्थियाँ, थायरॉइड ग्रन्थियाँ, यकृत, वृक्क नलिकाओं व जनदों में पाया जाता है।
2. सरल स्तम्भाकार ऊतक (Simple Columnar Epithelial Tissue)-इस ऊतक की कोशिकाएँ
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सरल स्तम्भाकार ऊतक |
एक-दूसरे से सटी हुई व समान दिखाई देती हैं। इनके स्वतन्त्र सिरों पर सूक्ष्मांकुर (Microvilli) पाये जाते हैं। ये अवशोषण तल को बढ़ाते हैं व संवेदी अंगों से संवदेना ग्रहण करते हैं। पित्ताशय व पित्तवाहिनी की दीवार इसी ऊतक की बनी होती है।
3. स्तरित उपकला ऊतक (Stratified Epithelial Tissue): इसमें कोशिकाएँ कई स्तरों में व्यवस्थित रहती हैं एवं स्तम्भाकार एवं जीवित होती हैं। इसमें जीवनपर्यन्त विभाजन की क्षमता पाई जाती है। विभाजन की क्षमता होने के कारण इसे जनन स्तर कहते हैं। यह ऊतक घर्षण करने वाले स्थानों, मुखगुहा, त्वचा, एपिडर्मिस, ईसोफेगस, नासा
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स्तरित उपकला ऊतक |
गुहा की म्यूकोसा, योनि आदि में पाया जाता है।
4. ग्रन्थिल उपकला ऊतक (Glandular Epithelial Tissue):-
हमारे शरीर में कई प्रकार की ग्रन्थियाँ पाई जाती हैं। इन ग्रन्थियों की स्वतन्त्र आन्तरिक सतह पर पाये जाने वाले ऊतक को ग्रन्थिल उपकला ऊतक कहते हैं। ये ग्रन्थियाँ एककोशिकीय व बहुकोशिकीय होती हैं। ये ग्रन्थियाँ त्वचा, स्वेद ग्रन्थि, स्तन ग्रन्थि, तेल ग्रन्थि, लार ग्रन्थि, जठर ग्रन्थि, अग्न्याशयी ग्रन्थि में होती हैं।
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ग्रन्थिल उपकला ऊतक |
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सरल पक्ष्माभी उपकला ऊतक |
6. सरल शल्की उपकला ऊतक (Simple Squamous Epithelial Tissue): यह ऊतक शरीर की सतह का सुरक्षात्मक आवरण बनाता है। मूत्र नलिका, देहगुहा, हृदय के चारों ओर रक्षात्मक आवरण बनाता है।
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सरल शल्की उपकला ऊतक |
7. संवेदी उपकला ऊतक (Sensory Epithelial Tissue): - ये स्तम्भी उपकला ऊतक का रूपान्तरण है। इनके सिरे पर संवेदी रोम (Sensory hair) पाये जाते हैं। ये रोम तन्त्रिका तन्तु से जुड़े रहते हैं। यह ऊतक घ्राण कोष, आँख की रेटिना तथा मुखगुहा की म्यूकस झिल्ली में पाया जाता है।
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संवेदी उपकला ऊतक |
प्रश्न 4. मानव शरीर में पायी जाने वाली विभिन्न प्रकार की पेशियों के नामांकित चित्र बनाइए।
उत्तर: मानव शरीर में निम्न तीन प्रकार की पेशियाँ पाई जाती हैं –
- रेखित पेशी
- अरेखित पेशी
- हृदयक पेशी
1. रेखित पेशी का नामांकित चित्र:-
2. अरेखित पेशी का नामांकित चित्र:-
3. हृदयक पेशी का नामांकित चित्र:
प्रश्न 5. उपास्थि एवं अस्थि में अन्तर बताइए।
उत्तर: उपास्थि एवं अस्थि में अन्तर:-
उपास्थि:-
- उपास्थि लचीली एवं कोमल होती है।
- मैट्रिक्स क रिक्तिकाओं में एक से अधिक कोशिकाएॅ होती हैं।
- मैट्रिक्स में कॉण्ड्रिन नामक प्रोटीन पाई जाती हैं।
- उपास्थि कोशिकाओं की संख्या उनके विभाजन से बढ़ती हैं।
- उपास्थि में लाल रक्त कणिकाओं का निर्माण नहीं होता है।
- इनमें हैवर्सियन तन्त्र का निर्माण नहीं होता है।
अस्थि:-
- अस्थि दृढ़, मजबूत एवं कठोर होती हैं।
- मैंट्रिक्स की रिक्तिकाओं में केवल एक ही कोशिका होती है।
- मैट्रिकस में ओजोन नामक प्रोटीन पाई जाती हैं।
- अस्थि कोशिकाओं की संख्या ऑस्टियोब्लास्ट के विभाजन से बढ़ती है।
- अस्थि में लाल रक्त कणिकाओं का निर्माण होता हैं।
- इसमें हैवर्सियन तन्त्र का निर्माण होता है।
प्रश्न 6. मृदूतक एवं दृढ़ोतक में भेद कीजिए। इनके सभी भागों के नाम स्पष्ट रूप से लिखिए।
उत्तर: मृदूतक एवं दृढ़ोतक में भेद: -
मृदूतक (पैरेनकाइमा):-
- कोशिकाएॅ पतली भित्ति वाली तथा अविशिष्टीकृत होती है।
- ये जीवित कोशिकाओं से बने होते हैं।
- इनकी कोशिकाएॅ सामान्यतः एक-दूसरे से ढीली सटी होती हैं, तथा अन्तरकोशिकीय स्थान पर्याप्त विकसित होते हैं।
- ये तनों एवं जड़ों मे जल एवं पोषक तत्वों का संग्रहण करते है।
- इनकी कुछ पर्णहरित युक्त कोशिकाओं को हरित ऊतक (क्लोरेनकाइमा) कहते हैं। कुछ वायु गुहिकाओं वाली कोशिकाओं को वायूतक (ऐरेनकाइमा) कहते हैं।
दृढ़ोतक (स्कलेरेनकाइमा) :-
- कोशिकाएॅ मोटी भित्ति वाली तथा लिग्निन युक्त होती है।
- ये मृत कोशिकाओं से बने होते है।
- इनकी कोशिकाओं के मध्य अन्तरकोशिकीय स्थान नहीं पाया जाता।
- ये पादप के विभिन्न भागों को यान्त्रिक सहारा देते हैं।
- इनकी कोशिकाएॅ लम्बी तथा संकरी होती हैं, पादप को कठोर एवं दृढ बनाती हैं। ये तने में संवहन बण्डल के समीप, पत्तों की शिराओं, बीजों और फलों के कठोर छिलकों में उपस्थित होती है।
- मृदूतकों के भाग:- कोशिकाद्रव्य, केन्द्रक, मध्य पटलिका, हरित लवक, रसधानी, अन्तरकोशिकीय स्थान, प्राथमिक कोशिका भित्ति।
- दृढ़ोतकों के भाग:- सँकरी अवकोशिका (ल्यूमेन), लिग्निनयुक्त मोटी भित्ति, साधारण गर्त युग्म।
प्रश्न 7. कॉर्क की विशिष्टताएँ लिखिए। ये कैसे बनती हैं? इनकी भूमिका का उल्लेख कीजिए।
उत्तर: कॉर्क की विशेषताएँ:-
- कॉर्क कोशिकाएँ परिपक्व होने पर मर जाती हैं।
- ये कोशिकाएँ सघन रूप से व्यवस्थित होती हैं।
- कोशिकाओं में अन्तरकोशिकीय स्थान नहीं होते।
- कोशिकाओं की भित्तियों में एक रासायनिक पदार्थ सुबेरिन होता है।
- इनमें कोशिकाएँ अनेक स्तरों में व्यवस्थित होती हैं।
कॉर्क का बनना:-
जैसे ही पादप वृद्धि करते हुए काफी समय का हो जाता है तो द्वितीय विभज्योतक की एक पट्टी तने की बाह्यत्वचा (एपीडर्मिस) का स्थान ले लेती है। इस विभज्योतक के कारण बाहरी सतह पर कटी कोशिकाओं का निर्माण होता है जिन्हें कॉर्क कहते हैं।
कॉर्क की भूमिका:-
यह गैस व जल के लिए अपारगम्य होती है। यह तने एवं उनकी टहनियों (शाखाओं) को सुरक्षा प्रदान करती है।
प्रश्न 8. निम्नलिखित के उत्तर दीजिए –
- पादपों में विभज्योतक एवं स्थायी ऊतकों में भेद कीजिए।
- विभेदन की प्रक्रिया को परिभाषित कीजिए।
- पादपों के किन्हीं दो सरल एवं दो जटिल स्थायी ऊतकों के नाम लिखिए।
उत्तर:-
- विभज्योतकों की कोशिकाएँ अत्यधिक क्रियाशील होती हैं। इनके पास बहुत अधिक कोशिकाद्रव्य, पतली कोशिका भित्ति और स्पष्ट केन्द्रक होता है लेकिन रसधानी का अभाव होता है। ये ऊतक विभाजित होते रहते हैं इसी कारण पौधों के विभिन्न भागों में वृद्धि होती है। जबकि स्थायी ऊतक स्वयं विभज्योतकों से बनी नई कोशिकाओं से बनता है जो विभाजित होने की शक्ति खो देती हैं तथा ये विशिष्ट कार्य करती हैं।
- विभेदन की परिभाषा: - “निश्चित आकार, माप एवं प्रकार्यों के कारण ऊतकों की कोशिकाओं में विभाजित होने की सामर्थ्य समाप्त हो जाती है तथा ये विशिष्ट कार्य करने के लिए स्थायी रूप एवं आकार ग्रहण कर लेती हैं। इस प्रक्रिया को विभेदन कहते हैं।”
- दो सरल ऊतकों के नाम:- मृदूतक एवं दृढ़ोतक। दो जटिल ऊतकों के नाम-जाइलम एवं फ्लोएम।
प्रश्न 9. निम्नलिखित के बारे में कारण बताइए –
- मृदूतक कोशिकाओं में सुस्पष्ट केन्द्रक एवं सघन कोशिकाद्रव्य होता है लेकिन इनमें रसधानियों का अभाव होता है।
- दृढ़ोतकों में अन्तराकोशिकीय अवकाश नहीं होते।
- जब हम नाशपाती फल को चबाते हैं तो हमें एक दानेदार एवं कुरकुरे का-सा अहसास होता है।
- नारियल वृक्ष से छिलके को उतारना बहुत कठिन होता है।
उत्तर:
- मृदूतक कोशिकाओं को जल या अन्य पदार्थों के संग्रहण की आवश्यकता नहीं होती बल्कि इनका कार्य विभाजन करके नई कोशिकाएँ बनाना है इसलिए इनमें सुस्पष्ट केन्द्रक एवं सघन कोशिकाद्रव्य होता है और रसधानियों का अभाव होता है।
- लिग्निन युक्त होने के कारण दृढ़ोतकों में अन्तराकोशिकीय अवकाश का अभाव होता है।
- दृढ़ोतक कोशिकाओं की उपस्थिति के कारण नाशपाती खाते समय हमको दानेदार एवं कुरकुरे कासा अहसास होता है।
- नारियल वृक्ष के तने में स्थूलकोण ऊतक की उपस्थिति के कारण ये पर्याप्त कठोर एवं सुदृढ़ होते हैं इसलिए इसके छिलके को उतारना बहुत कठिन होता है।
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