क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं
प्रश्न 1.पदार्थ से आप क्या समझते हैं?
उत्तर: पदार्थ-“विश्व की प्रत्येक वस्तु जिस सामग्री से बनी होती है तथा जिसमें द्रव्यमान एवं आयतन होता है, उसे पदार्थ कहते हैं।”
प्रश्न 2. समांगी और विषमांगी मिश्रणों में अन्तर बताएँ।
उत्तर: समांगी मिश्रणों की बनावट समान होती है जबकि विषमांगी मिश्रणों के अंश भौतिक दृष्टि से पृथक् होते हैं।
प्रश्न श्रृंखला – 2 # पृष्ठ संख्या 20
प्रश्न 1. उदाहरण सहित समांगी एवं विषमांगी मिश्रणों में विभेद कीजिए।
उत्तर: समांगी एवं विषमांगी मिश्रणों में विभेद
समांगी मिश्रण :-
विषमांगी मिश्रण :-
विषमांगी मिश्रण के अंश भौतिक दृष्टि से पृथक होते है।
उदाहरण नमक और लोहे की छीलन का मिश्रण, जल एवं तेल का मिश्रण।
उत्तर: विलयन, निलम्बन एवं कोलॉइड में भिन्नताएँ
विलयन :-
- विलयन एक समांगी मिश्रण होता है।
- इनके कणों का आकार इतना छोटा होता है कि इनको ऑखों से नही देखा जा सकता।
- इसके कण प्रकाश की किरणों को नहीं फैलाते।
- शान्त छोड़ देने पर इसके कण नीचे नहीं बैंठते, अतः ये स्थायी होते है।
- इनको आसानी से पृथक नहीं किया जा सकता।
- निलम्बन एक विषमांगी मिश्रण होता है।
- इनके कणों का आकार बड़ा होता है तथा इन्हें ऑखों से देखा जा सकता है।
- इसके कण प्रकाश की किरणों को फैला देते हैं तथा उसके मार्ग को दृश्य बनाते है।
- शान्त छोड़ देने पर इसके कण नीचे बैठ जाते हैं, अतः ये अस्थायी होते है।
- इनको छानन विधि द्वारा पृथक किया जा सकता है।
- कोलॉइड एक विषमांगी विलयन होता है।
- इनके कणों का आकार विलयन के कणों से बड़ा तथा निलम्बन के कणों से छोटा होता है। इन्हें ऑखों से नहीं देखा जा सकता है।
- इसके कण प्रकाश की किरणों को फैला देते हैं तथा उसके मार्ग को दृश्य बनाते है।
- शान्त छोड़ देने पर इसके कण नीचे नहीं बैठते, अतः ये स्थायी होते है।
- इनको अपकेन्द्रीकरण विधि से पृथक किया जा सकता है।
हल:
चूँकि सोडियम क्लोराइड (विलेय) का द्रव्यमान = 36 g (दिया है)
एवं जल (विलायक) का द्रव्यमान = 100 g (दिया है)
विलयन का द्रव्यमान = विलेय का द्रव्यमान + विलायक का द्रव्यमान
= 36g + 100 g = 136g
प्रश्न श्रृंखला – 3 # पृष्ठ संख्या 26
प्रश्न 1. पेट्रोल और मिट्टी का तेल (Kerosene oil) जो कि आपस में घुलनशील हैं, के मिश्रण को आप कैसे पृथक् करेंगे ? पेट्रोल तथा मिट्टी के तेल के क्वथनांकों में 25°C से अधिक का अन्तराल है।
उत्तर: पेट्रोल और मिट्टी के तेल के मिश्रण को पृथक् करना - पेट्रोल एवं मिट्टी के तेल के मिश्रण को हम आसवन विधि से पृथक् करेंगे क्योंकि इनके क्वथनांकों में 25°C से अधिक का अन्तराल है।
विधि –
- पेट्रोल एवं मिट्टी के तेल के मिश्रण को एक आसवन फ्लास्क में लेते हैं। इसमें एक थर्मामीटर (तापमापी) लगाते हैं।
- दिए गए चित्र 2.1 के अनुसार उपकरण को व्यवस्थित करते हैं।
- मिश्रण को धीरे-धीरे सावधानीपूर्वक गर्म करते हैं और थर्मामीटर के पाठ्यांक का अवलोकन करते हैं।
- पेट्रोल वाष्पीकृत होता है तथा संघनन द्वारा संघनित होकर बाहर एक बर्तन में एकत्रित हो जाता है।
- थर्मामीटर का तापमान तब तक स्थिर रहता है जब तक कि सम्पूर्ण पेट्रोल पृथक् नहीं हो जाता।
- ग्राहक बर्तन को अलग कर देते हैं और मिश्रण को गर्म करना बन्द कर देते हैं।
- शेष मिट्टी का तेल फ्लास्क में रह जाता है। इस प्रकार मिश्रण के घटक पृथक् हो जाते हैं।
(i) दही से मक्खन,
(ii) समुद्री जल से नमक,
(iii) नमक से कपूर।
उत्तर:
(i) अपकेन्द्रण (मथना),
(ii) वाष्पन,
(iii) ऊर्ध्वपातन।
प्रश्न 3. क्रिस्टलीकरण विधि से किस प्रकार के मिश्रणों को पृथक् किया जा सकता है?
उत्तर: क्रिस्टलीय एवं अक्रिस्टलीय पदार्थों के मिश्रण।
प्रश्न श्रृंखला – 4 # पृष्ठ संख्या 27
प्रश्न 1. निम्न को रासायनिक और भौतिक परिवर्तनों में वर्गीकृत करें :-
- पेड़ों का काटना
- मक्खन का एक बर्तन में पिघलना
- अलमारी में जंग लगना
- जल का उबलकर वाष्प बनना
- विद्युत तरंग का जल में प्रवाहित होना तथा उसका हाइड्रोजन एवं ऑक्सीजन गैसों में विघटित होना
- जल में साधारण नमक का घुलना
- फलों से सलाद बनाना
- लकड़ी और कागज का जलना।
उत्तर: भौतिक परिवर्तन :-
1. पेड़ों का काटना
2. मक्खन का एक बर्तन में पिघलना
4. जल का उबलकर वाष्प बनना
6. जल में साधारण नमक का घुलना
7. फलों से सलाद बनाना।
रासायनिक परिवर्तन-
3. अलमारी में जंग लगना
5. विद्युत तरंग का जल में प्रवाहित होना तथा इसका हाइड्रोजन एवं ऑक्सीजन गैसों में विघटित होना
8. लकड़ी और कागज का जलना।
प्रश्न 2. अपने आसपास की चीजों को शुद्ध पदार्थों या मिश्रण से अलग करने का प्रयत्न करें।
उत्तर: (निर्देश- छात्र इस क्रिया-कलाप को स्वयं अपने घर पर करें।)
पाठान्त अभ्यास के प्रश्नोत्तर
(a) सोडियम क्लोराइड को जल के विलयन से पृथक् करने में।
(b) अमोनियम क्लोराइड को सोडियम क्लोराइड तथा अमोनियम क्लोराइड के मिश्रण से पृथक् करने में।
(c) धातु के छोटे टुकड़े को कार के इंजन आयल से पृथक् करने में।
(d) दही से मक्खन निकालने के लिए।
(e) जल से तेल निकालने के लिए।
(f) चाय से चाय की पत्तियों को पृथक् करने में।
(g) बालू से लोहे की पिनों को पृथक् करने में।
(h) भूसे से गेहूँ के दानों को पृथक् करने में।
(i) पानी में तैरते हुए महीन मिट्टी के कणों को पानी से अलग करने के लिए।
(j) पुष्प की पंखुड़ियों के निचोड़ से विभिन्न रंजकों को पृथक् करने में।
उत्तर:-
(a) वाष्पीकरण द्वारा अथवा क्रिस्टलीकरण द्वारा
(b) ऊर्ध्वपातन विधि
(c) छलनी से छानकर
(d) मंथन विधि या अपकेन्द्रण विधि
(e) पृथक्कारी कीप द्वारा
(f) छननी द्वारा छानकर
(g) चुम्बक द्वारा
(h) मिश्रण को हवा में ऊपर से गिराकर
(i) छानक द्वारा
(i) क्रोमेटोग्राफी विधि।
उत्तर: चाय तैयार करने के विभिन्न चरण
- चाय बनाने वाले बर्तन (चायदान) में आवश्यक मात्रा में जल (विलायक) लेकर उसे चूल्हे पर रखकर गर्म करते हैं।
- इसमें आवश्यकतानुसार चाय की पत्ती डालते हैं जो अघुलनशील होती है तथा गर्म करने पर इसका अर्क एवं रंग जल में मिल जाता है।
- इसमें आवश्यकतानुसार दूध (विलेय) मिलाते हैं।
- इसके बाद आवश्यकतानुसार शक्कर डालते हैं जो घुलनशील होने के कारण मिश्रण में घुल जाती
- चाय के मिश्रण को अच्छी तरह खौलाते हैं।
- चाय के मिश्रण को एक छननी द्वारा छान लेते हैं जिससे घुलेय (फिल्ट्रेट) बर्तन में छनकर आ जाता है तथा अवशेष चाय की पत्ती छननी के अन्दर रह जाती है।
- इस प्रकार प्राप्त चाय जल में चीनी, दूध एवं चाय की पत्ती के अर्क का विलयन होता है।
(a) 50g जल में 313 K पर पोटैशियम नाइट्रेट के संतृप्त विलयन को प्राप्त करने हेतु कितने ग्राम पोटैशियम नाइट्रेट की आवश्यकता होगी?
(b) प्रज्ञा 353 K पर पोटैशियम क्लोराइड का संतृप्त विलयन तैयार करती है और विलयन को कमरे के तापमान पर ठण्डा होने के लिए छोड़ देती है। जब विलयन ठण्डा होगा तो वह क्या अवलोकित करेगी? स्पष्ट करें।
(c) 293 K पर प्रत्येक लवण की घुलनशीलता का परिकलन करें। इस तापमान पर कौन-सा लवण सबसे अधिक घुलनशील होगा?
(d) तापमान में परिवर्तन से लवण की घुलनशीलता पर क्या प्रभाव पड़ता है?
हल:
(a) चूँकि तालिका के अनुसार 313 K पर 100 g को संतृप्त विलयन बनाने के लिए आवश्यक पोटैशियम नाइट्रेट की मात्रा = 62 g इसलिए उक्त तापमान पर 50 g जल में संतृप्त विलयन बनाने के लिए पोटैशियम नाइट्रेट की आवश्यक मात्रा = 62100 x 50 = 31g अतः पोटैशियम नाइट्रेट की अभीष्ट मात्रा = 31 g
(b) चूँकि 353 K पर पोटैशियम क्लोराइड की विलेयता (घुलनशीलता) कमरे के ताप की अपेक्षा अधिक है अतः पोटैशियम क्लोराइड के 353 K पर बने संतृप्त विलयन को कमरे के तापमान पर ठण्डा करने पर पोटैशियम क्लोराइड की अतिरिक्त मात्रा विलयन में नीचे बैठ जाएगी।
(c) 293 K पर पोटैशियम नाइट्रेट की घुलनशीलता
=32×100(100+32)=3200132=24⋅24%
293 K पर सोडियम क्लोराइड की घुलनशीलता
=36×100(100+36)=3600132=26⋅47%
293 K पर पोटैशियम क्लोराइड की घुलनशीलता
=35×100(100+35)=3500132=25⋅92%
293 K पर अमोनियम क्लोराइड की घुलनशीलता
=37×100(100+37)=3700132=27⋅01%
अत: 293 K तापमान पर अमोनियम क्लोराइड सबसे अधिक घुलनशील होगा।
(d) तापमान बढ़ाने पर प्रायः लवणों की घुलनशीलता बढ़ जाती है।
प्रश्न 4. निम्न की उदाहरण सहित व्याख्या करें
(a) संतृप्त विलयन,
(b) शुद्ध पदार्थ,
(c) कोलॉइड,
(d) निलम्बन।
उत्तर:
(a) संतप्त विलयन – “जब किसी तापमान पर किसी विलायक में किसी विलेय को घोला जाता है तो एक स्थिति ऐसी आती है कि उस विलायक में विलेय की और मात्रा नहीं घोली जा सकती है। इस प्रकार प्राप्त विलयन संतृप्त विलयन कहलाता है।”
(b) शुद्ध पदार्थ – “वे पदार्थ जो एक ही प्रकार के कणों से मिलकर बने होते हैं,शुद्ध पदार्थ कहलाते हैं।” उदाहरण-ताँबा, सोना, कार्बन, ऑक्सीजन, अमोनियम क्लोराइड, कॉपर सल्फेट आदि।
(c) कोलॉइड – “जब किसी विलयन में विलेय के कण निलम्बन की अपेक्षा इतने छोटे होते हैं कि साधारण आँखों से दिखाई नहीं देते लेकिन ये प्रकाश की किरणों को आसानी से फैला देते हैं, ऐसे विलयन को कोलॉइडी विलयन या कोलॉइड कहते हैं।”
उदाहरण – दूध, मक्खन, पनीर, जेली, धुआँ आदि।
(d) निलम्बन – “वह विषमांगी विलयन जिसमें विलेय के कण आसानी से आँखों से देखे जा सकते हैं तथा ये माध्यम की समष्टि में निलम्बित रहते हैं, निलम्बन कहलाता है।”
उदाहरण – मिट्टी युक्त गंदा पानी, चॉक का घोल आदि।
उत्तर: हम दिए हुए रंगहीन द्रव का क्वथनांक ज्ञात करेंगे यदि क्वथनांक 100°C (373K) आता है तो दिया हुआ रंगहीन द्रव शुद्ध जल है, अन्यथा नहीं ।
(a) बर्फ,
(b) दूध,
(c) लोहा,
(d) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल,
(e) कैल्शियम ऑक्साइड,
(f) पारा,
(g) ईंट,
(h) लकड़ी,
(i) वायु।
उत्तर:
शुद्ध पदार्थ –
(a) बर्फ,
(c) लोहा,
(d) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल,
(e) कैल्शियम ऑक्साइड,
(f) पारा।
(a) सोडियम,
(b) मिट्टी,
(c) चीनी का घोल,
(d) चाँदी,
(e) कैल्शियम कार्बोनेट,
(f) टिन,
(g) सिलिकॉन,
(h) कोयला,
(i) वायु,
(j) साबुन,
(k) मीथेन,
(l) कार्बन डाइऑक्साइड,
(m) रक्त।
उत्तर:
तत्व-
(a) सोडियम,
(d) चाँदी,
(f) टिन,
(g) सिलिकॉन।
यौगिक –
(e) कैल्शियम कार्बोनेट,
(k) मीथेन,
(l) कार्बन डाइऑक्साइड।
मिश्रण –
(b) मिट्टी,
(c) चीनी का घोल,
(b) कोयला,
(i) वायु,
(j) साबुन,
(m) रक्त।
परीक्षोपयोगी अतिरिक्त प्रश्नोत्तर (वस्तुनिष्ठ प्रश्न)
(i) शुद्ध पदार्थों में केवल एक प्रकार के कण होते हैं
(ii) शुद्ध पदार्थ यौगिक अथवा मिश्रण हो सकते हैं
(iii) शुद्ध पदार्थों का संघटन सर्वत्र समान होता है
(iv) निकिल के अतिरिक्त अन्य सभी तत्वों द्वारा शुद्ध पदार्थों को हस्तान्तरित किया जा सकता है।
(a) (i) तथा (ii)
(b) (i) तथा (iii)
(c) (iii) तथा (iv)
(d) (ii) तथा (iii)।
उत्तर: (b) (i) तथा (iii)
(a) विषमांगी तथा टिण्डल प्रभाव दर्शाता है
(b) समांगी तथा टिण्डल प्रभाव दर्शाता है।
(c) विषमांगी तथा टिण्डल प्रभाव नहीं दर्शाता है।
(d) समांगी तथा टिण्डल प्रभाव नहीं दर्शाता है।
उत्तर: (d) समांगी तथा टिण्डल प्रभाव नहीं दर्शाता है
(i) लोह धातु का पिघलना
(ii) लोहे में जंग लगना
(iii) एक लोह छड़ को मोड़ना
(iv) लोह धातु का एक तार खींचना।
(a) (i), (ii) तथा (iii)
(b) (i), (ii) तथा (iv)
(c) (i), (iii) तथा (iv)
(d) (ii), (iii) तथा (iv)।
उत्तर: (c) (i), (iii) तथा (iv)
(i) उत्पाद A2B, पदार्थ A तथा B के गुण प्रदर्शित करता है
रिक्त स्थानों की पूर्ति
- कोलॉइड …………… मिश्रण है तथा इसके अवयवों को एक तकनीक जिसे ………….. जाना जाता है, के द्वारा पृथक् किया जा सकता है।
- बर्फ, जल तथा जल वाष्प भिन्न दिखते हैं तथा भिन्न ……………. गुण प्रदर्शित करते हैं परन्तु वे ………. दृष्टि से समान होते हैं।
- एक पृथक्कारी कीप में जल तथा क्लोरोफॉर्म का मिश्रण लेकर मिश्रित किया गया तथा कुछ समय के लिए अविक्षुब्ध अवस्था में छोड़ दिया। पृथक्कारी कीप में दूसरी सतह ………….. की तथा निचली सतह ……………. की होगी।
- दो या अधिक मिश्रणीय द्रवों, जिनके क्वथनांकों में 25 K से कम अन्तर है, के मिश्रण को …………….. विधि द्वारा पृथक् किया जा सकता है।
- कुछ बूंद दूध युक्त जल में सूर्य का प्रकाश गुजारने पर वह नीली झलक दर्शाता है। यह दूध के द्वारा प्रकाश के ………….. के कारण होता है तथा इस परिघटना को ………….. कहते हैं। यह प्रदर्शित करता है कि दूध एक ………… विलयन है।
- विलयन एक …………….. मिश्रण होता है।
- बर्फ, जल और जल वाष्प के …………….. गुण समान होते हैं।
- विषमांगी, अपकेन्द्रण,
- भौतिक, रासायनिक,
- जल, क्लोरोफॉर्म,
- प्रभाजी आसवन,
- प्रकीर्णन (फैलाने), टिण्डल प्रभाव, कोलॉइडली,
- समांगी,
- रासायनिक।
सही जोड़ी बनाना :-
- अघुलनशील द्रवों का पृथक्करण (i) भौतिक परिवर्तन
- डाई में रंगों को पृथक् करने में (ii) क्रिस्टलीकरण
- मोमबत्ती का जलना (iii) पृथक्करण कीप
- विद्युत बल्ब का जलना (iv) क्रोमेटोग्राफी
- अशुद्ध नमूने से फिटकरी को शुद्ध करना (v) रासायनिक परिवर्तन
- → (iii)
- → (iv)
- → (v)
- → (i)
- → (ii).
सत्य/असत्य कथन
- जल में नमक का घोल निलम्बन होता है।
- ऐरोसॉल एक कोलॉइडल विलयन का प्रकार होता है।
- नमक एवं गंधक के मिश्रण को ऊर्ध्वपातन विधि से पृथक् करते हैं।
- विलयन एक समांगी मिश्रण होता है।
- काँच की बोतल का टूटना एक रासायनिक परिवर्तन होता है।
- असत्य
- सत्य
- असत्य
- सत्य
- असत्य।
एक शब्द/वाक्य में उत्तर
उत्तर: शुद्ध पदार्थ।
उत्तर: अपकेन्द्रीय यन्त्र।
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
उत्तर: विलयन-“दो या दो से अधिक शुद्ध पदार्थों का समांगी मिश्रण विलयन कहलाता है।” उदाहरण-चीनी/नमक का जल में घोल, हवा (वायु), मिश्र धातुएँ।
लघु उत्तरीय प्रश्न
- यह आघातवर्धनीय है अर्थात् इसको पीटकर महीन चादरों में दाला जा सकता है।
- यह ऊष्मा एवं विद्युत का सुचालक है।
- यह चमकीला है।
- किसी छेद में या रोशनदान से जब सूर्य की किरणे कमरे में प्रवेश करती हैं तो एक प्रकाशपुंज दिखाई देता है।
- अँधेरे में जब टॉर्च की रोशनी वायु में डाली जाती है तो वायु में टॉर्च की रोशनी का पथ चमकता दिखाई देता है।
- रात्रि को वाहन की हेडलाइट की रोशनी से टिण्डल प्रभाव दिखाई देता है।
उत्तर: भाग ‘A’ को तीव्र गर्म करने पर आयरन सल्फाइड बनता है जो हाइड्रोक्लोरिक अम्ल से क्रिया करके रंगहीन सड़े हुए अण्डों की गन्ध वाली हाइड्रोजन सल्फाइड गैस निकालता है जबकि ‘B’ में लोह छीलन होती है जो हाइड्रोक्लोरिक अम्ल से क्रिया करके रंगहीन, गंधहीन हाइड्रोजन गैस निकालती है।
इस प्रकार गंध के आधार पर दोनों गैसों की पहचान करेंगे।
प्रश्न 13. स्याही को निर्मित करने वाले रंजकों के एक मिश्रण को एक बालक पृथक् करना चाहता है। उसने छन्ना पत्र पर स्याही से एक पंक्ति चिह्नित की तथा जल युक्त काँच के जार में छन्ना पत्र को चित्रानुसार रखा। छन्ना पत्र के शीर्ष के निकट जल पहुँचने पर छन्न पत्रक छन्ना पत्र को बाहर निकालना।
(ii) बालक द्वारा प्रयोग में ली गयी तकनीक का नाम दीजिए।
(iii) इस तकनीक का एक अन्य अनुप्रयोग दीजिए।
उत्तर:
(i) हम छन्ना पत्र पर हम विभिन्न तीन रंगों के धब्बे देखते हैं।
(ii) बालक द्वारा प्रयोग की गई तकनीक क्रोमेटोग्राफी है।
(iii) रक्त से नशीले पदार्थों (Drugs) को पृथक् करने में इस तकनीक का प्रयोग किया जाता है।
(b) नमक के विलयन से समान परिणाम प्रेक्षित नहीं हुए, समझाइए।
(c) क्या आप दूध के विलयन द्वारा दर्शाए गए प्रभाव के समान प्रदर्शित करने वाले दो अन्य विलयनों के
नाम सुझा सकते हैं?
उत्तर:
(a) दूध एक कोलॉइडली विलयन है जिसके कण प्रकाश को फैलाने की प्रवृत्ति रखते हैं इसलिए दूध प्रदीप्त हुआ। इस परिघटना का नाम टिण्डल प्रभाव है।
(b) नमक का विलयन शुद्ध विलयन है जो टिण्डल प्रभाव का गुण नहीं रखता इसलिए समान परिणाम प्रेक्षित नहीं हुए।
(c) कोहरा, धुआँ।
(a) क्या दोनों विलयन समान सान्द्रता के हैं?
(b) दोनों विलयनों के भार प्रतिशत की तुलना कीजिए।
उत्तर:
(b) रमेश के विलयन की सान्द्रता = 9.09% है जबकि सारिका के विलयन की सान्द्रता = 10% है। इस प्रकार सारिका के विलयन की सान्द्रता अभीष्ट है।
हल: मान लीजिए आवश्यक सोडियम सल्फेट का द्रव्यमान = x g
उत्तर: मिश्रण एवं यौगिक में अन्तर
मिश्रण :-
- दो या अधिक शुद्ध पदार्थो के द्वारा बिना रासायनिक क्रिया के निर्मित पदार्थ मिश्रण होता है।
- मिश्रण का संघटन परिवर्तनीय होता है।
- इसमें घटकों के गुणधर्म विद्यमान रहते है।
- इसके घटकों को भौतिक विधियों द्वारा सुगमता से पृथक किया जा सकता है।
- दो या अधिक तत्वों के रासायनिक क्रिया के फलस्वरूप बने पदार्थ यौगिक होते है।
- यौगिक का संघटन सदैव स्थायी होता है।
- इसके गुणधर्म घटकों के गुणधर्म से सदैव भिन्न होते है।
- इसके घटकों को भौतिक विधियों द्वारा पृथक नहीं किया जा सकता।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
उत्तर: प्रभाजी आसवन के उपकरण का प्रभाजी कॉलम इसे दक्ष बनाता है क्योंकि इसके अन्दर शीशे के गुटके भरे होते हैं जो वाष्प को ठण्डा और संघनित होने के लिए सतह प्रदान करते हैं।
उत्तर: दिए मिश्रण के अवयवों को पृथक् करने की प्रक्रिया
- सर्वप्रथम मिश्रण को एक पात्र में रखकर उसमें चुम्बक घुमाते हैं इससे लोह छीलन पृथक् हो जाती है। उसे चुम्बक से पृथक् करके अलग रख लेते हैं।
- मिश्रण में से ऊर्ध्वपातन की प्रक्रिया द्वारा ऊर्ध्वपाती अमोनियम क्लोराइड को पृथक कर लेते हैं।
- शेष मिश्रण को जल में घोलते हैं जिससे सोडियम क्लोराइड जल में घुलनशील होने के कारण घुल जाता है तथा रेत नीचे बैठ जाता है।
- इस विलयन को फिल्टर पेपर से छानते हैं तो रेत फिल्टर पेपर पर ऊपर अवशेष के रूप में बचता है। नमक (सोडियम क्लोराइड) का विलयन फिल्ट्रेट के रूप में बीकर में एकत्रित हो जाता है।
- सोडियम क्लोराइड के विलयन को गर्म करते हैं जिससे जल वाष्पीकृत होकर उड़ जाता है तथा सोडियम क्लोराइड शेष रह जाता है।
अथवा
नैफ्थलीन और अमोनियम क्लोराइड के मिश्रण को पृथक करने की प्रक्रिया को सचित्र समझाइए।
उत्तर: नैफ्थलीन एवं अमोनियम क्लोराइड के मिश्रण को पृथक् करना-अमोनियम क्लोराइड जल में विलेय होता है तथा नैफ्थलीन अविलेय (अघुलनशील) मिश्रण को एक बीकर में पानी में घोल लेते हैं जिससे अमोनियम क्लोराइड तो घुल जाता है लेकिन नैफ्थलीन नहीं घुलता। मिश्रण को छन्नक पत्र (फिल्टर पेपर) से चित्रानुसार उपकरण तैयार करके छान लेते हैं। इससे अमोनियम क्लोराइड का विलयन नीचे बीकर में एकत्रित हो जाता है तथा नैफ्थलीन अवशेष के रूप में फिल्टर पेपर पर एकत्रित हो जाता है।
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