प्राकृतिक संसाधनों का संपोषित प्रबंधन
प्रश्न श्रृंखला-1 # पृष्ठ संख्या 302
- हम प्राकृतिक संसाधनों (प्राकृतिक सम्पदा) का संरक्षण के लिए कम उपयोग’, ‘पुनः चक्रण’ एवं ‘पुनः उपयोग’ की नीति अपनाकर पर्यावरण पर पड़ने वाले दबाव को कम कर सकते हैं।
- हम जल, वायु, मृदा आदि को स्वयं भी प्रदूषित नहीं करेंगे और न औरों को करने देंगे।
- पर्यावरण के प्रति जनजागरण (जागरूकता) की अलख जगाएँगे।
प्रश्न श्रृंखला-2 # पृष्ठ संख्या 306
- वनों से हमें भोजन, ईंधन, इमारती लकड़ी, औषधियाँ आदि अनगिनत उपयोगी सामग्री प्राप्त होती है।
- वन हमारे पर्यावरण को शुद्ध करते हैं। हमें प्राण वायु ऑक्सीजन प्रदान करते हैं, भूमि क्षरण रोकते हैं तथा वर्षा को आमंत्रित करते हैं।
- वन्य जीवों से हमको बहुकीमती वस्तुएँ एवं औषधियाँ प्राप्त होती हैं; जैसे-हाथी दाँत, कस्तूरी, लाख, चमड़ा आदि।
- वनों के अतिदोहन पर अंकुश लगाकर तथा वृक्षारोपण के द्वारा वनों का संरक्षण किया जा सकता है।
- वन्य जीवों के शिकार (वध) पर रोक लगाकर एवं अभयारण्यों द्वारा उनका संरक्षण किया जा सकता है।
प्रश्न श्रृंखला-3 # पृष्ठ संख्या 310
पाठान्त अभ्यास के प्रश्नोत्तर
- सौर ऊर्जा उपकरणों का अधिकाधिक प्रयोग करना।
- किचन गार्डन बनाना तथा पौधारोपण करना।
- घरेलू कचरे को दो अलग-अलग पात्रों में रखना एक में जैव निम्नीकरणीय एवं दूसरे में अजैव निम्नीकरणीय।
- फल-सब्जियों के छीलन एवं अवशेषों को किचन गार्डन में पौधों में डालना।
- वर्षा जल संग्रहण करना।
- पॉलीथीन एवं प्लास्टिक की थैलियाँ एवं बर्तनों के स्थान पर कपड़े, कागज एवं पत्तों से बने थैले एवं बर्तनों को उपयोग में लाना।
- घर के अन्दर एवं बाहर की सफाई व्यवस्था बनाए रखना।
- संसाधनों का न्यूनतम मितव्ययिता के साथ उपयोग करना।
- विद्यालय के रिक्त स्थानों एवं प्रवेश मार्ग के दोनों ओर पौधारोपण करना तथा घास के मैदानों (लॉन) का प्रबन्ध करना।
- कूड़ा-करकट इत्यादि कूड़ेदान में डालना।
- शौचालय एवं पेशाबघरों की उचित व्यवस्था करना।
- शान्ति का वातावरण बनाए रखना।
- जल का अपव्यय नहीं करना।
- जहाँ आवश्यकता हो वहीं पर पंखे एवं बल्बों को चलाना।
- व्यर्थ विद्युत का अपव्यय नहीं करना।
- विद्यालय परिसर की स्वच्छता एवं सफाई का ध्यान रखना।
- अतिदोहन को रोकना।
- वन एवं वन्य जन्तुओं का संरक्षण करना।
- वृक्षारोपण एवं उनकी देखभाल करना।
(b) जल संसाधन:
- जल संसाधनों को प्रदूषण से बचाना।
- जल संसाधनों में कचरे, वाहित मलमूत्र आदि को प्रवाहित न करना।
- जल के दुरुपयोग को रोकना।
- वर्षा जल संग्रहण करना।
(c) कोयला एवं पेट्रोलियम:
- ईंधन एवं ऊर्जा के वैकल्पिक साधनों का अत्याधिक प्रयोग करना।
- साइकिल/बस से अथवा पैदल चलना।
- घरों में CFL एवं फ्लोरोसेण्ट ट्यूब तथा एल.ई.डी. लाइट का प्रयोग करना।
- सर्दियों में हीटर का प्रयोग न करके गर्म कपड़ों के द्वारा ठण्ड से बचना।
- मकान में लिफ्ट के स्थान पर सीढ़ियों का प्रयोग करना।
- उत्पादों को मितव्ययिता के साथ उपयोग करेंगे।
- उत्पादों को बर्बादी से रोकेंगे।
- इनकी बचत के लिए हम वैकल्पिक मार्ग चुनेंगे।
- अपनी आवश्यकताओं को सीमित करेंगे।
- ऐसी वस्तुओं के उपयोग कम कर देंगे जिनसे वन एवं वन्य जीवों तथा वन सम्पदा को क्षति पहुँचती है।
- अपनी आवश्यकताओं पर नियन्त्रण रखेंगे।
- ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों का उपयोग अधिकाधिक करेंगे।
- जीवाश्म ईंधन (खनिज तेलों) के उपयोग को कम करने के लिए अधिकतर पैदल, साइकिल या बसों का उपयोग करेंगे।
- जल की बचत करेंगे तथा प्रयुक्त जल को दूसरे भागों में उपयोग में लाएँगे।
- कम खर्च, पुनःचक्रण एवं पुन:उपयोग के सिद्धान्त को अपनाएँगे।
परीक्षोपयोगी अतिरिक्त प्रश्नोत्तर (वस्तुनिष्ठ प्रश्न / बहुविकल्पीय प्रश्न)
उत्तर: (b) (i), (ii) एवं (iii)
प्रश्न 14. संक्षिप्त शब्द GAP का विस्तृत रूप लिखिए –
(a) Government Agency for Pollution Control
(b) Gross Assimilation by Photosynthesis
(c) Ganga Action Plan
(d) Government Agency for Animal Protection
उत्तर: (c) Ganga Action Plan
प्रश्न 15. असत्य कथन का चयन कीजिए –
(a) आर्थिक विकास पर्यावरण संरक्षण से जुड़ा है।
(b) संपोषणीय विकास वर्तमान पीढ़ी के विकास को तो प्रोत्साहित करता ही है साथ ही भावी पीढ़ी के लिए संसाधनों का संरक्षण भी करता है।
(c) संपोषणीय विकास दावेदारों की विचारधारा को महत्व नहीं देता।
(d) संपोषणीय विकास दीर्घकालीन योजना और स्थायी विकास है।
उत्तर: (c) संपोषणीय विकास दावेदारों की विचारधारा को महत्व नहीं देता।
प्रश्न 16. निम्न में कौन प्राकृतिक संसाधन नहीं है?
(a) आम का पेड़।
(b) सर्प (साँप)।
(c) पवन।
(d) लकड़ी का घर।
उत्तर: (d) लकड़ी का घर।
प्रश्न 17. असत्य कथन का चयन कीजिए –
(a) वनों से हमको विभिन्न प्रकार के उत्पाद मिलते हैं।
(b) वनों में अधिकतर पादप विविधता मिलती है।
(c) वन मृदा का संरक्षण नहीं करते हैं।
(d) वन जल का संरक्षण करते हैं।
उत्तर: (c) वन मृदा का संरक्षण नहीं करते हैं।
प्रश्न 18. बंगाल के अराबाढ़ी वन क्षेत्र में अधिकता है –
(a) टीक वृक्षों की।
(b) साल वृक्षों की।
(c) बाँस वृक्षों की।
(d) मेंग्रूव की।
उत्तर: (b) साल वृक्षों की।
प्रश्न 19. भूमि जल स्तर क्षीण नहीं होगा-
(a) वनों के विकास एवं वृद्धि से।
(b) ताप विद्युत घरों से।
(c) वनों की क्षति एवं वर्षा की कमी से।
(d) उच्च जल माँग वाली फसलों के उगाने से।
उत्तर: (a) वनों के विकास एवं वृद्धि से।
प्रश्न 20. बड़े बाँध बनाने का विरोध इसलिए है –
(a) सामाजिक कारण।
(b) आर्थिक कारण।
(c) पर्यावरणीय कारण।
(d) उपर्युक्त सभी।
उत्तर: (d) उपर्युक्त सभी।
प्रश्न 21. खादिन, बंधिस, अहार एवं कट्टा आदि प्राचीन परम्परागत संरचनाएँ हैं जो निम्न का उदाहरण –
(a) अन्न भण्डारण।
(b) काष्ट भण्डारण।
(c) जल संग्रहण।
(d) मृदा संरक्षण।
उत्तर: (c) जल संग्रहण।
प्रश्न 22. निम्न में से पदों का सही संयोग (युग्म) चुनिए जिसमें जीवाश्म ईंधन नहीं है –
(a) पवन, समुद्र (सागर) एवं कोयला।
(b) कैरोसीन, पवन एवं ज्वार।
(c) पवन, लकड़ी एवं सूर्य।
(d) पेट्रोलियम, लकड़ी, सूर्य।
उत्तर: (c) पवन, लकड़ी एवं सूर्य।
प्रश्न 23. निम्न में से पर्यावरण-मित्र क्रियाकलाप का चयन कीजिए –
(a) आवागमन के लिए कार का उपयोग करना।
(b) खरीददारी के लिए पॉलीथीन की थैलियों का उपयोग।
(c) कपड़ों को रंगने के लिए रासायनिक रंगों (डाई) का इस्तेमाल करना।
(d) सिंचाई के लिए ऊर्जा उत्पन्न करने हेतु पवनचक्की का उपयोग करना।
उत्तर: (d) सिंचाई के लिए ऊर्जा उत्पन्न करने हेतु पवनचक्की का उपयोग करना।
प्रश्न 24. बाढ़ प्रभावित खड्डों या नालियों में चैकडेम बनाना आवश्यक है क्योंकि वे –
(i) सिंचाई के लिए जल संग्रह करते हैं।
(ii) जल संचय करते हैं तथा मृदा अपरदन को रोकते हैं।
(iii) भू-जल संग्रह करते हैं।
(iv) जूल को स्थायी रूप से संग्रह कर लेते हैं।
(a) (i) एवं (iv)
(b) (ii) एवं (iii)
(c) (iii) एवं (iv)
(d) (ii) एवं (iv)
उत्तर: (b) (ii) एवं (iii)
रिक्त स्थानों की पूर्ति
- ………. हेतु अमृता देवी विश्नोई राष्ट्रीय पुरस्कार की व्यवस्था भारत सरकार ने की।
- सुन्दरलाल बहुगुणा के नेतृत्व में …… आन्दोलन का काफी प्रचार-प्रसार हुआ।
- वर्षा के जल को एकत्रित करके भूमि के अन्दर संग्रहण करने की प्रक्रिया …….. कहलाती है।
- जल को नष्ट होने या समाप्त होने तथा प्रदूषित होने से बचाने की प्रक्रिया ……. कहलाती है।
- कुआँ …….. का स्रोत है।
उत्तर:-
- जीव संरक्षण।
- चिपको।
- वर्षा जल संग्रहण (रेनवाटर हार्वेस्टिंग)।
- जल संरक्षण।
- जल।
जोड़ी बनाइए :-
स्तम्भ ‘A’ स्तम्भ ‘B’
- कोयला, पेट्रोलियम (a) वन्य जीव संरक्षण
- तालाब, झील, कुऑ (b) वन संरक्षण
- काष्ठ (इमारती लकड़ी) (c) खनिज सम्पदा
- लायन सफारी (d) जल स्त्रोत
- वृक्षारोपण (e) वनोत्पाद
उत्तर:-
- → (c)
- → (d)
- → (e)
- → (a)
- → (b)
सत्य/असत्य कथन
- वनों के कटान से आर्थिक लाभ तो होता ही है, लेकिन पर्यावरण को कोई हानि नहीं पहुँचती।
- जल जीवन है।
- जंगली जन्तुओं का संरक्षण मानव के लिए खतरनाक हो सकता है।
- वन वर्षा को आमन्त्रित करते हैं तथा मृदा अपरदन को रोकते हैं।
- बाँधो से पर्यावरण को कोई हानि नहीं होती।
उत्तर:-
- असत्य।
- सत्य।
- असत्य।
- सत्य।
- असत्य।
एक शब्द/वाक्य में उत्तर
- जीवाश्म ईंधन का उदाहरण दीजिए।
- गंगा प्रदूषण का प्रमुख एक कारण बताइए।
- बंगाल के उस वन का नाम क्या है जिसको संरक्षित सर्वश्रेष्ठ वन का उदाहरण माना जाता है?
- अमृता देवी विश्नोई राष्ट्रीय पुरस्कार की व्यवस्था किस कार्य के लिए की गई?
- वनों को अंधाधुन्ध कटाव से बचाने के लिए चलाए गए आन्दोलन का क्या नाम है?
उत्तर:-
- कोयला एवं पेट्रोलियम
- अधजले शवों का विसर्जन
- अराबाड़ी साल वन
- जीव संरक्षण हेतु
- चिपको आन्दोलन।
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. जल संरक्षण किसे कहते हैं?
उत्तर: जल संरक्षण: “जल को नष्ट होने या समाप्त होने तथा प्रदूषित होने से बचाने की प्रक्रिया जल संरक्षण कहलाती है।”
प्रश्न 2. “वर्षा जल संग्रहण” या “रेनवाटर हार्वेस्टिंग” किसे कहते हैं?
उत्तर: “वर्षा जल संग्रहण” या “रेनवाटर हार्वेस्टिंग”:- “वर्षा के जल को एकत्रित करके भूमि के अन्दर संग्रह करने की प्रक्रिया “वर्षा जल संग्रहण” या “रेनवाटर हार्वेस्टिंग” कहलाती है।”
प्रश्न 3. “ग्राउण्ड वाटर रिचार्जिंग” किसे कहते हैं?
उत्तर: ग्राउण्ड वाटर रिचार्जिंग:- “रेनवाटर हार्वेस्टिग एवं जल संरक्षण” की विधियों द्वारा जल का भूमि में पुनः संग्रहण करना ग्राउण्ड वाटर रिचार्जिंग कहलाता है।
प्रश्न 4. गंगा नदी के जल प्रदूषण के दो मुख्य कारकों की सूची बनाइए। उल्लेख कीजिए कि किसी नदी के जल का प्रदूषण और संदूषण होना आस-पास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक क्यों सिद्ध होता है?
उत्तर: -गंगाजल को प्रदूषित करने वाले दो मुख्य कारक –
- अधजले शवों को गंगा में प्रवाहित करना।
- औद्योगिक अपशिष्टों एवं घरेलू अपशिष्टों को गंगा में प्रवाहित करना।
- किसी नदी के जल का प्रदूषित एवं संदूषित होना आस-पास के निवासियों के स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है। यह विभिन्न बीमारियों को जन्म देता है।
प्रश्न 5. चिपको आन्दोलन क्या था? इस आन्दोलन से अन्ततः स्थानीय लोगों और पर्यावरण को किस प्रकार लाभ हुआ?
उत्तर: चिपको आन्दोलन:- “हिमालय की ऊँची पर्वत श्रृंखलाओं वाले गढ़वाल के रेनी नामक ग्राम में पुरुषों की अनुपस्थिति में जब ठेकेदार अपने आदमियों को लेकर वृक्षों को काटने आया तो गाँव की स्त्रियाँ वहाँ पहुँचकर वृक्षों के तनों से चिपककर खड़ी हो गयीं। इस कारण ठेकेदार के आदमी वृक्षों को काट नहीं सके।
इस प्रकार उन स्त्रियों ने वन एवं वन्यजीव एवं पर्यावरण की रक्षा की। यह आन्दोलन चिपको आन्दोलन के नाम से प्रसिद्ध हुआ तथा सुन्दरलाल बहुगुणा के नेतृत्व में खूब फला-फूला।” इस आन्दोलन से वहाँ के निवासियों को अत्यन्त लाभ मिला, वे अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए ईंधन तथा अन्य सामग्री प्राप्त कर सके तथा पर्यावरण संरक्षित हुआ।
प्रश्न 6. (i) वनों एवं (ii) वन्य जीवन के संरक्षण के दो-दो लाभ लिखिए।
उत्तर:
(i) वनों के संरक्षण के लाभ:-
- इससे पर्यावरण सन्तुलित एवं प्रदूषण रहित रहता है जो वहाँ के निवासियों के लिए स्वास्थ्यप्रद है।
- वनों से विविध खाद्य सामग्री एवं औषधियाँ मिलती हैं।
(ii) वन्य जीवन के संरक्षण के लाभ:
- वन्य जीवों से हमें अनेक औषधियाँ तथा अन्य लाभदायक सामग्री मिलती है।
- वन्य जीव पर्यावरण सन्तुलन को बनाए रखते हैं।
प्रश्न 7. कोई पाँच वस्तुओं की एक लिस्ट बनाइए जिनका उपयोग आप प्रतिदिन विद्यालय में करते हैं।
उस लिस्ट में से उन वस्तुओं की पहचान कीजिए जिनका पुनर्चक्रण सम्भव है।
उत्तर: विद्यालय में प्रतिदिन प्रयुक्त पाँच वस्तुएँ –
(1) प्लास्टिक बॉक्स।
- रेक्सिन बैग।
- प्लास्टिक स्केल।
- स्टील चम्मच।
- कागज की नोटबुक एवं बुक्स।
निम्न का पुनर्चक्रण सम्भव है –
- प्लास्टिक बॉक्स।
- प्लास्टिक स्केल।
- स्टील चम्मच।
- कागज की नोटबुक एवं बुक्स।
प्रश्न 8. यद्यपि कोयला एवं पेट्रोलियम जैव-मात्रा या जैव अवशेषों के अपघटन (नवीकरण) से उत्पन्न होते हैं, फिर भी हम उनका संरक्षण आवश्यक क्यों समझते हैं?
उत्तर: दोनों ऊर्जा स्रोत कोयला एवं पेट्रोलियम बनने में लाखों-करोड़ों वर्ष का समय लेते हैं तथा इन स्रोतों के उपयोग (दोहन) की दर उनके उत्पादन की दर से कहीं अधिक है तथा प्रकृति में इनका भण्डारण भी सीमित है तथा इन्हें आसानी से उत्पन्न भी नहीं किया जा सकता। इसलिए जिस तरह इनका उपयोग हो रहा है, ये निकट भविष्य में समाप्त हो जाएँगे। इसलिए इनका संरक्षण आवश्यक है ताकि हमारी भावी पीढ़ी को उपयोग के लिए ये मिल सकें।
प्रश्न 9. सामुदायिक स्तर पर जल संग्रहण के दो लाभ लिखिए।
उत्तर:
सामुदायिक स्तर पर जल संग्रहण के दो लाभ:
- पृथ्वी का भूजल स्तर बढ़ जाता है।
- वर्षा ऋतु में संग्रह किया हुआ जल जब आवश्यकता हो तब प्रयोग में लाया जा सकता है।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. वन संरक्षण के लिए किये जाने वाले प्रयासों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर: वन संरक्षण के लिए प्रयास-वन संरक्षण के लिए राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं। प्रमुख प्रयास अग्रांकित हैं –
- वृक्षारोपण को प्रोत्साहन देना।
- आनुवंशिक आधार पर वृक्षों को तैयार करना।
- रोग प्रतिरोधी एवं कीट प्रतिरोधी वृक्षों को तैयार करना।
- सामाजिक वानिकी को प्रोत्साहित करना।
- वन एवं वन्य जीवों के संरक्षण के कार्यों को जन-आन्दोलन का रूप देना।
- मध्य प्रदेश सरकार द्वारा जलाई, 1987 में मुख्य वन संरक्षक के आधीन एक अलग प्रकोष्ठ की स्थापना की गई, जो वन संरक्षण तथा इसके विकास कार्यों की देखरेख करता है।
प्रश्न 2. भूमिगत जल स्तर गिरने के कारण लिखिए। घर में वर्षा के जल के संग्रहण की विधि लिखिए।
उत्तर: भूमिगत जल स्तर गिरने के प्रमुख कारण:
- हैण्डपम्प या सबमर्सीबल पम्पों की सहायता से भूमिगत जल का अत्यधिक दोहन।
- वर्षा जल की कमी।
- स्थानीय स्तर पर जल के अन्य स्रोतों नदी, तालाबों की उपलब्ध में कमी।
घर में वर्षा जल के संग्रहण की विधि:- घर की छतों को इस प्रकार बनाना चाहिए कि उस पर वर्षा के जल का बहाव एक ही दिशा में हो। पाइप लाइन की सहायता से इस पानी को जमीन के अन्दर पहुँचाना चाहिए जहाँ से यह जल कुओं एवं हैण्डपम्प वाले जल-स्रोतों में संग्रहित हो जाये।
प्रश्न 3. वर्षा जल संग्रहण के मुख्य उद्देश्य लिखिए।
उत्तर: वर्षा जल संग्रहण के मुख्य उद्देश्य:
- भूमिगत जल के गुणों में सुधार लाना।
- अति दोहन के कारण रिक्त हुए जलस्रोतों में जलापूर्ति बनाये रखना।
- वाहित मल-जल एवं औद्योगिक अपशिष्ट जल का पुनः चक्रण करना।
- जल के अति प्रवाह एवं भूमि क्षरण को रोकना।
- आगामी समय (भविष्य) के लिए जल का संग्रहण करना।
प्रश्न 4. कर्नाटक के एक गाँव में वहाँ के किसानों ने एक झील के चारों ओर फसल उगाना प्रारम्भ कर दिया। वह झील सदैव जल से भरी रहती थी। फसल उत्पादन बढ़ाने के लिए वे अपने खेतों में उर्वरकों का प्रयोग करते थे। शीघ्र ही उन्होंने देखा कि वह झील पूर्णतया हरे तैरते पौधों से भर गयी है तथा मछलियों ने बड़ी तेजी से मरना प्रारम्भ कर दिया है। स्थिति का विश्लेषण कीजिए तथा झील में हरे पौधों की अत्यधिक वृद्धि एवं मछलियों की मृत्यु के कारणों पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:- चूँकि किसानों ने अपनी फसल के उत्पादन के लिए अत्यधिक मात्रा में उर्वरकों का प्रयोग किया। वे उर्वरक वर्षा ऋतु में वर्षा के जल के साथ बहकर उस झील में पहुँच गए। चूँकि बहुत से उर्वरकों में फॉस्फेट एवं नाइट्रेटस होते हैं। इसलिए झील इन रसायनों से परिपूर्ण हो गयी। इन रसायनों ने जलीय पौधों की वृद्धि को प्रोत्साहित किया। इसलिए झील की सतह हरे तैरते जलीय पौधों से भर गयी। हरे पौधों से झील के जल की सतह पूर्णतया ढक जाने से जलीय जीवों को सूर्य का प्रकाश नहीं मिल सका तथा जल में घुली ऑक्सीजन की अपर्याप्त मात्रा मछलियों के तेजी से मरने का कारण बनी।
प्रश्न 5. अपने घरों में विद्युत ऊर्जा के संरक्षण के लिए क्या उपाय करेंगे?
उत्तर: घरों में विद्युत ऊर्जा के संरक्षण के उपाय –
- जब आवश्यकता न हो तो बिजली के पंखे एवं बल्ब आदि को बन्द कर देंगे, उनको तभी प्रयोग में लाएँगे जब आवश्यकता हो।
- सौर ऊर्जा का अधिकाधिक उपयोग करेंगे।
- प्रकाश के लिए कम शक्ति के फ्लोरोसेण्ट ट्यूब CFL एवं LED बल्बों का उपयोग करेंगे।
- ड़े के दिनों में जल को गर्म करने के लिए सौर तापन युक्तियों को प्रयोग में लाएँगे।
प्रश्न 6. वायुमण्डल में कार्बन डाइऑक्साइड के स्तर को कम करने के लिए कुछ उपाय सुझाइए।
उत्तर: वायुमण्डल में कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर कम करने के उपाय –
- जीवाश्म ईंधन (खनिज ईंधन) की स्वचालित वाहनों में खपत कम करके अर्थात् इनका न्यूनतम उपयोग करना तथा साइकिल, बस आदि वैकल्पिक साधनों का अधिकतम उपयोग करना।
- स्वचालित वाहनों में पेट्रोल डीजल के स्थान पर CNG एवं अन्य स्वच्छ ईंधन का उपयोग करके।
- घरों में ईंधन के रूप में लकड़ी, कोयला आदि का उपयोग न करके LPG सौर ऊर्जा एवं विद्युत ऊर्जा का उपयोग करके।
- कचरे (कूड़ा करकट) को जलाने के बजाय उसका खाद बनाकर।
- औद्योगिक धुएँ को वायुमण्डल में छोड़ने से पहले उसका उपचार करके।
- अधिकाधिक पौधारोपण द्वारा।
- अपशिष्ट जल का उपयोग भू-गर्म जल का स्तर बढ़ाने में किया जा सकता है।
- इसका उपयोग सिंचाई के लिए किया जा सकता है।
- प्रदूषित एवं संदूषित जल का उपयोग विभिन्न फसलों के लिए उर्वरक का कार्य कर सकता है।
- उपचारित जल का उपयोग वाहनों की सफाई तथा बागवानी में किया जा सकता है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. वन्य संसाधनों के अनियन्त्रित दोहन से क्या हो रहा है?
उत्तर: वन्य संसाधनों के अनियन्त्रित दोहन के प्रभाव-वन्य संसाधनों में वन्य जीव-जन्तु एवं पेड़-पौधे आते हैं।
- जलवायु में परिवर्तन हो रहा है।
- वायुमण्डल में कार्बन डाईआक्साइड की मात्रा बढ़ने से वायु प्रदूषण, ग्लोबल वार्मिंग, अम्ल वर्षा आदि की समस्याओं से जूझना पड़ रहा है क्योंकि कार्बन डाईआक्साइड को पेड़-पौधे
- प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया द्वारा प्राणवायु ऑक्सीजन में बदलते रहते हैं।
- वर्षा की कमी, भूमिगत जल स्तर में कमी तथा सतही जल का अभाव हो रहा है।
- पशुओं के लिए चारागाहों की कमी हो रही है।
- मरुस्थलीय भूमि में वृद्धि हो रही है।
- जन्तुओं (पशु एवं पक्षियों) के आवास नष्ट हो रहे हैं।
- वन सम्पदा की हानि हो रही है।
- भूमि क्षरण बढ़ रहा है।
- खाद्य श्रृंखला अव्यवस्थित हो रही है।
प्रश्न 2. वनों की एक संसाधन के रूप में क्या महत्ता है?
उत्तर: वन संरक्षण की मानव जीवन में उपयोगिता-वन मानव जीवन के लिए अत्यन्त उपयोगी हैं –
- ये पर्यावरण को सन्तुलित एवं प्रदूषण रहित रखते हैं।
- पशु-पक्षियों को आवास उपलब्ध कराते हैं।
- वर्षा को प्रोत्साहित करते हैं।
- वनों से विभिन्न प्रकार की खाद्य सामग्री प्राप्त होती है।
- वनों से फल, मेवे इत्यादि प्राप्त होते हैं।
- वनों से विभिन्न प्रकार की औषधियाँ मिलती हैं।
- वनों से उपयोगी इमारती लकड़ी प्राप्त होती है।
- वन पशुओं के लिए चारागाह का कार्य करते हैं। इस प्रकार वनों का संरक्षण करना मानव जीवन के लिए लाभदायक है।
- जलीय चक्र को पूरा करने के लिए वनों के विनाश को रोककर नया वृक्षारोपण करना।
- घास की अनेक जातियाँ उगाकर सतही जल को बनाये रखना।
- जल को सभी प्रकार के प्रदूषण से बचाना।
- घरेलू, नगरीय एवं औद्योगिक वाहित अपशिष्टों को जलाशयों में मिलने से रोकना या उपचारित करना।
- जल को मितव्ययिता से व्यय करना।
- पक्के जलाशय बनाना।
- रेन वाटर हार्वेस्टिंग एवं अण्डरग्राउण्ड वाटर रिचार्जिंग की विधियों का उपयोग करना।
- वृक्षारोपण करना।
- बाढ़ प्रबन्धन के उपाय द्वारा अतिरिक्त जल का उपयोग करके सतही जल का संरक्षण करना।
- बाढ़ के प्रकोप से बचने के लिए नदियों के दोनों ओर पक्के कुओं का निर्माण करके पक्की नालियों द्वारा उन्हें नदी से जोड़ना।
प्रश्न 4. (A) संलग्न चित्र (a) एवं (b) जल संग्राहकों (जल संग्रहण युक्तियों) की पहचान कीजिए तथा उनके नाम लिखिए। (B) निम्न में कौन दूसरे से अधिक लाभदायक है और क्यों?
- यह ऊर्ध्वपातन द्वारा नष्ट नहीं होता।
- यह पृथ्वी के अन्दर सभी जगह बहकर कुओं के जल स्तर को बढ़ाता है।
- यह पेड़-पौधों के बड़े क्षेत्र को नमी उपलब्ध कराता है।
- यह मानवीय अपशिष्टों एवं पशुओं द्वारा जल को प्रदूषित एवं संदूषित होने से रोकता है।
- यह कीड़े-मकोड़ों के प्रजनन एवं संपोषण को रोकता है।
(b) पुनः चक्रण (Recycle)।
(c) पुनः उपयोग (Reuse)। हमारे दैनिक जीवन में प्रयुक्त पदार्थों में से उपर्युक्त प्रत्येक कोटि के दो पदार्थों के नाम लिखिए।
उत्तर: मितव्यय अर्थात् कम उपयोग (Reduced use):- मितव्यय अर्थात् कम उपयोग का मतलब है कि हम किसी संसाधन का कम से कम उपयोग करें।
उदाहरण:
- जल एवं।
- विद्युत ऊर्जा।
(b) पुनः चक्रण-पुन:- चक्रण का अर्थ है जिस पदार्थ का हम उपयोग कर चुके हैं उस प्रयुक्त अपशिष्ट पदार्थ को किसी भी प्रक्रिया द्वारा उपयोगी पदार्थ में बदलना।
उदाहरण:
- प्लास्टिक या पॉलीथीन से बनी वस्तुएँ।
- कागज से बनी वस्तुएँ।
(c) पुनः उपयोग:- किसी वस्तु को उपयोग के बाद फेंकने के बजाय उसका बार-बार उपयोग करना। इसमें किसी भी रूप में पुन:चक्रण न तो छोटे स्तर पर और न ही बड़े स्तर पर सम्मिलित हैं। अर्थात् उस वस्तु को पुनः उसी रूप में प्रयुक्त करना है।
उदाहरण:
- प्रयुक्त खाली बोतलें।
- प्रयुक्त प्लास्टिक या पॉलीथीन की थैलियाँ।
प्रश्न 6. अपने प्रतिदिन के क्रियाकलापों की एक लिस्ट बनाइए जिनसे प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण हो सके अथवा ऊर्जा का उपयोग कम हो सके।
उत्तर: प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण एवं ऊर्जा की बचत हेतु दैनिक क्रियाकलाप:
- पानी की बोतल में बचे पानी का उपयोग बागवानी में करना।
- पौधों में जल पाइप से न देकर हजारे आदि से देना।
- वाहनों को प्रतिदिन धोने के बजाय उन्हें तभी धोना जब वे गन्दे हो अथवा इसकी आवश्यकता हो।
- कपड़ों के धोवन से घर की सफाई करना अथवा टॉयलेट को साफ करना।
- बिजली के पंखों एवं बल्बों का आवश्यकतानुसार उपयोग करना।
- सौर जल ऊष्मक का उपयोग जल गर्म करने के लिए तथा सौर कुकर का उपयोग भोजन पकाने के लिए करना।
- परम्परागत बल्बों के स्थान पर CFL एवं LED बल्बों को उपयोग में लाना।
- चलने के लिए पैदल या साइकिल का उपयोग तथा यात्रा के लिए यात्री बसों का उपयोग करना।
प्रश्न 7. (a) जल एक महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन है, जो जीवन के लिए अमृत है। आपके विज्ञान के शिक्षक यह चाहते हैं कि आप रचनात्मक मूल्यांकन क्रियाकलाप के लिए “प्राणाधार प्राकृतिक सम्पदा-जल को कैसे बचाएँ” विषय पर कोई योजना बनाइए। “जल को कैसे बचाएँ” के बारे में अपने पड़ोस में जागरूकता उत्पन्न करने के लिए कोई दो उपाय सुझाइए।
(b) किसी एक उपाय का नाम और उसकी व्याख्या कीजिए जिसके द्वारा भौम जल स्तर को नीचे गिरने से रोका जा सके।
उत्तर:
(a) “प्राणाधार प्राकृतिक सम्पदा-जल को कैसे बचाएँ” विषय पर योजना: निर्देश- इस योजना का छात्र अपने विज्ञान शिक्षक के सहयोग से स्वयं तैयार करें।
“जल को कैसे बचाएँ” के बारे में पड़ौस में जागरूकता पैदा करने के उपाय:
- जल के अपव्यय एवं दुरुपयोग को रोकने एवं मितव्ययता बरतने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।
- वर्षा जल संग्रहण के लिए उन्हें प्रोत्साहित करेंगे।
(b) भौम जल स्तर को नीचे गिरने से रोकने के उपाय – घर में वर्षा जल संग्रहण की विधि – भूमिगत जल स्तर गिरने के प्रमुख कारण:
- हैण्डपम्प या सबमर्सीबल पम्पों की सहायता से भूमिगत जल का अत्यधिक दोहन।
- वर्षा जल की कमी।
- स्थानीय स्तर पर जल के अन्य स्रोतों नदी, तालाबों की उपलब्ध में कमी।
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