अम्ल, क्षारक एवं लवण
प्रश्न 1. आपको तीन परखनलियाँ दी गई हैं। इनमें से एक में आसवित जल एवं शेष दो में से एक में अम्लीय विलयन तथा दूसरे में क्षारीय विलयन है। यदि आपको केवल लाल लिटमस पत्र दिया जाता है, तो आप प्रत्येक परखनली में रखे गए पदार्थों की पहचान कैसे करेंगे?
उत्तर:- हम दिए गए लाल लिटमस पत्र के तीन भाग कर देंगे और प्रत्येक परखनली में एक – एक भाग डुबोयेंगे जो लिटमस नीला हो जाएगा उसमें क्षारीय विलयन होगा, उसे पृथक् कर लेंगे। शेष दोनों परखनलियों में से एक में अम्लीय विलयन तथा दूसरी में आसवित जल होगा। क्षारीय विलयन वाली परखनली से नीले लिटमस को निकालकर दो भाग करके शेष दोनों परखनियों में एक – एक भाग डुबोयेंगे जिस परखनली का लिटमस पत्र पुनः लाल हो जाता है उसका विलयन अम्लीय होगा तथा दूसरी परखनली का आसुत जल। इस प्रकार तीनों विलयनों का परीक्षण कर लेंगे।
प्रश्न श्रृंखला-2 # पृष्ठ संख्या 24
प्रश्न 1. पीतल एवं ताँबे के बर्तनों में दही एवं खट्टे पदार्थ क्यों नहीं रखने चाहिए?
उत्तर:- दही एवं खट्टे पदार्थों में अम्ल होते हैं। ये पीतल से अभिक्रिया करके जिंक एवं कॉपर के तथा कॉपर, ताँबे से क्रिया करके कॉपर के लवण बनाते हैं जो विषाक्त होते हैं। इसलिए पीतल एवं ताँबे के बर्तनों में दही एवं खट्टे पदार्थ नहीं रखने चाहिए।
प्रश्न 2. धातु के साथ अम्ल की अभिक्रिया होने पर सामान्यतः कौन – सी गैस निकलती है? एक उदाहरण के द्वारा समझाइए। इस गैस की उपस्थिति की जाँच आप कैसे करेंगे?
उत्तर:- धातु के साथ अम्ल की अभिक्रिया होने पर प्रायः हाइड्रोजन (H2) गैस निकलती है।
जब हम जलती हुई तीली इस गैस के पास लाते हैं तो यह फट – फट की ध्वनि के साथ जलती है।
उत्तर: - HCl एवं HNO3 आदि जलीय विलयन में आयनित होकर हाइड्रोजन आयन (H+) अथवा हाइड्रोनियम आयन (H3O+) बनाते हैं जिसके कारण विलयन में अम्लीयता के अभिलक्षण प्रदर्शित होते हैं, जबकि ऐल्कोहॉल एवं ग्लूकोज जैसे यौगिक आयनित नहीं होते। इसलिए उनके विलयन में अम्लीयता के अभिलक्षण प्रदर्शित नहीं होते।
उत्तर: - अम्ल के जलीय विलयन में हाइड्रोजन आयन (H+) उत्पन्न होते हैं जो विद्युत् के वाहक होते हैं। इस कारण वे विद्युत् का चालन करते हैं।
उत्तर:- शुष्क हाइड्रोक्लोरिक गैस शुष्क लिटमस के साथ हाइड्रोजन आयन (H+) नहीं बनाती। इस कारण उसका रंग नहीं बदलती है।
उत्तर:- अम्ल का तनुकरण एक अत्यन्त ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया है तथा इसमें अत्यधिक मात्रा में ऊष्मा उत्पन्न होती है। अम्ल को जल में मिलाने पर जो ऊष्मा उत्पन्न होती जाती है वह जल द्वारा शोषित कर ली जाती है। इसलिए अम्ल को तनुकृत करने के लिए इसे जल में मिलाते हैं।
उत्तर:- अम्ल के विलयन को तनुकृत करते समय हाइड्रोनियम आयन (H3O+) की सान्द्रता प्रति इकाई आयतन कम हो जाती है।
उत्तर:- जब सोडियम हाइड्रॉक्साइड विलयन में आधिक्य क्षारक मिलाते हैं तो विलयन में हाइड्रॉक्साइड आयन (OH–) की सान्द्रता प्रति इकाई आयतन बढ़ जाती है।
उत्तर:- विलयन ‘A’ में हाइड्रोजन आयन (H+) की सान्द्रता अधिक होगी। विलयन ‘A’ अम्लीय विलयन है तथा विलयन ‘B’ क्षारकीय विलयन है।
उत्तर:- H+(aq) आयन की सान्द्रता बढ़ने पर विलयन को अम्लीय प्रकृति (अम्लीयता) बढ़ती जाती है। जबकि H+ आयन की सान्द्रता कम होने पर क्षारकीय प्रकृति बढ़ती है।
उत्तर:- हाँ, क्षारकीय विलयनों में भी H+(aq) आयन होते हैं, लेकिन उनमें H+(aq) आयनों की अपेक्षा OOH–(aq) आयनों की सान्द्रता अधिक होती है। इसलिए वे क्षारकीय होते हैं।
उत्तर:- जब खेत की मृदा अधिक अम्लीय होगी तो उस स्थिति में किसान बुझा या बिना बुझा चूना या चाक का उपयोग करेगा।
उत्तर:- विरंजक चूर्ण (ब्लीचिंग पाउडर)।
उत्तर:- बुझा हुआ चूना (कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड)।
उत्तर:- सोडियम कार्बोनेट (धोने का सोडा)।
उत्तर:- सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट के विलयन को गर्म करने पर सोडियम कार्बोनेट का विलयन बनता है तथा कार्बन डाइऑक्साइड गैस निकलती है।
अभिक्रिया का रासायनिक समीकरण:
उत्तर:- प्लास्टर ऑफ पेरिस की जल के साथ अभिक्रिया का समीकरण:
(a) 1
(b) 4
(c) 5
(d) 10
उत्तर: (d) 10
(a) NaCl
(b) HCl
(c) LiCl
(d) KCl
उत्तर: (b) HCl
(a) 4 ml
(b) 8 ml
(c) 12 ml
(d) 16 ml
उत्तर: - (d) 16 ml
(a) ऐण्टीबायोटिक (प्रतिजैविकी)
(b) ऐनालजेसिक (पीड़ाहारी)
(c) ऐन्टैसिड
(d) ऐन्टीसेप्टिक (प्रतिरोधी)
उत्तर: - (c) ऐन्टैसिड।
(a) तनु सल्फ्यूरिक अम्ल दानेदार जिंक के साथ अभिक्रिया करता है।
(b) तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल मैग्नीशियम पट्टी के साथ अभिक्रिया करता है।
(c) तनु सल्फ्यूरिक अम्ल ऐलुमिनियम चूर्ण के साथ अभिक्रिया करता है।
(d) तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल लोह के चूर्ण के साथ अभिक्रिया करता है।
उत्तर:- शब्द समीकरण:
संतुलित समीकरण:-
(a) Zn(s) + Dil. H2SO4(dil) → ZnSO4 (aq) + H2 ↑
(b) Mg(s) + 2HCl(dil) → MgCl2(aq) + H2 ↑
(c) 2Al(s) + 3H2SO4(dil) → Al2(SO4)3(aq) + 3H2 ↑
(d) Fe(s) + 2HCl (dil) → FeCl2(aq) + H2 ↑
प्रश्न 6. ऐल्कोहॉल एवं ग्लूकोज जैसे यौगिकों में भी हाइड्रोजन होते हैं, लेकिन इनका वर्गीकरण अम्ल की तरह नहीं होता है। एक क्रियाकलाप द्वारा इसे सिद्ध कीजिए।
उत्तर:-
एक कॉर्क पर दो कीलें लगाकर संलग्न आकृति के अनुसार 100 ml के बीकर में रखकर कीलों को 6 V की एक बैटरी के दोनों टर्मिनलों के साथ एक बल्ब एवं स्विच के माध्यम से जोड़ दीजिए।
• अब बीकर में थोड़ा तनु HCl डालकर विद्युत् धारा बीकर प्रवाहित कीजिए आप देखेंगे कि बल्ब जल जाता है।
• अब इस प्रयोग को तनु H2SO4 डालकर दोहराइए कील तनुकृत अम्लीय तो आप देखेंगे कि बल्ब पुनः जल जाता है।
• आप बारी – बारी से इस प्रयोग को ग्लूकोज विलयन एवं ऐल्कोहॉल विलयन के साथ भी दोहराइए। आप देखेंगे कि इनमें से किसी भी अवस्था में बल्ब नहीं जलता।
निष्कर्ष:- इससे स्पष्ट होता है कि अम्लों के विलयन विद्युत् धारा के चालक होते हैं जबकि ग्लूकोज एवं ऐल्कोहॉल के विलयन विद्युत् धारा के चालक नहीं होते और इसलिए इन्हें अम्लों की श्रेणी में विभाजित नहीं करते।
ज्ञातव्य:- अम्ल नीले लिटमस को लाल कर देते हैं, लेकिन ऐल्कोहॉल एवं ग्लूकोज के विलयन नहीं करते, इससे भी सिद्ध होता है कि ऐल्कोहॉल एवं ग्लूकोज में हाइड्रोजन होते हुए भी ये अम्ल की श्रेणी में नहीं आते।।
प्रश्न 7. आसवित जल विद्युत् का चालक क्यों नहीं होता, जबकि वर्षा का जल होता है?
उत्तर:- आसवित जल में हाइड्रोजन आयन (H+)
अथवा हाइड्रॉक्साइड आयन (OH–)
नहीं होते जो विद्युत् के वाहक होते हैं। इसलिए आसवित जल विद्युत का चालक नहीं होता। वहीं दूसरी ओर वर्षा जल में कुछ अम्ल की मात्रा मिली होती है जो हाइड्रोजन आयन (H+)
देती है, इसलिए वर्षा जल विद्युत् का चालक होता है।
प्रश्न 8. जल की अनुपस्थिति में अम्ल का व्यवहार अम्लीय क्यों नहीं होता?
उत्तर:- जल की अनुपस्थिति में अम्ल हाइड्रोजन आयन (H+)
नहीं देते जो अम्लीय व्यवहार के कारक है। इसलिए जल की अनुपस्थिति में अम्ल का व्यवहार अम्लीय नहीं होता है।
प्रश्न 9. पाँच विलयनों A, B, C, D एवं E की जब सार्वत्रिक सूचक से जाँच की जाती है, तो pH के मान क्रमशः 4, 1, 11, 7 एवं 9 प्राप्त होते हैं, कौन – सा विलयन?
(a) उदासीन है।
(b) प्रबल क्षारीय है।
(c) प्रबल अम्लीय है।
(d) दुर्बल अम्लीय है।
(e) दुर्बल क्षारीय है।
उत्तर:
(a) विलयन ‘D’ उदसीन है। (pH = 7)
(b) विलयन ‘C’ प्रबल क्षारीय है (pH = 11)
(c) विलयन ‘B’ प्रबल अम्लीय है। (pH = 1)
(d) विलयन ‘A’ दुर्बल अम्लीय है। (pH = 4) एवं
(e) विलयन ‘E’ दुर्बल क्षारीय है। (pH = 9)
इन pH मानों को हाइड्रोजन आयनों की सान्द्रता के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित कीजिए।
प्रश्न 10. परखनली ‘A’ एवं ‘B’ में समान लम्बाई की मैग्नीशियम की पट्टी लीजिए। परखनली ‘A’ में हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl) तथा परखनली ‘B’ में ऐसीटिक अम्ल (CH3COOH) डालिए। दोनों अम्लों की मात्रा तथा सान्द्रता समान है। किस परखनली में अधिक तेजी से बुदबुदाहट होगी और क्यों?
उत्तर:- परखनली ‘A’ में अधिक तेजी से बुदबुदाहट होगी क्योंकि इसमें हाइड्रोक्लोरिक अम्ल है जो ऐसीटिक अम्ल से बहुत अधिक प्रबल है।
प्रश्न 11. ताजे दूध का pH मान 6 होता है। दही बन जाने पर इसके pH के मान में क्या परिवर्तन होगा? अपना उत्तर समझाइए।
उत्तर:- दही बन जाने पर दूध का pH मान घट जाएगा, क्योंकि दही में अम्ल होता है जिससे दूध में हाइड्रोजन आयनों (H+)
का सान्द्रण बढ़ जाएगा।
प्रश्न 12. एक ग्वाला ताजे दूध में थोड़ा बेकिंग सोडा मिलाता है –
- ताजा दूध के pH के मान को 6 से बदलकर थोड़ा क्षारीय क्यों बना देता है?
- इस दूध को दही बनने में अधिक समय क्यों लगता है?
उत्तर:
- बेकिंग सोडा क्षारीय (क्षारकीय) होता है जिसका pH मान 7 से अधिक होता है। इसको दूध (pH मान) में मिलाने से दूध का pH मान बढ़कर 7 से अधिक हो जाता है। इससे दूध क्षारीय हो जाता है।
- बेकिंग सोडा मिले दूध का pH मान साधारण दूध के pH मान से अधिक होता है। इसलिए दही बनने के लिए दूध को अधिक समय लगता है।
प्रश्न 13. प्लास्टर ऑफ पेरिस को आर्द्र – रोधी बर्तन में क्यों रखा जाना चाहिए? इसकी व्याख्या कीजिए।
उत्तर :- प्लास्टर ऑफ पेरिस आर्द्रताग्राही होता है और आर्द्रता (नमी या जलवाष्प) से क्रिया करके कठोर ठोस पदार्थ का निर्माण करता है। इसलिए प्लास्टर ऑफ पेरिस को आर्द्र – रोधी बर्तन में रखा जाना चाहिए।
प्रश्न 14. उदासीनीकरण अभिक्रिया क्या है? दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:- उदासीनीकरण: -“अम्ल और क्षारक परस्पर अभिक्रिया करके एक – दूसरे को उदासीन कर देते हैं और लवण एवं जल का निर्माण करते हैं। यह प्रक्रिया उदासीनीकरण कहलाती है।”
उदाहरण:-
उत्तर:- धोने के सोडा के उपयोग:-
- इसका उपयोग काँच, साबुन एवं कागज उद्योगों में होता है।
- इसका उपयोग घरों में साफ – सफाई के लिए होता है।
- इसका प्रमुख उपयोग बेकरी में उपयोग आने वाले बेकिंग पाउडर बनाने में होता है।
- इसका उपयोग सोडा – अम्ल अग्निशामक में किया जाता है।
अतिरिक्त प्रश्नोत्तर (वस्तुनिष्ठ प्रश्न)
(i) विलयन का तापक्रम बढ़ता है।
(ii) विलयन का तापक्रम घटता है।
(iii) विलयन का ताप अपरिवर्तित रहता है।
(iv) लवण बनता है।
(a) केवल (i)
(b) (i) एवं (ii)
(c) (ii) एवं (iii)
(d) (i) एवं (iv)
उत्तर:- (d) (i) एवं (iv)
(a) बेकिंग पाउडर
(b) चूना
(c) अमोनियम हाइड्रॉक्साइड विलयन
(d) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल
उत्तर:- (d) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल
(a) निकली गैस का अवशोषण करना
(b) गैस को आर्द्र बनाना
(c) गैस से आर्द्रता का अवशोषण करना
(d) प्राप्त गैस में C – आयन को अवशोषित करना।
उत्तर:- (c) गैस से आर्द्रता का अवशोषण करना
(a) नीला थोथा
(b) खाना सोडा
(c) धावन सोडा
(d) जिप्सम
उत्तर:- (b) खाना सोडा
(a) प्रबल अम्ल एवं प्रबल क्षारक
(b) दुर्बल अम्ल एवं दुर्बल क्षारक
(c) प्रबल अम्ल एवं दुर्बल क्षारक
(d) दुर्बल अम्ल एवं प्रबल क्षारक
उत्तर:- (d) दुर्बल अम्ल एवं प्रबल क्षारक
(a) क्षारकीय
(b) अम्लीय
(c) उदासीन
(d) उभयधर्मी
उत्तर:- (a) क्षारकीय
(a) लैमन जूस
(b) सिरका
(c) नमक
(d) प्रति अम्ल
उत्तर:- (d) प्रति अम्ल
(a) जल < ऐसीटिक एसिड < हाइड्रोक्लोरिक एसिड
(b) जल < हाइड्रोक्लोरिक एसिड < ऐसीटिक एसिड
(c) ऐसीटिक एसिड < जल < हाइड्रोक्लोरिक एसिड
(d) हाइड्रोक्लोरिक एसिड < जल < ऐसीटिक एसिड।
उत्तर:- (a) जल < ऐसीटिक एसिड < हाइड्रोक्लोरिक एसिड
(a) नमक के घोल में हाथ को धोएँगे
(b) हाथ को तुरन्त पर्याप्त जल में धोएँगे और सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट का पेस्ट लगा देंगे
(c) पर्याप्त जल से धोने के बाद हाथ पर सोडियम हाइड्रॉक्साइड का विलयन लगा देंगे
(d) किसी तीव्र क्षारक द्वारा अम्ल का उदासीनीकरण करेंगे
उत्तर:- (b) हाथ को तुरन्त पर्याप्त जल में धोएँगे और सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट का पेस्ट लगा देंगे
(i) यह चूने के पानी को दूधिया कर देती है।
(ii) यह जलती तीली को बुझा देती है।
(iii) यह सोडियम हाइड्रॉक्साइड के विलयन में घुल जाती है।
(iv) इसकी गंध बहुत तीखी है।
(a) (i) एवं (ii)
(b) (i), (ii) एवं (iii)
(c) (ii), (iii) एवं (iv)
(d) (i) एवं (iv)
उत्तर:- (b) (i), (ii) एवं (iii)
(i) धावन सोडा
(ii) विरजंन चूर्ण
(iii) खाना सोडा
(iv) बुझा चूना
(a) (i) एवं (ii)
(b) (i), (ii) एवं (iv)
(c) (i) एवं (iii)
(d) (i), (iii) एवं (iv)
उत्तर:- (c) (i) एवं (iii)
(a) हाइड्रोक्लोरिक एसिड
(b) टार्टरिक एसिड
(c) ऐसीटिक एसिड
(d) सल्फ्यूरिक एसिड
उत्तर:- (b) टार्टरिक एसिड
(a) अम्लीय
(b) उदासीन
(c) क्षारकीय
(d) संक्षारक
उत्तर:- (c) क्षारकीय
(i) उच्च pH मान प्रबल अम्ल
(ii) उच्च pH मान दुर्बल अम्ल
(iii) निम्न pH मान प्रबल क्षारक
(iv) निम्न pH मान दुर्बल क्षारक
(a) (i) एवं (iii)
(b) (ii) एवं (iii)
(c) (i) एवं (iv)
(d) (ii) एवं (iv)
उत्तर:- (d) (ii) एवं (iv)
(a) 7 से कम
(b) 7 से अधिक
(c) 7 के बराबर
(d) शून्य (0)
उत्तर:- (a) 7 से कम
(i) आयनीकरण
(ii) उदासीनीकरण
(iii) तनुकरण
(iv) लवण निर्माण
(a) (i) एवं (ii)
(b) (i) एवं (iii)
(c) (ii) एवं (iii)
(d) (ii) एवं (iv)
उत्तर:- (b) (i) एवं (iii)
(a) लिटमस
(b) हल्दी
(c) वनीला ऐसेन्स
(d) पिटूनिया की पत्तियाँ
उत्तर:- (c) वनीला ऐसेन्स
(a) संगमरमर
(b) चूना पत्थर
(c) खाना सोडा
(d) चूना
उत्तर: (d) चूना
(a) लाइम जूस
(b) मानव रक्त
(c) चूने का पानी
(d) प्रति अम्ल
उत्तर:- (a) लाइम जूस
(a) हाइड्रोक्लोरिक एसिड
(b) सल्फ्यूरिक एसिड
(c) नाइट्रिक एसिड
(d) अम्लराज
उत्तर:- (d) अम्लराज
(a) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल
(b) साइट्रिक अम्ल
(c) सल्फ्यूरिक अम्ल
(d) नाइट्रिक अम्ल
उत्तर:- (b) साइट्रिक अम्ल
प्रश्न 22. निम्नलिखित में कौन क्षारक नहीं है?
(a) NaOH
(b) KOH
(c) NH4OH
(d) C2H5OH
उत्तर:- (d) C2H5OH
प्रश्न 23. निम्नलिखित में कौन हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के तनु अम्लीय विलयन में उपस्थित है?
(a) H3O+ + Cl–
(b) H3O+ + OH–
(c) Cl– + OH–
(d) अनआयनित HCl
उत्तर:- (a) H3O+ + Cl–
प्रश्न 24. कोई छात्र साबुनीकरण अभिक्रिया के अभिक्रिया मिश्रण की एक बूंद पहले नीले लिटमस पत्र पर फिर लाल लिटमस पत्र पर डालता है। वह यह प्रेक्षण करता है कि –
(a) नीले लिटमस पत्र में कोई परिवर्तन नहीं होता और लाल लिटमस पत्र सफेद हो जाता है।
(b) लाल लिटमस पत्र में कोई परिवर्तन नहीं होता और नीला लिटमस पत्र लाल हो जाता है।
(c) नीले लिटमस पत्र में कोई परिवर्तन नहीं होता और लाल लिटमस पत्र नीला हो जाता है।
(d) दोनों ही लिटमस पत्रों के रंग में कोई परिवर्तन नहीं होता है।
उत्तर:- (c) नीले लिटमस पत्र में कोई परिवर्तन नहीं होता और लाल लिटमस पत्र नीला हो जाता है।
प्रश्न 25. आपके विद्यालय के पास – पड़ोस में प्रयोग के लिए आवश्यक कोई कठोर जल उपलब्ध नहीं है। आपके विद्यालय में उपलब्ध लवणों के नीचे दिखाए समूहों में से वह एक समूह चुनिए जिसके प्रत्येक सदस्य को आसुत जल में घोलने पर वह उसे कठोर जल बना देता है।
(a) सोडियम क्लोराइड, कैल्सियम क्लोराइड।
(b) पोटैशियम क्लोराइड, सोडियम क्लोराइड।
(c) सोडियम क्लोराइड, मैग्नीशियम क्लोराइड।
(d) कैल्सियम क्लोराइड, मैग्नीशियम क्लोराइड।
उत्तर:- (d) कैल्सियम क्लोराइड, मैग्नीशियम क्लोराइड।
प्रश्न 26. जब आप एक परखनली में सोडियम बाइकार्बोनेट का चूर्ण लेकर उसमें ऐसीटिक अम्ल की कुछ बूंदें डालते हैं तो निम्नलिखित में से कौन – सा प्रेक्षण करते हैं?
(a) कोई अभिक्रिया नहीं होती।
(b) तीखी गंध वाली रंगहीन गैस का तीव्र बुदबुदाहट के साथ विमोचन।
(c) तीव्र बुदबुदाहट के साथ भूरे रंग की गैस का विमोचन।
(d) रंगहीन, गंधहीन गैस के बुलबुलों का बनना।
उत्तर:- (d) रंगहीन, गंधहीन गैस के बुलबुलों का बनना।
प्रश्न 27. किसी छात्र को उसकी प्रयोगशाला में प्रयोग करने के लिए कठोर जल चाहिए जो आस – पास के क्षेत्र में उपलब्ध नहीं है। प्रयोगशाला में कुछ लवण हैं, जो आसुत जल में घोलने पर उसे कठोर जल बना सकते हैं। लवण के निम्नलिखित समूहों में से वह समूह चुनिए जिसके प्रत्येक लवण को आसुत जल में घोले जाने पर उसे कठोर जल बना देगा।
(a) सोडियम क्लोराइड, पोटैशियम क्लोराइड।
(b) सोडियम सल्फेट, पोटैशियम सल्फेट।
(c) सोडियम सल्फेट, कैल्सियम सल्फेट।
(d) कैल्सियम सल्फेट, कैल्सियम क्लोराइड।
उत्तर:- (d) कैल्सियम सल्फेट, कैल्सियम क्लोराइड।
प्रश्न 28. जब आप ऐसीटिक अम्ल को लाल और नीले लिटमस पत्रों पर डालते हैं, तब क्या प्रेक्षण करते हैं?
(a) लाल लिटमस लाल ही रहता है और नीला लिटमस लाल हो जाता है।
(b) लाल लिटमस नीला हो जाता है और नीला लिटमस नीला ही रहता है।
(c) लाल लिटमस नीला हो जाता है और नीला लिटमस लाल हो जाता है।
(d) लाल लिटमस रंगहीन हो जाता है और नीला लिटमस नीला ही रहता है।
उत्तर:- (a) लाल लिटमस लाल ही रहता है और नीला लिटमस लाल हो जाता है।
प्रश्न 29. कोई छात्र चार परखनलियों P, Q, R और S में प्रत्येक में लगभग 4 ml आसुत जल लेकर परखनली P में सोडियम सल्फेट, Q में पोटैशियम सल्फेट, R में कैल्सियम सल्फेट और S में मैग्नीशियम सल्फेट की समान मात्रा को प्रत्येक में घोलता है। इसके पश्चात् वह प्रत्येक परखनली में साबुन के विलयन की समान मात्रा मिलाता है। इन सभी परखनलियों को भली-भाँति हिलाने पर, वह नीचे दी गई किन परखननियों में काफी मात्रा में झाग का प्रेक्षण करता है?
(a) P और Q
(b) Q और R
(c) P, Q और S
(d) P, R और S
उत्तर:- (a) P और Q
प्रश्न 30. निम्नलिखित में कौन – सा कथन सत्य नहीं है?
(a) सभी धातु – कार्बोनेट अम्लों से अभिक्रिया करके लवण, जल एवं कार्बन डाइऑक्साइड गैस देते हैं।
(b) सभी धातु – ऑक्साइड जल से अभिक्रिया करके लवण एवं अम्ल बनाते हैं।
(c) कुछ धातुएँ अम्लों से अभिक्रिया करके लवण एवं हाइड्रोजन गैस देते हैं।
(d) कुछ अधातु – ऑक्साइड जल से अभिक्रिया करके अम्ल बनाते हैं।
उत्तर:- (b) सभी धातु – ऑक्साइड जल से अभिक्रिया करके लवण एवं अम्ल बनाते हैं।
प्रश्न 31. अम्लों के लिए कौन – सा कथन सत्य है?
(a) कड़वा स्वाद, लाल लिटमस को नीला कर देता है।
(b) खट्टा स्वाद, लाल लिटमस को नीला कर देता है।
(c) खट्टा स्वाद, नीले लिटमस को लाल कर देता है।
(d) खट्टा स्वाद, लाल लिटमस को नीला कर देता है।
उत्तर:- (c) खट्टा स्वाद, नीले लिटमस को लाल कर देता है।
प्रश्न 32. जब हाइड्रोक्लोरिक गैस को जल में प्रवाहित करते हैं तो निम्न में कौन – से कथन सत्य हैं?
(i) यह सहसंयोजी यौगिक है इसलिए जल में आयनीकृत नहीं होता है।
(ii) यह विलयन में आयनीकृत हो जाता है।
(iii) यह हाइड्रोजन एवं हाइड्रॉक्सिल दोनों प्रकार के आयन देता है।
(iv) यह विलयन में हाइड्रोजन आयन के जल संयोजन के कारण हाइड्रोनियम आयन देता है।
(a) केवल (i)
(b) केवल (iii)
(c) (ii) एवं (iv)
(d) (iii) एवं (iv)
उत्तर: - (c) (ii) एवं (iv)
रिक्त स्थानों की पूर्ति
- धात्विक ऑक्साइड प्रायः ………….. होते हैं।
- अधात्विक ऑक्साइड प्रायः …………. होते हैं।
- जल एक ……….. ऑक्साइड है।
- अम्ल नीले लिटमस पत्र को ………. कर देते हैं।
- क्षारक लाल लिटमस पत्र को ……….. कर देते हैं।
उत्तर:-
- क्षारकीय
- अम्लीय
- उदासीन
- लाल
- नीला
जोड़ी बनाइए :-
स्तम्भ अ स्तम्भ ब
- ब्लीचिंग पाउडर (a) कॉच-निर्माण में
- खाना सोड़ा (b) H2एवं cl2 बनाने में
- धावन सोड़ा (c) विरंजन हेतु
- सोडियम क्लोराइड (d) प्रतिअम्लीय
उत्तर: -
- → (c)
- → (d)
- → (a)
- → (b)
स्तम्भ अ स्तम्भ ब
- लैक्टिक अम्ल (a) टमाटर
- ऐसीटिक अम्ल (b) नींबू
- साइट्रिक अम्ल (c) सिरका
- ऑक्जेलिक अम्ल (d) दही
उत्तर:
- → (d)
- → (c)
- → (b)
- → (a)
उत्तर:
- → (b)
- → (c)
- → (d)
- → (a)
सत्य/असत्य कथन
- CH3OH एक क्षार है, चूँकि इसमें OH उपलब्ध है।
- मेथिल ओरेन्ज एवं फीनॉल्पथैलिन संश्लेषित अम्ल – क्षार सूचक होते हैं।
- NH3 एक अम्ल है, क्योंकि इसमें H उपलब्ध है।
- लिटमस एक प्राकृतिक अम्ल – क्षार सूचक है।
- CO एक अम्लीय ऑक्साइड है।
- असत्य
- सत्य
- असत्य
- सत्य
- असत्य
एक शब्द/वाक्य में उत्तर:-
- शुद्ध जल का pH मान क्या है?
- अम्लों के pH मान की परिसर क्या है?
- क्षारों के pH मान की परिसर क्या है?
- प्रबल अम्ल एवं प्रबल क्षार से बने लवण की प्रकृति कैसी होगी?
- प्रबल अम्ल एवं दुर्बल क्षार से बने लवण की प्रकृति कैसी होगी?
- दुर्बल अम्ल एवं प्रबल क्षार से बने लवण की प्रकृति कैसी होगी?
- अम्ल एवं क्षार की अभिक्रिया से क्या बनता है?
- अम्ल धात्विक कार्बोनेटों से अभिक्रिया करके कौन – सी गैस निकालते हैं?
- प्रायः तनु अम्ल कुछ धातुओं से अभिक्रिया करके कौन – सी रंगहीन गैस निकालते हैं?
- अम्ल एवं क्षारों की अभिक्रिया को क्या कहते हैं?
- 7
- 7 से कम
- 7 से अधिक
- उदासीन
- अम्लीय
- क्षारीय
- लवण एवं जल
- कार्बन डाइऑक्साइड गैस (CO2)
- हाइड्रोजन गैस (H2)
- उदासीनीकरण
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
उत्तर:- अम्ल: “वे पदार्थ जो स्वाद में खट्टे होते हैं तथा नीले लिटमस पत्र को लाल कर देते हैं, अम्ल कहलाते हैं।”
उत्तर:- क्षारक: “वे पदार्थ जो स्वाद में तीखे या कड़वे या कसैले होते हैं तथा लाल लिटमस पत्र को नीला कर देते हैं, क्षारक कहलाते हैं।”
उत्तर:- क्षार: “जल में विलेय क्षारक क्षार कहलाते हैं।”
उत्तर:- अम्ल – क्षार सूचक:- “वे प्राकृतिक या संश्लेषित रसायन जो अम्ल एवं क्षार की उपस्थिति को सूचित करते हैं, अम्ल – क्षार सूचक कहलाते हैं।”
उत्तर:- तनुकरण:- “जल में अम्ल या क्षारक मिलाने से विलयन में HO+ अथवा OH– आयन की सान्द्रता कम हो जाती है। इस प्रक्रिया को तनुकरण कहते हैं।”
उत्तर:- गंधीय सूचक:- “कुछ पदार्थ ऐसे होते हैं जिनकी गंध अम्लीय या क्षारकीय माध्यम में बदलने पर बदल जाती है, ऐसे पदार्थ गंधीय सूचक कहलाते हैं।” ये सूचक दृष्टिबाधित छात्रों को अम्ल-क्षारों की पहचान में सहायक होते हैं।
उत्तर:- pH स्केल: - “किसी विलयन में उपस्थित हाइड्रोजन आयन की सान्द्रता ज्ञात करने के लिए एक स्केल विकसित किया गया जिसे pH स्केल कहते हैं।”
उत्तर:अम्लीय वर्षा: -“वर्षा के जल का pH मान जब 5 – 6 से कम हो जाता है, तो वह अम्लीय वर्षा कहलाती है।”
उत्तर:- क्लोर – क्षार अभिक्रिया: - “जब सोडियम क्लोराइड के जलीय विलयन में विद्युत् धारा प्रवाहित की जाती है तो यह वियोजित होकर क्लोरीन गैस एवं सोडियम हाइड्रॉक्साइड (क्षार) उत्पादित करते हैं। इस प्रक्रिया को क्लोर – क्षार प्रक्रिया या क्लोर-क्षार अभिक्रिया कहते हैं।”
उत्तर:- क्रिस्टलीकरण: - “कुछ लवण शुद्ध अवस्था में विशिष्ट ज्यामितीय ठोस आकार के एक समान एवं चमकदार कण के रूप में होते हैं, जिन्हें क्रिस्टल कहते हैं तथा क्रिस्टल बनाने की प्रक्रिया क्रिस्टलीकरण कहलाती है।”
उत्तर:- क्रिस्टलन जल: “लवण के एक सूत्र इकाई में जल के निश्चित अणुओं की संख्या को क्रिस्टलन जल कहते हैं।”
उत्तर:- चींटी के डंक में मेथेनॉइक अम्ल (फॉर्मिक अम्ल) होता है। इसका रासायनिक सूत्र HCOOH होता है। इसके उपचार के लिए कोई उपलब्ध क्षारकीय लवण जैसे खाने वाला सोडा लगाना चाहिए।
उत्तर:- अण्डे के खोल में कैल्सियम कार्बोनेट होता है। जब हम नाइट्रिक अम्ल डालते हैं तो यह कार्बन डाइऑक्साइड गैस देता है। रासायनिक समीकरण निम्नलिखित है –
CaCO3 + 2HNO3 → Ca(NO3)2 + H2O + CO2
प्रश्न 14. एक छात्रा ने दो अलग – अलग परखनलियों में विलयन बनाए –
- में एक अम्ल
- में एक क्षार लेकिन वह लेबल लगाना भूल गई। दोनों ही विलयन रंगहीन एवं गंधहीन थे तथा लिटमस पत्र उपलब्ध नहीं था। ऐसी स्थिति में वह कैसे पहचान करेगी?
उत्तर:- वह संश्लेषित रासायनिक सूचक फीनॉल्पथेलिन या मेथिल ऑरेन्ज अथवा प्राकृतिक सूचक हल्दी या चाइनारोज (गुड़हल) का प्रयोग कर सकती है।
प्रश्न 15. जब जिंक धातु की किसी तनु प्रबल अम्ल से अभिक्रिया कराई जाती है तो एक गैस उत्पन्न होती है, जो तेलों के हाइड्रोजनीकरण में प्रयुक्त होती है। इस गैस का नाम एवं सूत्र लिखिए तथा अभिक्रिया का समीकरण दीजिए। इसका परीक्षण कैसे करेंगे?
उत्तर: - हाइड्रोजन गैस (H2):
Zn + 2HCl → ZnCl2 + H2
जब इस गैस के पास जलती हुई तीली लाते हैं तो यह गैस फक की आवाज के साथ जलती है।उत्तर:- विरंजक चूर्ण: CaOCl2
- प्लास्टर ऑफ पेरिस: : CaSO4. 12 H2O
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.निम्न पदार्थों की लिटमस पत्र पर क्या क्रिया होगी? शुष्क HCl गैस, आर्द्र NH3 गैस, लैमन जूस, कार्बोनेटेड सॉफ्ट ड्रिंक, दही, साबुन का विलयन।
उत्तर: दिए हुए पदार्थों का लिटमस पत्र पर प्रभाव –
प्रश्न 2. बेकिंग पाउडर एवं धावन सोडा को गर्म करके कैसे अन्तर करेंगे?
उत्तर: - बेकिंग पाउडर सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट (NaHCO3) होता है, जबकि धावन सोडा सोडियम कार्बोनेट (Na2CO3.10H2O) होता है। गर्म करने पर बेकिंग पाउडर (NaHCO3) कार्बन डाइऑक्साइड गैस देता है जो चूने के पानी को दूधिया कर देता है। जबकि धावन सोडा (Na2CO3.10H2O) ऐसी कोई गैस नहीं देता बल्कि उसका क्रिस्टलन जल निकल जाता है।
प्रश्न 3. सॉल्ट ‘A’ का प्रयोग सामान्यतः बेकरी उत्पाद बनाने में होता है। यह गर्म करने पर दूसरे सॉल्ट ‘B’ में परिवर्तित हो जाता है जो स्वयं जल की कठोरता दूर करने में प्रयुक्त होता है और एक गैस ‘C’ निकलती है। जब यह गैस चूने के पानी में प्रवाहित की जाती है, तो उसे दूधिया कर देती है। A, B और C की पहचान कीजिए।
उत्तर:- साल्ट ‘A’ बेकिंग पाउडर (NaHCO3) है जो सामान्यतः बेकरी उत्पादों में प्रयुक्त होता है। गर्म करने पर यह सोडियम कार्बोनेट (Na2CO3) साल्ट ‘B’ एवं कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) गैस ‘C’ बनाता है। सोडियम कार्बोनेट कठोर जल की कठोरता दूर करने में प्रयुक्त होता है तथा कार्बन डाइऑक्साइड गैस चूने के पानी को दूधिया कर देती है।अत: A – NaHCO3, B – Na2CO3 एवं C – CO2 गैस है। समीकरण – 2NaHCO3 अमा, Na2CO3 + H2O + CO2
प्रश्न 4. सोडियम हाइड्रॉक्साइड के निर्माण में प्रयुक्त एक औद्योगिक प्रक्रिया एक गैस ‘X’ उप – उत्पाद के रूप में उत्पन्न होती है गैस ‘X’ चूने के पानी से अभिक्रिया करके यौगिक ‘Y’ देती है जो कि विरंजक चूर्ण की तरह प्रयुक्त होता है। ‘X’ एवं ‘Y’ की पहचान कीजिए तथा होने वाली अभिक्रियाओं के समीकरण दीजिए।
उत्तर: -सोडियम हाइड्रॉक्साइड के उत्पादन में हाइड्रोजन गैस एवं क्लोरीन गैस (‘X’) उप – उत्पाद के रूप में उत्पन्न होती है जब क्लोरीन गैस (‘X’) चूने के पानी से अभिक्रिया करती है तो यह कैल्सियम ऑक्सीक्लोराइड (‘Y’) का निर्माण करती है जोकि विरंजक चूर्ण की तरह प्रयुक्त होता है।
रासायनिक समीकरण:
प्रश्न 5. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
उत्तर:-
प्रश्न 6. ‘प्रबल अम्ल’ एवं ‘दुर्बल अम्लों’ से क्या समझते हो? निम्न में से प्रबल अम्ल एवं दुर्बल अम्ल छाँटिए हाइड्रोक्लोरिक अम्ल, साइट्रिक अम्ल, ऐसीटिक अम्ल, नाइट्रिक अम्ल, फॉर्मिक अम्ल एवं सल्फ्यूरिक अम्ल।
उत्तर: -
प्रबल अम्ल: “विलयन में अधिक संख्या में H+ आयनया H3O+ आयनउत्पन्नकरनेवालेअम्लप्रबलअम्लकहलातेहैं।”
दुर्बल अम्ल: “विलयन में कम संख्या में H+ आयन या H3O+ आयन उत्पन्न करने वाले अम्ल दुर्बल अम्ल कहलाते हैं।
प्रबल अम्ल: हाइड्रोक्लोरिक अम्ल, नाइट्रिक अम्ल एवं सल्फ्यूरिक अम्ल।
दुर्बल अम्ल: साइट्रिक अम्ल, ऐसीटिक अम्ल एवं फॉर्मिक अम्ल।
प्रश्न 7. एक सामान्य क्षारक B की शुष्क गोलियाँ जब खुली हवा में रख दी जाती हैं तो चिपचिपी हो जाती हैं। यह क्षारक क्लोर-ऐल्कली प्रक्रिया का एक उप – उत्पाद है। B की पहचान कीजिए। जब B की क्रिया किसी अम्लीय ऑक्साइड से होती है तो किस प्रकार की अभिक्रिया होती है ? रासायनिक अभिक्रिया का एक संतुलित समीकरण लिखिए।
उत्तर:- क्षारक B सोडियम हाइड्रॉक्साइड है जो वायु में खुला रखने पर वायु की नमी को सोख लेता है चूँकि यह आर्द्रताग्राही है इसलिए यह चिपचिपा हो जाता है। यह क्लोर – ऐल्कली प्रक्रिया का उप – उत्पाद है। जब इसकी अम्लीय ऑक्साइड CO2 से अभिक्रिया होती है तो लवण Na2CO3 तथा जल बनाता है।
2NaOH + CO2 → Na2CO3 + H2O
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. प्रयोगशाला में हाइड्रोजन गैस बनाते समय एक परखनली में दानेदार जिंक लेकर उसमें तनु सल्फ्यूरिक अम्ल डाला जाता है तो हाइड्रोजन गैस बुलबुलों के साथ निकलती है। निम्न परिवर्तन करने पर क्या होगा?
दानेदार जिंक के स्थान पर जिंक पाउडर लिया जाए।
तनु सल्फ्यूरिक अम्ल की जगह तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल लिया जाए।
जिंक के स्थान पर ताँबे की छीलन ली जाए।
तनु सल्फ्यूरिक अम्ल के स्थान पर सोडियम हाइड्रॉक्साइड लेकर परखनली को गर्म किया जाए।
उत्तर:-
दानेदार जिंक के स्थान पर जिंक पाउडर लेने से पाउडर दानों की अपेक्षा अधिक तेजी से अभिक्रिया करेगा इससे अधिक तेजी से हाइड्रोजन गैस बनेगी।
तनु सल्फ्यूरिक अम्ल के स्थान पर तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल लेने पर अभिक्रिया पूर्ववत् रहेगी तथा समान मात्रा में हाइड्रोजन गैस बनेगी।
कॉपर की छीलन तनु सल्फ्यूरिक अम्ल से अभिक्रिया करके हाइड्रोजन विस्थापित नहीं करेगा। इस कारण इस अवस्था में हाइड्रोजन गैस नहीं बनेगी
जब तनु सल्फ्यूरिक अम्ल के स्थान पर सोडियम हाइड्रॉक्साइड लेकर गर्म किया जाता है तो वह जिंक से अभिक्रिया करके हाइड्रोजन गैस देता है इस लिए हाइड्रोजन गैस निकलेगी।
प्रश्न 2. केक बनाने के लिए बेकिंग पाउडर का प्रयोग किया जाता है। यदि घर पर आपकी माता जी केक बनाने के लिए बेकिंग सोडा का प्रयोग करें, तो –
- यह केक के स्वाद को किस प्रकार प्रभावित करेगा और क्यों?
- बेकिंग सोडा को किस प्रकार बेकिंग पाउडर में परिवर्तित किया जा सकता है?
- टार्टरिक अम्ल का बेकिंग सोडा में मिलाने का क्या महत्व है?
उत्तर:
- गर्म करने पर बेकिंग सोडा धावन सोडा में परिवर्तित हो जाता है जिसका स्वाद कड़वा होता है। इसलिए केक में कड़वापन आ जाता है।
- बेकिंग सोडा में उपयुक्त मात्रा में टार्टरिक अम्ल मिलाने से बेकिंग सोडा बेकिंग पाउडर में परिवर्तित हो जाता है।
- टार्टरिक एसिड बेकिंग के समय बेकिंग सोडा के गर्म होने पर बने धावन सोडा से अभिक्रिया करके उसे उदासीन कर देता है। इस कारण केक का स्वाद कड़वा नहीं होता।
प्रश्न 3. एक धातु का कार्बोनेट X एक अम्ल से अभिक्रिया करके एक गैस निकालता है जिसे एक विलयन Y में प्रवाहित करने पर पुनः धातु कार्बोनेट बनाता है। दूसरी तरफ एक गैस G जो नमक के विलयन के विद्युत् अपघटन के समय धनाग्र पर प्राप्त होती है, को यदि शुष्क Y पर प्रवाहित करते हैं तो एक यौगिक Z बनता है जिसका उपयोग पीने की पानी को कीटाणु रहित बनाने के काम आता है। X, Y,G एवं Z की पहचान कीजिए।
उत्तर:- नमक के विलयन के विद्युत् अपघटन के समय धनाग्र पर प्राप्त गैस क्लोरीन होती है अतः G क्लोरीन गैस (Cl2) है। जब क्लोरीन गैस को शुष्क Ca(OH)2 अर्थात् (Y) में प्रवाहित करने पर ब्लीचिंग पाउडर (CaOCl2) बनता है अत: Y बुझा चूना [Ca(OH)2] है तथा Z ब्लीचिंग पाउडर (CaOCl2) है।
चूँकि Y एवं Z कैल्सियम लवण हैं इसलिए X भी कैल्सियम लवण होगा। अतः X कैल्सियम कार्बोनेट [CaCO3] है, चूँकि
CaCO3 + 2HCl → CaCl2 + CO2 + H2O
Ca(OH)2 + CO2 → CaCO3 + H2O
प्रश्न 4. आवर्त तालिका के समूह – दो के एक तत्व का सल्फेट लवण एक सफेद एवं मुलायम पदार्थ है। इसकी लोई (लुग्दी) बनाकर इसे किसी भी आकार में ढाला जा सकता है। यदि इस यौगिक को कुछ समय के लिए वायु में खुला छोड़ दिया जाता है तो यह एक ठोस पदार्थ बनाता है जिसे ढालने के उद्देश्य से प्रयुक्त नहीं किया जा सकता। इस सल्फेट लवण की पहचान कीजिए और बताइए कि वह ऐसा व्यवहार क्यों करता है? सम्बन्धित अभिक्रियाओं के समीकरण भी दीजिए।
उत्तर:- वह पदार्थ जो विभिन्न आकार की वस्तुएँ बनाने के काम आता है, वह प्लास्टर ऑफ पेरिस है। इसका रासायनिक नाम कैल्सियम सल्फेट हेमीहाइड्रेट [CaSO4. 12 H2O] है अर्थात् CaSO4 के दो सूत्र मात्रक एक अणु जल से युक्त होते हैं। अर्थात् [2CaSO4.H2O]. इसलिए परिणामस्वरूप यह मुलायम होता है। जब यह पदार्थ हवा में कुछ समय के लिए छोड़ दिया जाता है तो यह वायुमण्डल से नमी (आर्द्रता) का अवशोषण करके जलयोजित होकर एक कठोर ठोस पदार्थ जिप्सम बनाता है जिसका उपयोग ढालने के उद्देश्य से नहीं किया जा सकता। अभिक्रिया का समीकरण:
प्रश्न 5. निम्न अभिक्रियाओं के आधार पर यौगिक X की पहचान कीजिए। साथ ही A, B एवं C के नाम एवं रासायनिक सूत्र भी लिखिए –
X = सोडियम हाइड्रॉक्साइड [NaOH]
A = सोडियम जिंकेट [Na2ZnO2]
B = सोडियम क्लोराइड [NaCl]
C = सोडियम ऐसीटेट [CH3COONa]
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